Mridula Harshvardhan' |
आज पेश है मृदुला जी की एक ख़ास रचना
"सच्चे धरतीपुत्र": 2nd October
एक लाल था लाल बहादुरएक कहलाया गाँधी
दोनों ही थे सत्य, अहिंसा
और स्वतंत्रता के साथी
थे साधारण मनुष्य वे दोनों
पर व्यक्तित्व था विविध
ठोस इरादे थे उनके
पर ह्रदय था द्रवित
एक ने नारा दिया राष्ट्र को
'जय जवान, जय किसान'
दूजे ने समझाया सब को
'सब जन हैं एक समान'
http://mridula-naazneen.blogspot.com/2011/10/2nd-october.html
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