लेखकOct 28, 2013 09:28 AMसभी पोस्ट देखें
ज्ञानतंत्र की रहस्य-बोध कथाएं यह एक फ़र्ज़ी क़िस्सा है यानि एक ऐसा क़िस्सा, जिसकी हक़ीक़त समझना हर उस आदमी का फ़र्ज़ है जिसका कोई भाई-बंधु किसी दंगे में मारा जा चुका है या अभी तक मारा नहीं गया है। क़िस्से की तरह इसके पात्र और देशकाल भी पूरी तरह फ़र्ज़ी हैं। किसी भीआगे पढ़ें...16 कॉमेंट
और (कुफ़्फ़ार अरब) कहते हैं कि इस (रसूल) पर उसके परवरदिगार की तरफ़ से
मौजिज़े क्यों नही नाजि़ल होते (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि मौजिज़े तो बस ख़ुदा ही
के पास हैं और मै तो सिर्फ़ साफ़ साफ़ (अज़ाबे ख़ुदा से) डराने वाला हूँ
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और (कुफ़्फ़ार अरब) कहते हैं कि इस (रसूल) पर उसके परवरदिगार की तरफ़ से
मौजिज़े क्यों नही नाजि़ल होते (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि मौजिज़े तो बस ख़ुदा ही
के पास ...
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जय हो
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