यह जानने के लिए देखें ‘अनवरत‘ पर वकील साहब द्विवेदी जी की मर्माहत कर देने वाली पोस्ट।
http://anvarat.blogspot.com/2011/06/blog-post_22.html
(ऐ रसूल) पहर दिन चढ़े की क़सम
-
सूरए जुहा मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी ग्यारह (11) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
(ऐ रसूल) पहर दिन चढ़े की...
1 comments:
Post a Comment