ग़ज़लगंगा.dg: ग़म की धूप न खाओगे तो खुशियों की बरसात न होगी: ग़म की धूप न खाओगे तो खुशियों की बरसात न होगी . दिन की कीमत क्या समझोगे जबतक काली रात न होगी . जीवन के इक मोड़ पे आकर हम फिर से मिल...
और जब ये लोग जंजीरों से जकड़कर उसकी किसी तंग जगह मे झोंक दिए जाएँगे तो उस
वक़्त मौत को पुकारेंगे
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(ये सब कुछ नहीं) बल्कि (सच यूँ है कि) उन लोगों ने क़यामत ही को झूठ समझा है
और जिस शख़्स ने क़यामत को झूठ समझा उसके लिए हमने जहन्नुम को (दहका के) तैयार
क...