नवगीत की पाठशाला: १५. झरते हरसिंगार: उजसित शैशव जीवन सुरभित हुलसित मन आगार शेफाली शाखों सा झूमे झरते हरसिंगार मलयानिल सुरभित नासाग्रा होंठ वसन्ती कोंपल पल पल पुलकित स्पर्...
और बाज़ बन्दे ऐसे हैं कि जो दुआ करते हैं कि ऐ मेरे पालने वाले मुझे दुनिया
में नेअमत दे और आखि़रत में सवाब दे और दोज़ख़ की आग से बचा (201) यही वह लोग
हैं जिनके लिए अपनी कमाई का हिस्सा चैन है
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और बाज़ बन्दे ऐसे हैं कि जो दुआ करते हैं कि ऐ मेरे पालने वाले मुझे दुनिया
में नेअमत दे और आखि़रत में सवाब दे और दोज़ख़ की आग से बचा (201)
यही वह लोग हैं ...
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