हज़रत मुहम्मद साहब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की मस्जिद बिल्कुल सादा थी। शुरू में उसमें सिर पर छत और पांव के नीचे चटाई भी न थी। वह मस्जिद ब
अज़हर हाशमी जी ने रतलाम से फोन पर शुभकामनाएं दी...
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अज़हर हाशमी जी ने रतलाम से फोन पर शुभकामनाएं दी.......
" खूबसूरत शब्द शिल्प के साथ पुस्तक का रूप दिया है अप्रतिम है" - अजहर हाशमी
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