दोस्तों, मैंने कल अपनी भतीजी चारू जैन के साथ एक छोटी सी रोहतक,
हरियाणा की यात्रा की. जो उम्मीदों के अनुरूप बहुत ही निराशाजनक रही. दरअसल
मेरी भतीजी एम.बी.बी.एस का कोर्स करना चाहती है. पिछले साल ही बारहवीं पास
कर ली थी और दाखिले से पहले होने वाली परीक्षा में भी पास हो गई थी. लेकिन
उसकी आयु कम होने के कारण दाखिला नहीं मिल पाया था.
हरियाणा की यात्रा की. जो उम्मीदों के अनुरूप बहुत ही निराशाजनक रही. दरअसल
मेरी भतीजी एम.बी.बी.एस का कोर्स करना चाहती है. पिछले साल ही बारहवीं पास
कर ली थी और दाखिले से पहले होने वाली परीक्षा में भी पास हो गई थी. लेकिन
उसकी आयु कम होने के कारण दाखिला नहीं मिल पाया था.
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निर्भीक-आजाद पंछी: कुछ यात्राएँ निराशाजनक भी साबित होती है:
1 comments:
सहमत.
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