मेरा ख्वाब एक ............
कल रात की ही तो बात है
मेने
एक हसीन
ख़्वाब देखा था
सभी जो लोग है
सभी जो ब्लोगर्स है
एक साथ बेठे
हंस बोल रहे थे
एक दुसरे को
प्यार से पपोल रहे थे
फिर यह क्या
सुबह ऐसी क्यूँ हुई
खुबसूरत ख़्वाब
जो देखा था मेने
वोह फिर अलसुबह
क्यूँ टूट गया
खुशनुमा माहोल का दामन
एक बार फिर मुझ से
क्यूँ रूठ गया
इलाही
अब तो तू ही
कुछ ऐसा कर
जो बिखर रहे हैं ब्लोगर्स
उन्हें
प्यार अपनेपन की
सिक्ख देकर
खुशियों के साथ
एक कर
मेरा ख्वाब एक
खुदा
कुछ भी हो
अब तो सच कर ....................
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
1 comments:
सुन्दर रचना।
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