निवेदन
* भारतीय नारी ब्लॉग के योगदानकर्ता आने वाले माह में किस विषय पर लिखना चाहेंगे ?
*इस ब्लॉग के पाठक किस विषय पर पढना चाहेंगें ?
इन विषयों में से चुनें-
*दहेज़ प्रथा का जीवन पर कुप्रभाव
*महिला सशक्तिकरण -दशा व् दिशा
*कामकाजी नारी की समस्याएं
अन्य कोई विषय आप सुझाना चाहें तो आपका हार्दिक स्वागत है .३१ अगस्त २०११ तक टिप्पणी रूप में सूचित करने की अनुकम्पा करें .
शिखा कौशिक
4 comments:
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है! यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
शास्त्री जी
नमस्कार
कोई विषय तो चुनकर बताते आप भी .
आभार
शिखा जी ,यूँ तो आपका विषय चयन लाजवाब है किन्तु क्योंकि आपने इनमे से एक विषय सुझाने के लिए कहा है तो मैं चाहती हूँ की भारतीय नारी पर सितम्बर महीने का विषय ''कामकाजी महिलाओं की समस्याएं ''रहे.शेष आपकी इच्छा पर निर्भर है क्योंकि ब्लॉग व्यवस्थापक तो आप ही हैं और आपका निर्णय ही हम सभी को मान्य है
.
न छोड़ते हैं साथ कभी सच्चे मददगार
नारी-व्यथा पर आपकी पोस्ट पढ़कर एक फ़िल्मी गाना,जो मुझे बहुत प्रिय है,याद आ गया.
गाना है:-
नारी जीवन झूले की तरह,इस पार कभी,उस पार कभी.
होंठों पे मधुर मुस्कान कभी,आँखों में असुवन धार कभी.
ये पूरा गाना कभी u-tube पर सुनियेगा.
नारी भारत में हमेशा सम्मान की नज़र से देखी जाती रही है.
हाँ,वर्तमान में पाश्चात्य पहनावे को अपना लेना दुखद है तथा भारतीय सोच के विपरीत है..अतः पहनावे पर नारी को पुनर्विचार की आवश्यकता है
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