कांधला शामली में हुआ यह तेजाबी कांड निंदनीय है साथ निंदनीय है इस पीड़ित परिवार के प्रति उनकी अपनी ही बिरादरी का रवैया -
तेजाबी तानों से बेहाल पीड़ित परिवार -तेजाबी हमलावर अब तक फरार
कांधला में २ अप्रैल को हुई तेजाबी घटना का कोई भी हमलावर आज दसस्वें दिन तक भी नहीं पकड़ा गया है .कल कॉग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जी ने भी पीड़ित परिवार से मिलकर हर संभव मदद व् अपराधियों को जल्द से जल्द पकडे जाने का आश्वासन दिया है .परसों शाम मैं भी सुश्री शालिनी कौशिक जी व् हमारे पिता जी के मित्र श्री प्रेमचंद गुप्ता जी के साथ पीड़ित परिवार के घर पर उनके परिजनों से मिली .नौ बहनों में दूसरे नंबर की बहन अंजुमन दीदी का गला पड़ा हुआ था .इस घटना के बाद से उनके परिवार का जीवन नर्क हो गया है .उनका कहना था कि पुलिस जांच के नाम पर उनके ही फोन टेप कर रही है और तंज कस रही कि इतने फोन व् एस.एम्.एस तो हमारे भी नहीं आते .सबसे छोटी बहन जो 11 कक्षा की छात्रा है घटना के दिन से स्कूल नहीं गयी है .पुलिस उससे व् उसके साथ के बच्चों से भी पूछताछ कर प्रताड़ित कर रही है ..उनका कहना है कि पूरी बिरादरी में ये घटना एक तफरी का विषय बन गया है .कोई आपस में बात करता हुआ कहता है कि -हाय कैसी दिखती हैं वे लड़कियां ?और कुछ लोग तो सर.गंगाराम हॉस्पिटल में जीवन -मृत्यु से लडती उनकी बहन के लिए यहाँ तक कह रहे हैं कि वो पट्टी बंधकर नाटक कर रही है .तेजाबी हमले की शिकार लड़कियों के चरित्र पर सवाल उठाए जा रहे हैं .अंजुमन दीदी का कहना है कि -सब यह प्रदर्शित कर रहें हैं कि वे तो आब- ए -जम-जम में नहाये हुए पाक-साफ हैं और पीड़ित परिवार तेजाब में नहाया हुआ गन्दा परिवार है . कोई कहता है कि इन लड़कियों ने नौकरी पाने के लिए यह नाटक रचा है और कोई कहता है कि -ये लडकिया उन लड़कों से बात करती आ रही थी .तेजाबी हमले की शिकार बहनों में से एक पहले से ही सर्वाइकल दर्द की शिकार है उससे देखते ही मन भर आया .अंजुमन दीदी का गुस्सा इस सारी बिरादरी से है जिसने ऐसे कठिन समय में उनका साथ छोड़ दिया है .हमने जब पूछा कि आपको किसी पर शक है तो उनका कहना था कि -हमारे लिए तो सारी दुनिया ही दुश्मन हो रही है किसका नाम लें .पीड़ितों की माता जी ने बताया कि -लडकिया बहुत डरी हुई हैं और रात में डरकर जाग जाती हैं .सब हालात देख व् सुनकर मैं व् शालिनी जी इसी निष्कर्ष पर पहुंचें कि यदि पुलिस सही ढंग से कार्यवाही करती तो अब तक दोनों तेजाबी हमलावर जेल के भीतर होते और इन हमलावरों से बढ़कर है हमारा तेजाबी मानसिकता वाला ये समाज जो पीड़ित परिवार को अपने तेजाबी विचारों से हर घडी जला रहा .हमलावर शीघ्र पकडे जाये और उन्हें फाँसी की सजा मिले व् पीड़ित बहने शीघ्र इस सदमे व् तेजाबी घावों से निजात पायें ऐसी कामनाओं के साथ मैं अपनी इस ब्लॉग पोस्ट को समाप्त करती हूँ .
शिखा कौशिक ‘नूतन ‘
3 comments:
shalini ji -thanks a lot to share this post here .this is our responsibility to spread the pain of acid victims .
नवसम्वत्सर-२०७० की हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
तेज़ाब को कम करने के उपाय किये जाने चाहियें.
Post a Comment