आज की यदि हम गौर करें तो सबसे महत्वपूर्ण समस्या है पर्यावरण प्रदूषण की.और यही वह वजह है जो आज के युवाओं और बच्चों को निगल रही है.आपने भी देखा होगा की आज २०-२२ वर्ष के युवा भी हृदयाघात के शिकार हो रहे हैं .क्या कभी सोचा है की हमारा इस पर्यावरण के प्रति क्या उत्तरदायित्व है नहीं न मैं तो अपने क्षेत्र को जानती हूँ जिसमे मुझे एक दो लोगो को छोड़ कर कोई इस दिशा में जागरूक नहीं दिखा .यहाँ लोग इसी ताक में रहते है की कोई दूसरा ही इस काम को कर दे तो अच्छा नहीं तो जो चल रहा है चलने दो.यहाँ की नगर पालिका इस विषय में कहने के बावजूद भी अक्षमता ही दिखाती है और एस.डी.एम्.का आदेश भी तब तक चलता है जब तक वह यहाँ रहता है जैसे ही उसका तबादला हुआ सफाई व्यवस्था पुराने ढर्रे पर वापस लौट आती है.इस सम्बन्ध में ''हमारा पर्यावरण''ब्लॉग एक उल्लेखनीय कार्य कर रहा है और आप सभी को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का शुभ आयोजन कर रहा है.पिछले दिनों इस ब्लॉग ने पर्यावरण पर एक आलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया किन्तु यह बेहद दुखद रहा की उसे इस सम्बन्ध में ब्लोग्गर्स से अंतिम तारीख बढ़ाने के बावजूद बहुत कम आलेख मिल पाए जिस कारण उसका इन्हें पुस्तक रूप में प्रकाशित करने का सपना चूर-चूर हो गया. आजकल वह भेजे गए आलेखों को क्रमवार प्रकाशित कर रहा है मैं चाहती हूँ की आप सभी इस ब्लॉग पर जाएँ और पर्यावरण के सम्बन्ध में जानकारी हासिल करें आज इस ब्लॉग पर शिखा कौशिक जी का आलेख प्रकाशित हुआ है उसे पढ़ें और पर्यावरण के संवर्धन व् सुधार के लिए कम से कम एक तुलसी का पौधा अवश्य लगायें.
शालिनी कौशिक
2 comments:
prerak aalekh v rochak prastutikaran .aabhar
Nice post.
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