बादलों की आकृति,
ऊंचाई के आधार पर इन्हें
तीन मुख्य वर्गों में बांटा गया है। और इन वर्गो में कुल दस तरह के बादल
होते हैं। पहले वर्ग में आते है निम्न मेघ या लो क्लाउड्स।इनकी
ऊंचाई ढाई किलोमीटर तक होती है। इनमें एक जैसे दिखने वाले भूरे रंग के स्तरी
या स्ट्रेटस बादल, कपास के ढेर जैसे कपासी या क्यूमलस, गरजने वाले काले रंग के कपासी--
वर्षी,(क्यूमलोनिंबस) भूरे काले वर्षा स्तरी (निम्बोस्ट्रेटस)
और भूरे सफेद रंग के स्तरी-कपासी (स्ट्रेटोक्यूमलस) बादल आते हैं। बादलों का
दूसरा वर्ग है मध्य मेघ का। इनकी ऊंचाई ढ़ाई से साढे़ चार किलोमीटर तक होती
है। इस वर्ग में दो तरह के बादल हैं अल्टोस्ट्रेटस और अल्टोक्यूमलस।
तीसरा वर्ग है उच्च मेघों का। इनकी ऊंचाई साढ़े चार किलोमीटर से ज्यादा रहती
है। इस वर्ग में सफेद रंग के छोटे-छोटे साइरस बादल, लहरदार साइरोक्यूमलस और पारदर्शक रेशेयुक्त
साइरोस्ट्रेटस बादल आते हैं।
बादलों के प्रकार |
क्यूमोलोनिंबस बादल |
इन बादलों में से कुछ हमारे
लिए फायदेमंद बारिश लाते हैं तो कुछ प्राकृतिक विनाश। बादल फटने की घटना के लिए क्यूमोलोनिंबस
बादल जिम्मेदार हैं।ये बादल देखने में गोभी की शक्ल के लगते हैं। ऐसा लगाता है आकाश में कोई बहुत बड़ा
गोभी का फूल तैर रहा हो। इनकी लंम्बाई 14 किलोमीटर तक होती है।
अब आप सोचेंगे कि देखने में
इतने सुन्दर बादल कैसे इतनी बारिश एक साथ कर देते हैं। दरअसल जब क्यूमोलोनिंबस बादलों
में एकाएक नमी पहुंचनी बन्द हो जाती है या कोई बहुत ठंडी हवा का झोंका
उनमें प्रवेश कर जाता है, तो ये सफेद बादल गहरे काले रंग में बदल जाते हैं। और तेज गरज
के साथ उसी जगह के ऊपर अचानक बरस पड़ते हैं। ऐसी बारिश ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में
ही होती है।क्यूमोलोनिंबस बादलों के बरसने की रफ्तार इतनी तेज होती है जिसकी आप कल्पना भी
नहीं कर सकते। यूं समझ लें कि कुछ ही देर में आसमान से एक पूरी की पूरी नदी जमीन पर उतर आती है। जरा सोचिये कितनी खतरनाक होती है ये
बारिश। हमारे पड़ोसी राज्य उत्तराखण्ड के नैनीताल शहर में बादल फटने से अभी तक की आधिकतम
बारिश होने का रिकार्ड 24 घण्टों में 509.3 मिलीमीटर का दर्ज है।
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डा0हेमन्त कुमार
http://fulbagiya.blogspot.in/2012/08/blog-post.html
2 comments:
हेवी रैन शावर पर संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली प्रस्तुति .
ram ram bhai
मंगलवार, 7 अगस्त 2012
भौतिक और भावजगत(मनो -शरीर ) की सेहत भी जुडी है आपकी रीढ़ से
ज्ञानवर्धक रचना !
सादर!
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