एक नारी ने नर-नारी के जटिल संबंधों को देखा और उनमें मौजूद मुख्य समस्या नारी की संतुष्टि के विषय पर उस नारी ने ही समाधान भी दिया। जिसका स्वागत किया गया लेकिन कुछ लोगों ने उस महिला ब्लॉगर को अपमानित करने का मानो बीड़ा ही उठा लिया। इससे दुखी होकर उसने अपनी पोस्ट पर आई टिप्पणियों को छिपा दिया और अपनी मनोव्यथा बताने के लिए कह दिया कि
‘बस..., अब और विवाद नहीं‘
हमने उनकी पोस्ट पढ़कर यही कहा है कि
आपकी पोस्ट से आपकी पीड़ा झलक रही है। सबके हित के विषय पर आपने एक अच्छा समाधान दिया था। विषय व्यस्क था तो कुछ शब्द इस तरह के आ गए थे। जिन्हें उन शब्दों पर या आपकी शैली पर आपत्ति थी तो वे अपनी आपत्ति दर्ज करा देते। आपकी कविता के विरोध में जो कुछ किया गया, वह जायज़ नहीं है।
नारी को अपनी जागीर मान कर मर्द उसका रख रखाव कर सकता है लेकिन उसके मन को समझना उसके लिए आज भी मुश्किल है। इसीलिए आपको मुखर होकर स्पष्ट शब्द इस्तेमाल करने पड़े।
हमने ब्लॉग की ख़बरें व अन्य मंचों पर आपकी पोस्ट की मंशा की तारीफ़ की है।
अपने समर्थन में जो लिंक आपने दिए, उनमें वह सबसे ऊपर होना चाहिए लेकिन वह आपकी लिस्ट में ही नहीं है।
हमारी पोस्ट का लिंक किस कारण से छोड़ दिया गया ?
‘बस..., अब और विवाद नहीं‘
हमने उनकी पोस्ट पढ़कर यही कहा है कि
आपकी पोस्ट से आपकी पीड़ा झलक रही है। सबके हित के विषय पर आपने एक अच्छा समाधान दिया था। विषय व्यस्क था तो कुछ शब्द इस तरह के आ गए थे। जिन्हें उन शब्दों पर या आपकी शैली पर आपत्ति थी तो वे अपनी आपत्ति दर्ज करा देते। आपकी कविता के विरोध में जो कुछ किया गया, वह जायज़ नहीं है।
नारी को अपनी जागीर मान कर मर्द उसका रख रखाव कर सकता है लेकिन उसके मन को समझना उसके लिए आज भी मुश्किल है। इसीलिए आपको मुखर होकर स्पष्ट शब्द इस्तेमाल करने पड़े।
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संभोग रहस्य - Vandana Gupta
धन्यवाद !
आपको भी अपनी राय ज़रूर देनी चाहिए।