बाबा रामदेव जी चाहते थे कि विदेशों में जमा ख़ज़ाना भारत लाया जाए और सरकार ने दिखा दिया कि बाहर से लाने की ज़रूरत तो बाद में पड़ेगी, देश के धर्मस्थलों में बहुत जमा है।
आप कहें तो पहले इसी का राष्ट्रीकरण कर दिया जाए ?
अब न तो बाबा जी से जवाब देते बन रहा है और न ही बीजेपी से।
...लेकिन यह सब हुआ क्यों और अब क्या होगा आगे ?
जानने के लिए देखिए यह लिंक
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/indian-tradition.html
के.एम.अग्रवाल महाविद्यालय, कल्याण(पश्चिम) - हिंदी विभाग : विश्वा
अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के जनवरी 2025
-
के.एम.अग्रवाल महाविद्यालय, कल्याण(पश्चिम) - हिंदी विभाग : विश्वा
अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के जनवरी 2025: विश्वा अंतरराष्ट्रीय पत्रिका के जनवरी
2025 अंक में म...
2 comments:
जाते हैं दिये हुए लिंक पर!
link par jate hain GURUDEV !
Post a Comment