डा. दिव्या जी की पोस्ट पर ब्लॉगर्स भी अपनी राय दे रहे हैं।
हमने कहा कि
आपके सुझाव वास्तव में ही अच्छे हैं और इन पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
नाम सुझाकर आपने चुनावकारियों का काम और ज़्यादा आसान कर दिया है।
परंतु इस नाचीज़ का कहना यह है कि हज़ारों ब्लॉगर्स के योगदान का आकलन चुनाव द्वारा संभव नहीं है।
जो ब्लॉगर्स कहीं कमेंट देने नहीं जाते, जो कभी ब्लॉगर्स मीट आयोजित नहीं करते, जो रू ब रू किसी से नहीं मिलते और जिनके फ़ोलोअर्स कम हैं, उन ब्लॉगर्स में से एक का भी नाम टॉप पर नहीं आ सकता।
इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
क्या साहित्यकारों के योगदान का आकलन किसी देश में जनता के चुनाव द्वारा किया जाता है ?
यदि नहीं तो फिर ब्लॉगर्स के योगदान के आकलन के लिए चुनाव का आयोजन क्यों ?
इसके बावजूद भी आपने बहुत से ऐसे नाम सुझाएं हैं जिन्होंने वास्तव में ही हिंदी ब्लॉगिंग को बहुत कुछ दिया है।
एक अच्छी पोस्ट के लिए शुक्रिया !
विमान, जो बाज की शक्ल का है
-
ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला करने वाले बी-2 स्पिरिट स्टैल्थ बॉम्बर का जन्म
प्राकृतिक दुनिया के अध्ययन से हुआ है, जिसमें सबसे उल्लेखनीय है पेरेग्रीन
फैल...
0 comments:
Post a Comment