संतोष त्रिवेदी जी की पोस्ट
पर हमें एक बार फिर अपने संकल्प को दोहराना पड़ा। हमने कहा कि
'समझदारी और परिपक्वता के स्तर तक हम हिन्दी ब्लॉगर्स को लाकर रहेंगे'
बेजा इल्ज़ाम लगाने से बचें हिन्दी ब्लॉगर्स-एक अपील
1. हम जब तक कमेंट करते रहे, तब तक उसे नारी ब्लॉग छापता रहा। जब हमने उसे पढ़ना और उस पर कमेंट करना बंद कर दिया तो वह हमारा कमेंट छापेगा कैसे ?
हम किसी का समर्थन या विरोध करते हुए उसका औरत-मर्द या हिन्दू मुसलमान होना नहीं देखते। संकीर्ण मानसिकता वाले उसे सांप्रदायिकता का जामा पहनाते हैं। हमने फ़िरदौस को भी नेक नसीहत की थी। हालाँकि वह महिला ब्लॉगर भी थी और मुस्लिम भी। अगर कोई उसे महिला का अपमान बताए या उसे ‘मुस्लिम‘ का विरोध बताए तो यह कहने वाले की नादानी होगी।
हिन्दी ब्लॉगर्स के सामने संकीर्ण सांप्रदायिक सोच एक चुनौती है। हम सबको मिलकर इससे मुक्ति पानी है।
‘ब्लॉग की ख़बरें‘ एक हिन्दी ब्लॉग जगत का सबसे पहला और निष्पक्ष समाचार पत्र है। यह एक आईना है। ब्लॉग जगत की झलक इसमें साफ़ देखी जा सकती है।
हिन्दी ब्लॉगिंग को नुक्सान पहुंचाने वाले मठाधीशों के खि़लाफ़ इसने ज़ोरदार आवाज़ उठाई है। यही वजह है कि सभी मठाधीश और उनके अनुचर अनवर जमाल से रंजिश रखते हैं। इसी के साथ यह समाचार पत्र मज़हबी कटटरता और अंधविश्वासों के खि़लाफ़ भी आवाज़ उठाता है। यह एक वैचारिक आन्दोलन है। मज़हब को अंधविश्वास परोसने वाले व्यापारियों और दीन के नाम पर ठगने वाले ठगों के खि़लाफ़ इसकी निम्न पोस्ट्स दृष्टव्य हैं-
a- मदरसे और मस्जिद के लिए चंदा के नाम पर फैल रहा है कमीशनख़ोरी और ठगी का धंधा
http://blogkikhabren.blogspot.in/2013/02/blog-post_28.html
2- दीन के नाम पर दुकानदारी करने वाले मुल्लाओं की एक कारस्तानी The Sin
http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/12/great-sin.html
http://blogkikhabren.blogspot.in/2013/02/blog-post_28.html
2- दीन के नाम पर दुकानदारी करने वाले मुल्लाओं की एक कारस्तानी The Sin
http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/12/great-sin.html
अनवर जमाल को समझना है तो अपने दुराग्रह और पूर्वाग्रह से मुक्त होना होगा।
‘औरत की हक़ीक़त‘ और ‘प्यारी मां‘ ब्लॉग के ज़रिये अनवर जमाल ने हिन्दुस्तानी औरत को सम्मान और सुरक्षा दिलाने के लिए एक अभियान छेड़ा हुआ है। जिसमें किसी तंगदिल ने कभी सहयोग नहीं दिया। वे सब इन रचनात्मक ब्लॉगस से दूर ही रहे।
नफ़रत न फैलाने वाले हिन्दी ब्लॉगर्स का सहयोग अनवर जमाल को हमेशा मिला है और आज भी मिल रहा है। इसमें औरत-मर्द और हिन्दू मुस्लिम तो हैं ही। इसमें ईसाई भी हैं और नास्तिक भी।
‘हिन्दी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल‘ अनवर जमाल का बनाया अकेला ऐसा सामूहिक ब्लॉग है जिसमें उसके विरोधियों को भी सदस्य बनाया गया। उन्होंने अनवर जमाल के विरोध में लिखा और फिर ख़ुद ही शान्त हो गए। आज तक शान्त हैं। जब दूसरे विरोध करने पर ब्लॉगर को निकाल रहे थे तब हम अपने विरोधियों को इन्वाईट कर रहे थे कि आओ भाई, विरोध करो, आपका विरोध भी सुना जाएगा।
हमारा मक़सद सबको जोड़ना है। इसके लिए सहनशीलता और सकारात्मक सोच ज़रूरी है।
‘हिन्दी का उत्थान हो‘, इस भावना के साथ हमें सबको अपने गिले शिकवे भूल जाने चाहिएं या उनके हल के लिए कोई पैमाना निर्धारित कर लेना चाहिए। बेवजह इल्ज़ाम लगाना किसी समस्या का हल नहीं होते। समझदारी और परिपक्वता के स्तर तक हम हिन्दी ब्लॉगर्स को लाकर रहेंगे। इसके लिए अनवर जमाल कृत संकल्प है।
जो भी ब्लॉगर जर्मनी जाए, वह वहां हिन्दी में अपनी बात रखे, उसकी बात को कोई दूसरा अनुवाद करके बताए, यह ध्यान रखे। वहां जाकर हिन्दी ब्लॉगर अंग्रेज़ी में न बोलने लगे। ऐसी विनती है।
सभी चयनित और अचयनित ब्लॉगर्स को शुभकामनाएं क्योंकि सभी हिन्दी को समृद्ध कर रहे हैं।
2. सन्तोष जी को एक अच्छी पोस्ट के लिए शुभकामनाएं।
उन्होंने एक अच्छा मुददा उठाया है लेकिन सही बात को कहने का साहस कौन करे ?
जो सच बोलेगा, उसे गुटबाज़ों का विरोध झेलना पड़ेगा या फिर उसे किसी के खि़लाफ़ मान लिया जाएगा। मुददों पर बात करने का माददा यहां नापैद सा है। शुक्र है कि बिल्कुल नापैद नहीं है।
सो आपने लिखा ही है।
1 comments:
पता नही...!
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
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नवरात्रों और नवसम्वतसर-२०७० की हार्दिक शुभकामनाएँ...!
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