Thursday, April 5, 2012

फ़ोटो बदल दिया पर चुटकुला ज्यों का त्यों ??? Foto

ख़ुशदीप जी ने हमारे ऐतराज़ के बाद पहले तो टाल मटोल का रवैया अपनाया लेकिन जब हमने ब्लॉग जगत में कई मंचों पर यह मुददा उठाया तो फिर उन्होंने चुपके से नंगा फ़ोटो हटाकर दूसरा लगा दिया।
अपनी ग़लती का इक़रार करके उसे सुधारने में क्या शर्म आ रही है ?
बदले हुए फ़ोटो पर सुनीता शानू जी को हमारी टिप्पणी बेमेल सी लगी लेकिन ख़ुशदीप सहगल जी की इस पोस्ट का चर्चा पुराने फ़ोटो के साथ आज चर्चामंच पर भी है। लिहाज़ा सच अपना गवाह ख़ुद है। जिसे निम्न लिंक पर देखा जा सकता है-​​

आओ याद करें अज्ञेय और माखनलाल चतुर्वेदी जी को (चर्चा - 840 )

Thursday, April 5, 2012

अब देखिए आप उनकी पोस्ट और उस पर आई हुई अब की टिप्पणियों का पूरा ब्यौरा
आप देख रहे हैं ‘ब्लॉग की ख़बरें‘
निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए अपनी तरह का एकमात्र ब्लॉग समाचार पत्र

बोल्डनेस  को लेकर ब्लाग-जगत का माहौल उबाल  पर है...दैहिक  रिश्तों के विमर्श  से अलग  कुछ  कूल-कूल  बातें करना  ज़रूरी है...ऐसे में लाफ्टर की  डोज़  से बढ़िया और क्या रास्ता है...​
​​
आदम और हव्वा की शादी सबसे आदर्श  थी...​





आदम  को  हव्वा से कभी ये नहीं सुनना पड़ता था कि उसकी शादी और  कितने-कितने अच्छे और योग्य मर्दों से  हो सकती थी...​

हव्वा को ये नहीं सुनना पड़ता था कि आदम  की मां कितना बढ़िया खाना बनाती थी...
​ ​..............................​​

एक  गलती जो आपकी ज़िंदगी बदल  सकती है...​
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​रिकार्ड  ब्रेकिंग....​

दस  लाख  आइडिया कनेक्शन  सिर्फ  तीन  दिन में बिक गए, सिर्फ  आइडिया के एड में एक  प्रिंटिंग  मिस्टेक  की वजह से...​
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'आइडिया कैन चेंज यूअर वाइफ़'..
...........................................

नारदमुनि की शादीशुदा महिलाओं को सलाह...​

अगर आपका पति आपको अचानक रोमांटिक संदेश भेजने लगे तो खुश होने से पहले ये  भी सोचिए कि पति को उसके मोबाइल पर ये संदेश कौन भेज रहा है...​
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​मेरा काम पूरा हुआ...​
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नारायण...नारायण...​
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राहुल की शादी 

उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी आम आदमी के दर्द को नहीं समझ पाए, इसलिए चुनाव में कांग्रेस की बुरी गत हुई...​
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​अब आम आदमी के दर्द को सही तरह समझना है तो राहुल को पहले शादी करनी पड़ेगी न....​
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पत्ती (चाय) और पति में क्या समानता है...​
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दोनों की किस्मत में उबलना लिखा है, वो भी महिला के हाथों...​
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26 comments:

  1. सर जी
    मज़ा आ गया , कल मैंने वहां लिखा भी था कि खुशदीप भाई की टिपण्णी गौर करने लायक है ,
    अब आज आपकी पोस्ट , वाह जी वाह , आईडिया वाला सही है ..

    विजय
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  2. badhiya....bahut badhiya.....

    wahan bhi kuch aisa hi likh dete to mahoul...kuch sahi rahta....

    pranam.
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  3. हा हा हा ! गर्म गर्म फ़िज़ा में कूल कूल !
    बढ़िया है ।
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  4. हा हा हा ...सही.
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  5. कैसी कैसी मिस्टेक होती हैं खुशदीप भाई ....
    शुभकामनायें !
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  6. आपकी पोस्ट कल 5/4/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें
    http://charchamanch.blogspot.com
    चर्चा - 840:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
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  7. आदम हव्वा का नंगा फोटो लगाने पर हमें ऐतराज़ है

    खुशदीप जी को उनकी ग़लती बताई तो मानने के बजाय हमारी टिप्पणी ही मिटा डाली .
    खुशदीप जी की गलती दिलबाग जी ने भी दोहरा डाली .

    अथर्ववेद 11,8 बताता है कि मनु कौन हैं ?
    इस सूक्त के रचनाकार ऋषि कोरूपथिः हैं -
    यन्मन्युर्जायामावहत संकल्पस्य गृहादधिन।
    क आसं जन्याः क वराः क उ ज्येष्ठवरोऽभवत्। 1 ।

    यहां स्वयंभू मनु के विवाह को सृष्टि का सबसे पहला विवाह बताया गया है और उनकी पत्नी को जाया और आद्या कहा गया है। ‘आद्या‘ का अर्थ ही पहली होता है और ‘आद्य‘ का अर्थ होता है पहला। ‘आद्य‘ धातु से ही ‘आदिम्‘ शब्द बना जो कि अरबी और हिब्रू भाषा में जाकर ‘आदम‘ हो गया।
    स्वयंभू मनु का ही एक नाम आदम है। अब यह बिल्कुल स्पष्ट है। अब इसमें किसी को कोई शक न होना चाहिए कि मनु और जाया को ही आदम और हव्वा कहा जाता है और सारी मानव जाति के माता पिता यही हैं।
    अपने मां बाप आदम और हव्वा अलैहिस्सलाम पर मनघड़न्त चुटकुले बनाना और उनका काल्पनिक व नंगा फ़ोटो लगाना क्या उन सबकी इंसानियत पर ही सवालिया निशान नहीं लगा रहा है जो कि यह सब देख रहे हैं और फिर भी मुस्कुरा रहे हैं ?
    See
    http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/04/manu-means-adam.html
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    Replies
    1. जमाल जी , जब मनु आदम एक ही हैं , तब पाला बदल कर उनको मानने का क्या औचित्य ??? तब इस्लाम का क्या औचित्य ??? हर बार आप ये कहने की कोशिश करते हैं , की दोनों धर्म एक ही हैं , फिर बार बार इस्लाम इस्लाम चिल्लाने की क्या जरुरत ... ?? इस तरह की दलीले तो मई १०० रख दूँ , खैर ये टिप्पड़ी आपके दलील पे थी .

      रही बात अदम हौव्वा को नंगी फोटो लगाने की तो इस बात पे मै आपसे सहमत हूँ ...
      Delete
    2. एक तरफ तो कहते हो हम एक ही है , एक तरफ कहते हो हम सर्वश्रेष्ठ है , किसी भी चीज को दलील देके गेंद अपने पाले करने में आप माहिर हैं . ( मेरी ये टिप्पड़ी आपके टिप्पड़ी पे है , फोटो वाले मुद्दे पे मै सहमत हूँ )
      Delete
    3. Sahmat Hun Kamal Ji aapse ... Han pic jarur apattijanak hai .. par ese majhabi rang dena samajh se pare hai.
      Delete
  8. :-)


    वाकई ठंडा ठंडा कूल कूल.............
    हंसिये, खुश रहिये.....आगे बढिए.............
    सादर

    अनु
    ReplyDelete
  9. खुशदीप अच्छे मौलिक चुटकुले :) , सिवाए तस्वीर के ..
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    Replies
    1. Hamen bhi is harkat par sakht aitraaz hai .
      ek post bhi is vishay par hamne abhi abhi likhi hai.

      http://drayazahmad.blogspot.in/2012/04/blog-post_05.html
      Delete
  10. भैया... मुझे भी एप्पल खाना है...

    वाकई में ठंडा ठंडा कूल कूल.............
    हंसिये, खुश रहिये.....आगे बढिए.............

    हालांकि मुझे कुछ पता नहीं है.... अभी फ़ोन कर के पूछता हूँ आपको....

    वैसे किसने बोल्डनेस दिखा दी?

    एक बोल्ड तो मेरे जैसा होता है...

    और एक नंगेपन को भी बोल्डनेस कहते हैं... जो भी हो... पोस्ट बहुत अच्छी है..
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  11. @ कमल जी ! स्वयंभू मनु का ही नाम आदम है और सनातन धर्म का नाम ही अरबी में इस्लाम है, जिसका अर्थ है ईश्वर की आज्ञा का पालन करना।
    इस्लाम इस्लाम चिल्लाने का अर्थ यह है कि लोगों तक यह संदेश पहुंचे कि ईश्वर का आज्ञापालन करो।
    इसमें किसी को भी कोई आपत्ति न होनी चाहिए।

    इस्लाम की एक ख़ास बात यह है कि क़ुरआन में सबसे पहले जिस ऋषि का वृत्तांत बताया गया है वह स्वयंभू मनु हैं। क़ुरआन में हमारे पास मनु महाराज का ऐसा आदर्श चरित्र है जिस पर दुनिया का एक भी आदमी ऐतराज़ नहीं कर सकता। इसीलिए हम मनु महाराज की शिक्षाओं पर उठने वाले ऐतराज़ का निराकरण करने में सक्षम हैं।
    हम मनु के धर्म पर हैं, हम मनुवादी हैं और वास्तव में मनुवादी हैं ही हम। मनु ने अपनी संतान को बराबरी की शिक्षा दी थी, यह बात केवल हम कह सकते हैं, आप नहीं।
    पाला हमने नहीं बदला है बल्कि आपने ही धर्म और धार्मिक इतिहास भुला दिया है।
    ReplyDelete
  12. अनवर भाई आपने सही लिखा है माँ बाप का हमे आदर करना ही चाहिये।

    खुशदीप भाई ने महज़ एक पोस्ट की है।
    वंदना ने भी महज अपने विचार प्रस्तुत किये हैं। सभी को स्वतंत्र लेखन का अधिकार है सभी कर रहे हैं।

    लेकिन बस इतनी सी बात कहना चाहूँगी जो मुझे समझ आ रही है यह तस्वीर आदम और हव्वा की नही है।
    किसने देखा था उन्हे? यह मात्र एक तस्वीर है गौर से देखिये...हव्वा के आजकल के स्टाइल के सिल्की बाल और आदम के कटे हुए सैट बाल? कहाँ नज़र आ रहा है यह आदि युग के आदम हव्वा है जनाब।
    व्यर्थ बवाल मचाने से क्या फायदा?
    बाकि आप समझदार हैं
    सादर
    ReplyDelete
  13. सबसे बड़ी बात इस्लाम में कभी किसी व्यक्ति विशेष की तस्वीर होती ही नही।
    ReplyDelete
  14. ठंडा ठंडा कूल कूल.......
    ReplyDelete
  15. हर चीज़ को अपने हिसाब से देखना और फिर उसका वैसे ही इंटरप्रेटेशन करना, खुद को संतुष्टि दे सकता है लेकिन माहौल को कटु बनाने से क्या प्रायोजन सिद्ध किया जा सकता है, मेरी समझ से बाहर है...​
    ​​
    ​मैंने टिप्पणियों को सेंसर करना होता तो कभी का माडरेशन लगा चुका होता...टिप्पणियां अगर स्पैम में जाती है या गायब हो जाती हैं तो मेरा कसूर नहीं है...​
    ​​
    ​अगर फोटो पर आपत्ति थी तो मुझे टिप्पणी या मेल के ज़रिए बता दिया जाता, मैं पहले ही हटा देता...​
    ​​
    ​लेकिन बदले में पोस्ट लगाकर जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया, वो खुद आपत्तिकर्ता की पोस्ट पर जाकर पढ़ी जा सकती है...​

    वहां जो कुछ भी लिखा गया, उस पर कुछ कहने को न तो मेरे संस्कार इजाज़त देते हैं और न ही विवेक...​
    ​​
    ​जय हिंद...
    ReplyDelete
  16. @ सुनीता शानू जी ! ख़ुशदीप सहगल जी ने बिना माफ़ी मांगे चुपके से तस्वीर बदल दी है और यह समझ लिया है कि इस तरह वह हिंदी ब्लॉगर्स को गुमराह करने में कामयाब हो जाएंगे।
    ज़रा ध्यान दीजिए कि हमने जिस तस्वीर पर ऐतराज़ जताया है वह नंगी तस्वीर थी जबकि इसमें दोनों ने कपड़े पहन रखे हैं।
    डा. अयाज़ अहमद साहब के कमेंट के बाद हमारा कमेंट मौजूद है। तब तक भी वह नंगी तस्वीर यहां मौजूद थी जैसे कि यह बेहूदा चुटकुला यहां मौजूद है।

    देवी देवताओं के और ऋषि मुनियों के चित्र, कार्टून और हास्य व्यंग्य चुटकुले रचने की परंपरा हिंदू समाज में है मुसलमानों में नहीं है।

    आदम अलैहिस्सलाम और हव्वा अलैहिस्सलाम दोनों ही मुक़ददस पवित्र धार्मिक हस्तियां हैं।
    इनके बारे में चुटकुले बनाने का क्या सेंस है ?

    ... और अगर इस पर हम आपत्ति जता रहे हैं तो यह आपको व्यर्थ का बवाल क्यों नज़र आ रहा है ?

    ख़ुशदीप सहगल जी को तस्वीर बदलने के बजाय अपनी ग़लती का इक़रार करके यह पूरा चुटकुला ही हटा लेना चाहिए था।
    ऐसा तो उन्होंने किया नहीं लेकिन जब हमारी वाणी पर डा. अयाज़ अहमद साहब की पोस्ट इस बेहूदा हरकत के ऐतराज़ में पब्लिश हुई तो भाई साहब ने आज हमारी वाणी ही ऑफ़ करवा दी।
    यह कैसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है ?
    हमारी यारी सच से है। सच कहने में हम किसी की यारी दोस्ती का लिहाज़ नहीं करते। हिंदी ब्लॉग जगत यह बात अच्छी तरह जानता है।
    ReplyDelete
  17. @ ख़ुशदीप जी ! सारे इंटरप्रेटेशन से अलग हटकर भी क्या आप यह बात नहीं जानते कि मुसलमान हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को अल्लाह का नबी मानते हैं और उनका आदर करते हैं और आदम अलै. व हव्वा अलै. को अपना माता पिता मानते हैं ?
    हम नबियों के चुटकुले नहीं बनाते यह बात आप जानते हैं न ?
    यह बात जानने के बाद भी आपने चुटकुला यहां पब्लिश किया और नंगे फ़ोटो के साथ पब्लिश किया।
    आपने ब्लॉग पोस्ट पब्लिश की है और उस पर विचार देने का ऑप्शन टिप्पणी है तो आपको ईमेल क्यों की जाती भाई साहब ?
    एक और ‘मामले‘ में हम आपको ईमेल करके देख चुके हैं। ईमेल का इम्प्रेशन आपने यह लिया कि जैसे आप दाता हैं और हम ज़रूरतमंद। बेकार ही रहा आपको ईमेल करना।

    टिप्पणी करने के बाद तो आपने यह चुटकुला हटाया नहीं, ईमेल का असर क्या लेते ?
    ...बहरहाल इस प्रकरण के बाद आपके साथ दूसरे हिंदी ब्लॉगर्स भी जान लेंगे कि पवित्र धार्मिक हस्तियों को आदर देने की इस्लामी परंपरा क्या है ?

    अगर हमारा कमेंट आपने नहीं हटाया है बल्कि वह ख़ुद ही स्पैम हो गया है तो कृप्या उसे पब्लिश कीजिए।
    ReplyDelete

1 comments:

मनोज कुमार said...

चलिए अंत भला तो सब भला।

‘ब्लॉग की ख़बरें‘

1- क्या है ब्लॉगर्स मीट वीकली ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_3391.html

2- किसने की हैं कौन करेगा उनसे मोहब्बत हम से ज़्यादा ?
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

3- क्या है प्यार का आवश्यक उपकरण ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

4- एक दूसरे के अपराध क्षमा करो
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

5- इंसान का परिचय Introduction
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/introduction.html

6- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

8- बेवफा छोड़ के जाता है चला जा
http://kunwarkusumesh.blogspot.com/2011/07/blog-post_11.html#comments

9- इस्लाम और पर्यावरण: एक झलक
http://www.hamarianjuman.com/2011/07/blog-post.html

10- दुआ की ताक़त The spiritual power
http://ruhani-amaliyat.blogspot.com/2011/01/spiritual-power.html

11- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
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12- शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड-4
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13- वाह री, भारत सरकार, क्या खूब कहा
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14- वैश्विक हुआ फिरंगी संस्कृति का रोग ! (HIV Test ...)
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15- अमीर मंदिर गरीब देश
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16- मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile
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17- आपकी तस्वीर कहीं पॉर्न वेबसाइट पे तो नहीं है?
http://bezaban.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

18- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

19- दुनिया में सबसे ज्यादा शादियाँ करने वाला कौन है?
इसका श्रेय भारत के ज़ियोना चाना को जाता है। मिजोरम के निवासी 64 वर्षीय जियोना चाना का परिवार 180 सदस्यों का है। उन्होंने 39 शादियाँ की हैं। इनके 94 बच्चे हैं, 14 पुत्रवधुएं और 33 नाती हैं। जियोना के पिता ने 50 शादियाँ की थीं। उसके घर में 100 से ज्यादा कमरे है और हर रोज भोजन में 30 मुर्गियाँ खर्च होती हैं।
http://gyaankosh.blogspot.com/2011/07/blog-post_14.html

20 - ब्लॉगर्स मीट अब ब्लॉग पर आयोजित हुआ करेगी और वह भी वीकली Bloggers' Meet Weekly
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/bloggers-meet-weekly.html

21- इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
http://www.sahityapremisangh.com/2011/07/blog-post_3678.html

22- इसलाम में आर्थिक व्यवस्था के मार्गदर्शक सिद्धांत
http://islamdharma.blogspot.com/2012/07/islamic-economics.html

23- मेरी बिटिया सदफ स्कूल क्लास प्रतिनिधि का चुनाव जीती
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