'वेद क़ुरआन' पर देखिये एक अनोखा सच
अपने परिवार के किसी सदस्य से शिकायतों के बावजूद भी हम उसे सरे आम रूसवा कभी नहीं करते लेकिन संघ, दल और परिषद के लोगों के लिए हमारे जज़्बात बदल जाते हैं।
इसकी वजह सिर्फ़ यही है कि हम उन्हें अपने भाई और बहन की नज़र से, अपने परिवार की नज़र से नहीं देखते। राजनीतिक स्वार्थ ने हमारी नज़र बदल दी है। हमें अपनी नज़र और अपने नज़रिए को दुरूस्त करने की ज़रूरत है।
हर वक्त हम यही सोचते रहते हैं कि बस हमारा भला हो जाए।
मुसलमान का काम यह नहीं है बल्कि यह सोचना है कि हमसे दूसरों का भला हो जाए।
देखिए अल्लाह क्या हुक्म दे रहा है-
‘और भलाई और बुराई बराबर नहीं हो सकती, तुम बुराई को उस तरह दूर करो जो सबसे बेहतर हो, उस सूरत में तुम देखोगे कि तुम्हारे और जिस व्यकित के बीच दुश्मनी थी, मानो वह गहरा दोस्त बन गया है; और यह चीज़ केवल उन लोगों को मिलती है जो सब्र करते हैं और जो बड़े भाग्यशाली हैं।‘
-क़ुरआन 41,34-35
अल्लाह हमें भाग्यशाली बनने का रास्ता दिखा रहा है और हम हैं कि उसके दिखाए रास्ते पर क़दम बढ़ाने के लिए तैयार ही नहीं हैं।
नफ़ाबख्श बनिए और लोगों के दिलों पर राज कीजिए Spiritual Love
अपने परिवार के किसी सदस्य से शिकायतों के बावजूद भी हम उसे सरे आम रूसवा कभी नहीं करते लेकिन संघ, दल और परिषद के लोगों के लिए हमारे जज़्बात बदल जाते हैं।
इसकी वजह सिर्फ़ यही है कि हम उन्हें अपने भाई और बहन की नज़र से, अपने परिवार की नज़र से नहीं देखते। राजनीतिक स्वार्थ ने हमारी नज़र बदल दी है। हमें अपनी नज़र और अपने नज़रिए को दुरूस्त करने की ज़रूरत है।
हर वक्त हम यही सोचते रहते हैं कि बस हमारा भला हो जाए।
मुसलमान का काम यह नहीं है बल्कि यह सोचना है कि हमसे दूसरों का भला हो जाए।
देखिए अल्लाह क्या हुक्म दे रहा है-
‘और भलाई और बुराई बराबर नहीं हो सकती, तुम बुराई को उस तरह दूर करो जो सबसे बेहतर हो, उस सूरत में तुम देखोगे कि तुम्हारे और जिस व्यकित के बीच दुश्मनी थी, मानो वह गहरा दोस्त बन गया है; और यह चीज़ केवल उन लोगों को मिलती है जो सब्र करते हैं और जो बड़े भाग्यशाली हैं।‘
-क़ुरआन 41,34-35
अल्लाह हमें भाग्यशाली बनने का रास्ता दिखा रहा है और हम हैं कि उसके दिखाए रास्ते पर क़दम बढ़ाने के लिए तैयार ही नहीं हैं।
नफ़ाबख्श बनिए और लोगों के दिलों पर राज कीजिए।
आज ज़मीन पर क़ब्ज़े के लिए मारामारी मची हुई है लेकिन दिल वीरान पड़े हैं,
दुश्मन भी दिल रखता है और दिल हमेशा प्यार का प्यासा होता है।
कौन है जो इस प्यास को बुझाए ?
कौन है जो लोगों के दिलों पर हुकूमत करे ?
ज़माने भर के दिलो-नज़र किसी का इन्तेज़ार कर रहे हैं।
दिल जीतने के लिए क़दम बढ़ाईये।
आज ज़मीन पर क़ब्ज़े के लिए मारामारी मची हुई है लेकिन दिल वीरान पड़े हैं,
दुश्मन भी दिल रखता है और दिल हमेशा प्यार का प्यासा होता है।
कौन है जो इस प्यास को बुझाए ?
कौन है जो लोगों के दिलों पर हुकूमत करे ?
ज़माने भर के दिलो-नज़र किसी का इन्तेज़ार कर रहे हैं।
दिल जीतने के लिए क़दम बढ़ाईये।
2 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
लिंक आपका है यहीं, कोई नहीं प्रपंच।।
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार (02-09-2012) के चर्चा मंच पर भी की गयी है!
सूचनार्थ!
उसकी मरजी उसकी
हमारी मरजी हमारी
किसको किसकी
बात समझ में आरी?
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