सलीम अख्तर सिददीक़ी यही बता रहे हैं अपनी पोस्ट में।
धार्मिक प्रवचन के बीच अधर्म
...और हमने इस पर यह कमेंट दिया है कि
आपको खुद पता नहीं था कि उन्हें कैसे समझाना चाहिए था।
आप उन्हें हदीस बता देते। जिसमें कहा गया है कि फ़ालतू पानी न बहाओ चाहे दरिया के किनारे ही क्यों न बैठे हो .
आपको पानी की बर्बादी रोकने वाली हदीस का हवाला देना चाहिए था और बताना चाहिए था कि यह इसलाम के खि़लाफ़ है। अल्लाह ने क़ुरआन में फ़िज़ूलख़र्ची करने वालों को शैतान का भाई बताया है। देखिए क़ुरआन 17, 27
"निश्चय ही फ़ु़ज़ूलख़र्ची करनेवाले शैतान के भाई है और शैतान अपने रब का बड़ा ही कृतघ्न है।"
अल्लाह ने शैतान का ठिकाना जहन्नम बताया है।
हाजी जी को अपना ठिकाना जहन्नम में नज़र आता तो वह पानी बर्बाद न करते।
नेकी की बात को हिकमत यानि तत्वदर्शिता से समझाना ज़रूरी है।
2 comments:
ओह-
आभार आदरणीय-
हर हर बम बम -
चर्चा में शामिल करने के लिए आपका शुक्रिया.
सबको पर्व की शुभकामनाएं.
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