इंदौर की अर्चना जी का शुक्रिया जिन्होंने इस पोस्ट को बेहतरीन अंदाज़ मैं पढ़ा.. आप सब भी सुने.
इमाम हुसैन की शहादत को नमन करते हुए हमारी ओर से श्रद्धांजलि…इस लेख़ के ज़रिये मैंने एक कोशिश की है यह बताने की के धर्म कोई भी हो जब यह राजशाही , बादशाहों, नेताओं का ग़ुलाम बन जाता है तोज़ुल्म और नफरत फैलाता है और जब यह अपनी असल शक्ल मैं रहता है तो, पैग़ाम ए मुहब्बत "अमन का पैग़ाम " बन जाता है. …..एस0 एम0 मासूम
'हिन्दी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेश्नल' पर
2 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (25-11-2012) के चर्चा मंच-1060 (क्या ब्लॉगिंग को सीरियसली लेना चाहिए) पर भी होगी!
सूचनार्थ...!
इमाम हुसैन को हमारी ओर से श्रद्धांजलि.
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