इंसान को अपनी बेहतरी के लिये खुद ही संघर्ष करना पड़ता है. हरेक इंसान को जानना चाहिये कि उसके लिये क्या बेहतर है ? आज़ादी की सालगिरह मुबारक. जंगे-आज़ादी के नायक अशफाक उल्ला खान देश की गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूमने वाले अशफाक उल्ला खान जंग-ए-आजादी के महानायक थे।अंग्रेजों ने उन्हें अपने...
मगर इन्सान तो ये जानता है कि अपने आगे भी (हमेशा) बुराई करता जाए (5)
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75 सूरए अल कियामह
सूरए अल कियामह मक्के में नाजि़ल हुआ और इसकी चालीस (40) आयतें है
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
मै...