दोस्तों
! आपको पता है या नहीं मुझे पता नहीं है. मैंने दो बार चुनाव लड़े है. अगर
आप मेरे सारे ब्लोगों की एक-एक पोस्ट को पढ़ें. तब आपको काफी जानकारी मिल
जायेगी. हमने दो बार निर्दलीय चुनाव लड़े है. चुनाव चिन्ह "कैमरा" यानि तीसरी आँख से दोनों बार हारा
हूँ. मगर अफ़सोस नहीं मुझे जितनी भी मुझे वोट मिले वो मेरी कार्यशैली और
विचारधारा से मिली थी। इस बात खुशी है कि मैंने वोट लेने के लिए किसी को
दारू नहीं पिलाई और न किसी को धमकाया या किसी प्रकार का लालच नहीं दिया.
सब लोगों ने अपने विवेक से वोट दिया था.
मेरे पास भारत देश को लेकर बहुत बड़ी सोच (विचारधारा+योजना) है। जिसका प्रयोग
करके 'सोने की चिडियाँ" कहलवाने वाले भारत देश को "अमरीका" जैसे बीसियों
देशों से आगे ले जाकर खड़ा कर दूँगा. हाँ, मैं जैसे यहाँ (गूगल,फेसबुक) पर
नियमों को लेकर बहुत सख्त हूँ. उसी प्रकार से "हिटलर" जैसा तानाशाही
प्रधानमंत्री बन देश को सिर्फ दो साल चलाना चाहता हूँ. उसके बाद जनता की
अनुमति के बाद अगले तीन साल देश की बागडोर संभालूँगा. आज मेरे पास कुछ
निजी कारणों से ( जिनसे शायद आप नहीं अधिकत्तर समूह के सदस्य और दोस्त
कहूँ या पाठक परिचित भी है) पार्टी बनाने के लिए एक चवन्नी भी नहीं है.
मगर देखो ख्याब देश को चलाने का और प्रधानमंत्री बनने का देख रहा हूँ.
इसको कहते हैं ना हैं...हौंसला. बस मुझे ऐसे ही सिर्फ फ़िलहाल पूरे
देश से 545 "सिरफिरे" भूखें-नंगे लोगों की जरूरत है. जिनको मैं सिर्फ
रोटी-कपड़ा-मकान दूँगा. उनके अंदर मेरे हिसाब से वो गुणवत्ता होनी चाहिए.
जिसकी मुझे चाह है. फिर आप देखते रह जायेंगे. समृद्ध भारत देश का नाम पूरे
विश्व में एक नया उदाहरण देने वाला के रूप में
स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा. अब आप बताये भूखे-नंगे सिरफिरे लोगों आप
अपनी वोट डालने के लिए जायेंगे. घर पर बैठकर चाय की चुस्कियां लेते हुए
टी.वी. पर फिल्म तो नहीं देखेंगे. अगर आप लोग देखते रह गए. तब 545 सिरफिरे
चुनाव में हार जायेंगे और फिर कोई दल चुनाव जीतकर अपने स्विस के बैंक भर लेगा.
आज श्री
अन्ना हजारे जी और बाबा रामदेव जी राजनीति में आने का कोई स्पष्ट इशारा
नहीं दें रहें है. मेरे पास कुछ नहीं है.मगर अपने हौंसले के कारण बिना
किसी सहारे के बिलकुल स्पष्ट इशारा देते हुए कह रहा हूँ कि-बिना गंदगी में
उतरे गंदगी की सफाई नहीं की जा सकती है. मैंने दोनों व्यक्तियों के पास
अपनी विचारधारा पहुँचाने के प्रयास किये मगर वहाँ से किसी प्रकार की
प्रतिक्रिया नहीं मिली. श्री अन्ना हजारे जी को लिखा पत्र तो मेरे ब्लॉग
पर भी है.
1 comments:
"कैमरा" यानि तीसरी आँख क्या बात है |
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