आदरणीय डा. अरविन्द मिश्रा जी का यह कथन हिंदी ब्लॉगर्स के दरम्यान चल रही एक लंबी और आलिमाना बहस का हिस्सा है, जिसे देखा जा सकता है निम्न पोस्ट पर
और (यहूद) कहते हैं कि यहूद (के सिवा) और (नसारा कहते हैं कि) नसारा के सिवा
कोई बेहिश्त में जाने ही न पाएगा ये उनके ख़्याली पुलाव है (ऐ रसूल) तुम उन से
कहो कि भला अगर तुम सच्चे हो कि हम ही बेहिश्त में जाएँगे तो अपनी दलील पेश करो
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और (यहूद) कहते हैं कि यहूद (के सिवा) और (नसारा कहते हैं कि) नसारा के सिवा
कोई बेहिश्त में जाने ही न पाएगा ये उनके ख़्याली पुलाव है (ऐ रसूल) तुम उन से
कह...
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