ग़ज़लगंगा.dg: ग़म की धूप न खाओगे तो खुशियों की बरसात न होगी: ग़म की धूप न खाओगे तो खुशियों की बरसात न होगी . दिन की कीमत क्या समझोगे जबतक काली रात न होगी . जीवन के इक मोड़ पे आकर हम फिर से मिल...
दोस्तों मेरे भाई रफीक पठान के हाथ मे कैमरा नहीं , यह तीसरी आंख है
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दोस्तों मेरे भाई रफीक पठान के हाथ मे कैमरा नहीं , यह तीसरी आंख है ,
पत्रकार की निष्पक्ष कलम है , जिसका तहलका हम रोज़ देख रहे है , आज इस कलमकार ,
सेवाभावी...