भारत की बहादुर बेटियों में परवीन का नाम भी दर्ज हो गया। उसके शौहर ज़िया उल हक़ को माफ़ियाओं ने क़त्ल कर दिया। परवीन ने बिना डरे राजा भैया का नाम लिया और उस पर केस दर्ज हो गया। उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी को मिलने के लिए मजबूर किया और अपनी मांगें मनवाईं।
दुख के आलम में भी इंसाफ़ के लिए ज़ालिमों के खि़लाफ़ लड़ना बहुत बहादुरी का काम है। मालिक उसके हौसले और उसकी उम्र में बरकत दे और उसके शौहर को जन्नत उल फ़िरदौस में जगह दे।
आमीन !
देखिये भारतीय नारी ब्लॉग पर एक रचना
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