ब्लॉग जगत में जो कुछ चल रहा है वह इतना है कि
वे हमारे बीच के सुनहरे उभरते हीरे को इस्तेमाल करते हैं और इस्तेमाल होने के बाद उसे फेंक देते है. यही हमेशा से चलता आ रहा है.
वे हमारे बीच के सुनहरे उभरते हीरे को इस्तेमाल करते हैं और इस्तेमाल होने के बाद उसे फेंक देते है. यही हमेशा से चलता आ रहा है.
वैसे एक जानकारी देता चलूँ कि हमारीवाणी.कॉम बनाने का बुनियादी concept मैंने अर्थात सलीम ख़ान ने दिया था और ब्लॉग जगत के जिस शख्स ने हमारीवाणी.कॉम का नामकरण किया था उससे पहले उसने ही हमारीअंजुमन.कॉम का भी नामकरण किया था....!
पता है वह शख्स कौन है ?
ब्लॉग पितामह,
ब्लॉगर श्री जनाब मुहम्मद उमर कैरानवी साहब !!!
अरे ऐ एग्रीगेटर के मालिक ज़रा सोचो तुम किसलिए ब्लॉग में आये थे और क्या करने लगे??? जिस तरह अल्लाह इंसान से पूछता है कि वह दुनिया में किसलिए आया है और वह क्या कर रहा है ?,
क्या उसे अन्जाम की फिक्र नहीं है ?
... तो यकीनन वह दिन आएगा जब सारा सच सामने आ जायेगा.
क्या उसे अन्जाम की फिक्र नहीं है ?
... तो यकीनन वह दिन आएगा जब सारा सच सामने आ जायेगा.
इसी तरह मैं इस एग्रीगेटर के मालिक से पूछ्ना चाहता हूँ कि तुम किस लिए ब्लॉग में लाये गए थे और किस लिए तुम ब्लॉग में आये थे और क्या करने लगे...???