Friday, August 5, 2011

बिना लाग लपेट के सुना रही हैं खरी खरी Lady Rachna

 ब्लॉगर्स  मीट के बारे में   
(1) रचना has left a new comment on the post "हिंदी ब्लोगिंग में स्नेह और प्यार -सतीश सक्सेना":

ब्लॉग परिवार का ढोंग करने से क्या हासिल होता हैं ?
क्या आप के साथ कभी नहीं हुआ की इस परिवार के पीछे आप ने सच को नकार दिया वहाँ कमेन्ट नहीं दिया जहां आप के मित्र ब्लोग्गर गलत लिखते हैं क्या कभी आप की आत्मा ने आप को कचोटा हैं की हाँ मैने गलत किया इस मुद्दे पर अपने ख्याल ना देकर क्युकी ये मेरे दोस्त का ब्लॉग था और मेरे कमेन्ट करने से वो नाराज हो जाएगा
परिवार तो बच जाता हैं सतीश जी पर समाज रीढ़ विहीन हो जाता हैं जब हम मुद्दों से बचते हैं और स्नेह और समझदारी की बात करते हैं केवल इस लिये की टिप्पणी की संख्या में कमी .

(2) रचना has left a new comment on the post "हिंदी ब्लोगिंग में स्नेह और प्यार -सतीश सक्सेना": 
अब तो सबके कमेन्ट आ चुके हैं सो कुछ प्रश्न हैं सोचा अब पूछ ही लूँ
इतनी सारी ब्लॉग मीटिंग के बाद
हिंदी को कितना आगे लेजाने में आप सक्षम हुए हैं ?
ब्लोगिंग को इस से कितना फायदा हुआ हैं ?
किस सामाजिक समस्या के लिये ब्लॉग समाज जो वास्तविक धरातल पर मिल चुका उसने कुछ किया हैं
क्या मसौदा होता हैं इन मीट का और क्या उस पर कभी बात भी होती हैं ?
हर बार कहा ये ही जाता हैं { जो ब्लॉग पर पढ़ कर पता चलता हैं } समय अभाव के कारण ब्लोगिंग पर ज्यादा बात नहीं हुई बस मिलना हुआ .
केवल और केवल खाना पीना और ग्रुप बना कर एक दूसरे के ब्लॉग पर एक दूसरे की तारीफ़ में पोस्ट लिखना क्या यही हैं हिंदी ब्लॉग्गिंग की सकारात्मकता जिसके इतना बखान होता हैं ?
और क्या कभी आप ने ब्लॉग पर क़ोई सर्वे किया हैं की जो ज्यादा सक्रिय हैं ब्लोगिंग में वो इन मीटिंग में आते ही नहीं .
ये मीटिंग केवल अपने सामाजिक सरोकारों को बढ़ावा देना का माध्यम हैं और उससे ज्यादा कुछ नहीं
इतने चित्र डाल कर क्या हासिल होता हैं की हम कितने प्रिये और पोपुलर हैं !
चाय नाश्ता खाना पीना सब ठीक हैं अगर किसी मकसद से मिलना हो तो वर्ना इसको ब्लॉगर मीट कहना फिजूल ही हैं क्युकी ये फैशन हो गया हैं की हम ब्लोग्गर हैं , हम मिले , हम बैठे , हमने बीयर पी , हमने ब्लडी मेरी पिलाई .
ठीक हैं आप को या किसी को शौक हो सकता हैं अपने सामाजिक सरोकार बढाने का पर उसको मीट ना कहा करे . मीट हो तो क़ोई मुद्दा तो हो जिस पर डिस्कशन हो यहाँ तो गाना बजना , ग़ज़ल कविता होती हैं हम किसी कवि सम्मलेन में नहीं जा रहे और ना ही किसी की ग़ज़ल सुनने ये सब पहले ही बता देना चाहिये ताकि जो लोग आते हैं उनको पता हो किस लिये आना हैं .
स्नेह प्रदर्शन के लिये मीट जरुरी हैं पता नहीं था और स्नेह का प्रदर्शन भी होना चाहिये ये भी पता नहीं था .

12 comments:

Shikha Kaushik said...

Rachna ji ne khari khari hi nahi sahi sahi bhi kahi hai .blogar meet me koi mudda to hona hi chahiye jisse bloging karne valon ko kuchh naya gyan mile .badhai Anwar ji Rachna ji ka comment yahan prastut karne ke liye .aabhar

मनोज भारती said...

क्या संबंधित बलॉग पर उक्त टिप्पणी की एडिटिंग कर दी गई है?

मुझे तो बस पहला परिच्छेद ही दिखाई दिया।

DR. ANWER JAMAL said...

@ मनोज भारती जी , आप सही कह रहे हैं।
आपके ध्यान दिलाए जाने पर हमने भी जाकर देखा तो पाया कि रचना जी के दो कमेंट्स में से उनका पहला कमेंट तो मूल पोस्ट पर है लेकिन दूसरा कमेंट वहां नहीं है।
ख़ैर होगी कोई बात, जिसकी वजह से हटा दिया होगा।
यहां उनके दोनों कमेंट्स हैं और आप दोनों कमेंट्स यहां देख भी सकते हैं।
‘ब्लॉग की ख़बरें‘ इसी तरह अपने पाठकों को जागरूक रखता है नई नई हलचल के बारे में।
आप का शुक्रिया कि आपने जाकर चेक किया और फिर लौटकर बताया भी।
आप देखेंगे कि जल्दी ही वह दूसरा कमेंट भी वापस अपनी जगह आ जाएगा। जब उन्हें पता चलेगा कि हटाने के बावजूद भी हक़ीक़त बेनक़ाब है ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ पर !!!

कुमार राधारमण said...

ब्लॉगिंग के स्वरूप और भविष्य को लेकर ऐसी चर्चाओं से ही कोई रास्ता निकलेगा।

DR. ANWER JAMAL said...

@ शिखा जी ! आपने बिल्कुल सही कहा है रचना जी के इन दोनों कमेंट्स की तरह। वैसे भी उनकी सारी बातें ग़लत नहीं होतीं।
आपका शुक्रिया ।

@ आदरणीय कुमार राधारमण जी ! आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। हिंदी ब्लॉगिंग को नुक्सान देने वाली बातों के प्रति जागरूकता लोगों में ऐसी चर्चाओं से ही आएगी और आ भी रही है जैसे कि रचना जी के कमेंट्स में उठाए गये मुद्दे आदमी को बग़लें झांकने पर मजबूर कर देते हैं।
आपका भी शुक्रिया !

अभिषेक मिश्र said...

बुरा मानो या भला, कुछ बातें खरी-खरी होनी भी चाहिए. पहला ब्लौगर्स मीट शायद रांची में ही हुआ था, जिसमें शामिल होने का मौका मुझे भी मिला था. हालत बहुत ज्यादा अलग नहीं थे, अलबत्ता शैलेश भारतवासी जी ने अपनी ओर से जानकारियां देने की कोशिश की थी. अपनी ओर से मैंने कुछ सुझाव भी पोस्ट्स के माध्यम से दिए थे. मगर अब भी यह फैमिली सीरियल्स के पुरष्कार समारोहों से ज्यादा अलग नहीं दिख रहा है.
1. http://ourdharohar.blogspot.com/2009/02/blog-post_26.html

2. http://ourdharohar.blogspot.com/2009/02/ii.html

Shalini kaushik said...

ब्लोगर्स मीट को लेकर रचना जी के विचार सराहनीय हैं और ये सभी का कर्तव्य बनता hai ki सही बातें जहाँ से भी मिलें अपनाएं.सार्थक प्रस्तुति के लिए आभार डॉ.साहब.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

हमें भी ज्ञान मिला इस पोस्ट से!

मनोज कुमार said...

*** दो साल ब्लॉगजगत में होने को आए। अब तक अपनी राह आप बनाकर चलता चल वाली स्थिति है .. आगे भी रहेगी। इसमें टिप्पणियों से प्रोत्साहन तो रहा है, मोह नहीं।

** जब तक कोई पोस्ट भड़काऊ, जाति-धर्म विद्वेश फैलाने वाली या व्यक्तिविशेष को केन्द्रीत कर आक्रोश और उन्माद से न लिखा गया हो मैं उसे अच्छा ही मानता हूं और सब पर जाकर टिप्पणी देना पसंद करता हूं।

*** अब तक किसी ब्लॉगर मीट में नहीं गया। कम से कम अफ़सोस नहीं है। हां, जहां तक मिलने मिलाने की बात होती है जहां दिल मिलते हैं, समय और सुअवसर हाथ लगता है मिल ही लेते हैं।

POOJA... said...

mai nahi jaanti ki blogger's meet mein kya hota hai... isiliye no comments...
par yadi "blog pariwaar" jaise shabdon ka upyog ho raha hai to kya pariwwar walo ko ek dooje se milne, ya kahi ek jagah ikathha hone ke liye muddon ki, bahasbaaziyon ki ya bhaasano ki aawyashkta hoti hai...
ya to sahi maayano mein ham kuch jyada hi busy,commercial, aur matlabi ho gae hain ki pariwaar walo se milne ke liye mudde chahiye...

S.M.Masoom said...

Rachna jee ab badee ho agyee hain. Tippani zimmedaree ke saath kar rahe hain.

waise bhai yh doosree tippani kahan se laye?

rachna jee aap hee bataein yh doosree tippani kahan se ayee?

Maine ek buree adat seekhi Rachna jee se ,lagta hai satish ko bhee wahee adat lag gayee?

Suman Dubey said...

हमे भी ब्लाग के काफी जान्कारिया मिली है यहा आकर धन्यवाद्।

‘ब्लॉग की ख़बरें‘

1- क्या है ब्लॉगर्स मीट वीकली ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_3391.html

2- किसने की हैं कौन करेगा उनसे मोहब्बत हम से ज़्यादा ?
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

3- क्या है प्यार का आवश्यक उपकरण ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

4- एक दूसरे के अपराध क्षमा करो
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

5- इंसान का परिचय Introduction
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/introduction.html

6- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

8- बेवफा छोड़ के जाता है चला जा
http://kunwarkusumesh.blogspot.com/2011/07/blog-post_11.html#comments

9- इस्लाम और पर्यावरण: एक झलक
http://www.hamarianjuman.com/2011/07/blog-post.html

10- दुआ की ताक़त The spiritual power
http://ruhani-amaliyat.blogspot.com/2011/01/spiritual-power.html

11- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

12- शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड-4
http://shakuntalapress.blogspot.com/

13- वाह री, भारत सरकार, क्या खूब कहा
http://bhadas.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

14- वैश्विक हुआ फिरंगी संस्कृति का रोग ! (HIV Test ...)
http://sb.samwaad.com/2011/07/blog-post_16.html

15- अमीर मंदिर गरीब देश
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

16- मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/mobile.html

17- आपकी तस्वीर कहीं पॉर्न वेबसाइट पे तो नहीं है?
http://bezaban.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

18- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

19- दुनिया में सबसे ज्यादा शादियाँ करने वाला कौन है?
इसका श्रेय भारत के ज़ियोना चाना को जाता है। मिजोरम के निवासी 64 वर्षीय जियोना चाना का परिवार 180 सदस्यों का है। उन्होंने 39 शादियाँ की हैं। इनके 94 बच्चे हैं, 14 पुत्रवधुएं और 33 नाती हैं। जियोना के पिता ने 50 शादियाँ की थीं। उसके घर में 100 से ज्यादा कमरे है और हर रोज भोजन में 30 मुर्गियाँ खर्च होती हैं।
http://gyaankosh.blogspot.com/2011/07/blog-post_14.html

20 - ब्लॉगर्स मीट अब ब्लॉग पर आयोजित हुआ करेगी और वह भी वीकली Bloggers' Meet Weekly
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/bloggers-meet-weekly.html

21- इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
http://www.sahityapremisangh.com/2011/07/blog-post_3678.html

22- इसलाम में आर्थिक व्यवस्था के मार्गदर्शक सिद्धांत
http://islamdharma.blogspot.com/2012/07/islamic-economics.html

23- मेरी बिटिया सदफ स्कूल क्लास प्रतिनिधि का चुनाव जीती
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_2208.html

24- कुरआन का चमत्कार

25- ब्रह्मा अब्राहम इब्राहीम एक हैं?

26- कमबख़्तो ! सीता माता को इल्ज़ाम न दो Greatness of Sita Mata

27- राम को इल्ज़ाम न दो Part 1

28- लक्ष्मण को इल्ज़ाम न दो

29- हरेक समस्या का अंत, तुरंत

30-
अपने पड़ोसी को तकलीफ़ न दो
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साहित्य की ताज़ा जानकारी

1- युद्ध -लुईगी पिरांदेलो (मां-बेटे और बाप के ज़बर्दस्त तूफ़ानी जज़्बात का अनोखा बयान)
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2- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
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3- आतंकवादी कौन और इल्ज़ाम किस पर ? Taliban
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4- तनाव दूर करने की बजाय बढ़ाती है शराब
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5- जानिए श्री कृष्ण जी के धर्म को अपने बुद्धि-विवेक से Krishna consciousness
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6- समलैंगिकता और बलात्कार की घटनाएं क्यों अंजाम देते हैं जवान ? Rape
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7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
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8- ख़ून बहाना जायज़ ही नहीं है किसी मुसलमान के लिए No Voilence
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9- धर्म को उसके लक्षणों से पहचान कर अपनाइये कल्याण के लिए
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10- बाइबिल के रहस्य- क्षमा कीजिए शांति पाइए
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11- विश्व शांति और मानव एकता के लिए हज़रत अली की ज़िंदगी सचमुच एक आदर्श है
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12- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
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13- ‘इस्लामी आतंकवाद‘ एक ग़लत शब्द है Terrorism or Peace, What is Islam
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14- The real mission of Christ ईसा मसीह का मिशन क्या था ? और उसे किसने आकर पूरा किया ? - Anwer Jamal
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15- अल्लाह के विशेष गुण जो किसी सृष्टि में नहीं है.
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16- लघु नज्में ... ड़ा श्याम गुप्त...
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17- आपको कौन लिंक कर रहा है ?, जानने के तरीके यह हैं
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18- आदम-मनु हैं एक, बाप अपना भी कह ले -रविकर फैजाबादी

19-मां बाप हैं अल्लाह की बख्शी हुई नेमत

20- मौत कहते हैं जिसे वो ज़िन्दगी का होश है Death is life

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23- दिल तो है लँगूर का

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25- विवाद -एक लघुकथा डा. अनवर जमाल की क़लम से Dispute (Short story)

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