शिल्पा जी को गीता से प्रेम है। उनके ब्लॉग पर आप जाएंगे तो यह बात पहली नज़र में ही जान जाएंगे। आज उन्होंने ईमेल से हमें अपनी नई पोस्ट का लिंक भेजा और हम वहां गए। आपको लिंक हम दे रहे हैं, आप भी होकर आईये न
और (कुफ़्फ़ार अरब) कहते हैं कि इस (रसूल) पर उसके परवरदिगार की तरफ़ से
मौजिज़े क्यों नही नाजि़ल होते (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि मौजिज़े तो बस ख़ुदा ही
के पास हैं और मै तो सिर्फ़ साफ़ साफ़ (अज़ाबे ख़ुदा से) डराने वाला हूँ
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और (कुफ़्फ़ार अरब) कहते हैं कि इस (रसूल) पर उसके परवरदिगार की तरफ़ से
मौजिज़े क्यों नही नाजि़ल होते (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि मौजिज़े तो बस ख़ुदा ही
के पास ...
1 comments:
सार्थक प्रस्तुति .आभार
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