बाबा रामदेव जी चाहते थे कि विदेशों में जमा ख़ज़ाना भारत लाया जाए और सरकार ने दिखा दिया कि बाहर से लाने की ज़रूरत तो बाद में पड़ेगी, देश के धर्मस्थलों में बहुत जमा है।
आप कहें तो पहले इसी का राष्ट्रीकरण कर दिया जाए ?
अब न तो बाबा जी से जवाब देते बन रहा है और न ही बीजेपी से।
...लेकिन यह सब हुआ क्यों और अब क्या होगा आगे ?
जानने के लिए देखिए यह लिंक
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/indian-tradition.html
बेशक जिन लोगों ने ईमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए और अपने परवरदिगार
के सामने आजज़ी से झुके यही लोग जन्नती हैं कि ये बेहिश्त में हमेशा रहेगें
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ये वह लोग हैं जिन्होंने कुछ अपना ही घाटा किया और जो इफ़्तेरा परदाजि़याँ
(झूठी बातें) ये लोग करते थे (क़यामत में सब) उन्हें छोड़ के चल होगी (21)
इसमें शक ...
2 comments:
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