लेखकOct 28, 2013 09:28 AMसभी पोस्ट देखें
ज्ञानतंत्र की रहस्य-बोध कथाएं यह एक फ़र्ज़ी क़िस्सा है यानि एक ऐसा क़िस्सा, जिसकी हक़ीक़त समझना हर उस आदमी का फ़र्ज़ है जिसका कोई भाई-बंधु किसी दंगे में मारा जा चुका है या अभी तक मारा नहीं गया है। क़िस्से की तरह इसके पात्र और देशकाल भी पूरी तरह फ़र्ज़ी हैं। किसी भीआगे पढ़ें...16 कॉमेंट
और ख़ुदा ने उनकी किसमत में जि़ला वतनी न लिखा होता तो उन पर दुनिया में भी
(दूसरी तरह) अज़ाब करता और आख़ेरत में तो उन पर जहन्नुम का अज़ाब है ही
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सूरए अल हश्र
सूरए अल हश्र मक्का में नाजि़ल हुआ, और उसकी चैबीस (24) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
जो चीज़...
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जय हो
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