Thursday, March 31, 2011

"इस्लाम धर्म' ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद एक नई पोस्ट आज पेश की गई . Islamhindi

समर्पण भाव
मौत एक अटल सच्चाई है और तौहीद सबसे बड़ी दौलत है. यह इंसान को बहुत से जुर्म और पाप से बचाकर उसे जीते जी भी सुकून देती है और मरने के बाद भी राहत देती है. यही वह सच्ची  दौलत है जो इंसान के साथ मरने के बाद भी जाती है.

आज मिलिए हिंदी ब्लॉगजगत के सबसे जोशीले ब्लोगर से

akhtarkhan3 हिंदी ब्लॉगजगत कि एक बात मुझे बहुत पसंद  और वो है अपने साथियों के ब्लॉग पे नियमित तौर पे आना जाना और टिप्पणी करना. लेकिन मुझे यह बात कभी पसंद नहीं आयी कि टिप्पणी अधिकतर उन्ही ब्लोगर के लेख़ पे करना जिन ब्लोगर को हम जानते हैं या जिनसे वापस  टिप्पणी मिलने कि आशा हो. यह काम हम जा बूझ  के नहीं करते बल्कि जाने अनजाने मैं सबका  देखा देखी इसकी आदत सी पड़ जाती है. और फिर इस चक्कर से हम कभी नहीं निकल पाते. हमें पता  ही नहीं चलता कि कब कौन सा नया ब्लोगर इस ब्लॉगजगत मैं आया और क्या लिख रहा है. 
बहुत दिनों से एक ब्लोगर जनाब अख्तर खान "अकेला" जी को पढता हूँ. एक साल पहले जब मैं  इस हिंदी  ब्लॉगजगत मैं आया तो यही समझ मैं आता था जिसके पास १००-२०० टिप्पणी हैं वो बड़ा ब्लोगर है और अच्छा लिखता भी है,जिसके पास कोई टिप्पणी नहीं वो अच्छा नहीं लिखता. मैंने भी इसी तराजू से जनाब अख्तर खान अकेला का वज़न करने कि भूल कर डाली. और नतीजे मैं ३-४ महीने उनके अच्छे लेखों को नहीं पढ़ा. धीरे धीरे पता  चलने लगा, जनाब अख्तर खान साहब, को ब्लॉग बना लेना सही से नहीं आता, टिप्पणी कहां और कैसे कि जाए, इस ब्लॉगजगत का क्या दस्तूर है, यह भी नहीं मालूम. उनको तो केवल बेहतरीन लिखना और पोस्ट कर देना भर ही आता है. 
एक दिन जब अख्तर साहब का लेख "में हिन्दुस्तान हूँ…में मुसलमान हूँ…कहां हिन्दू कहां मुस्लमान " अमन के पैग़ाम के लिए मिला , तो मुझे उनके विचार बहुत पसंद आये और मुझे यकीन हो गया कि इनको पहचानने में मैं ग़लती कर गया. 
sadafakhtar जनाब अख्तर खान साहब पेशे से वकील, उर्दू, हिन्दी एवं पत्रकारिता में स्नातकोत्तर, विधि स्नातक, ह्यूमन रिलीफ सोसायटी का महासचिव हैं . लेकिन मेरी नज़र मैं इनकी पहचान केवल इनकी बेहतरीन और इमानदार लेखनी है. किसी से नाराज़गी ना होने के बावजूद किसी ख़ास समूह से जुड़े ना होने के कारण , इनके लेखों को टिप्पणी कम ही मिल पाती है लेकिन जो एक बार इनको पढ़ लेता है , दूसरी बार तलाशता हुआ जाता है. बस मेरी ही तरह हिंदी टाइपिंग मैं ग़लतियाँ ,टाइपिंग का तजुर्बा ना होने के कारण अक्सर हो जाया करती है.
अख्तर खान साहब एक सीधी तबियत के इंसान हैं और जो कुछ लिखते हैं अपने ब्लॉग पे वही उनकी सही पहचान भी है. उनके ब्लॉग से ही पता  लगता है वो अपने परिवार और अपने देश, अपने वतन से भी बहुत प्यार करते हैं. 
अक्सर बा सलाहियत लोगों के बारे मैं बहुत सी ऐसी बातें भी मशहूर हो जाती हैं जिनका यह पता   भी नहीं चलता कि सच है या झूट. वैसे तो अख्तर साहब शायर भी हैं और "अकेला" उनका तखल्लुस है लेकिन सुना है जब साल भर से बेहतरीन लिखने के बावजूद लोगों ने टिप्पणी कम लिखी तो उन्होंने ने अपने नाम  के आगे "अकेला" लगा लिया.
यह वो शख्स है जिसने ब्लॉगजगत के दस्तूर  को अकेला बदल डाला. कोई टिप्पणी करे ना करे इनकी लेखनी और जोश मैं कोई अंतर नहीं आया और आज हर एक ब्लोगर इनको नाम से भी जानता है और इनकी लेखनी कि ताक़त को भी मानता है. और टिप्पणी कम होने के बाद भी इनके ब्लॉग के पाठक किसी भी अधिक टिप्पणी वाले ब्लॉग से ज्यादा हैं.
जिन्होंने इनको नहीं पढ़ा है ,उनसे यह अवश्य कहूँगा, एक बार अख्तर  साहब को अवश्य पढ़ें ,आप इनके लेख और कविताओं को किसी १००-१५० टिप्पणी वाले ब्लोगर से कम नहीं पाएंगे.

एक माह के लिए अवकाश पर गए हरीश सिंह

वास्तव में यह चौंकाने वाली खबर है पिछले दो माह से अचानक चर्चा  में आये, एक छोटे से शहर जहाँ लोग ब्लोगिंग जानते भी नहीं लोंगो को समझान पड़ता है, ऐसे नगर में रहने वाले हरीश सिंह ने ब्लॉग जगत में चर्चा में आये और अपने निजी ब्लॉग पर कुछ खास न कर पाने वाले श्री सिंह ने "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" की स्थापना कर उसे चर्चा में भी ला दिया यह ब्लॉग लेखको का सबसे बड़ा मंच बनने के कगार पर है. उन्होंने प्रेम की परिभाषा को इस ब्लॉग के माध्यम से व्यक्त की और अब वे अचानक ३१ मार्च से गायब हो रहे हैं. उन्होंने महाभारत की जिम्मेदारी दी डॉ. अनवर जमाल को और ब्लॉग संचालित करने की जिम्मेदारी युवा जोड़ी मिथिलेश और योगेन्द्र को सौंप दी है. 
अधिक जानकारी के लिए यह पढ़े....
इसे भी पढ़े ....  

{यह  समाचार का ब्लॉग है लिहाजा यहाँ पर हमने एक पत्रकार की तरह लिखा है ताकि रोचकता बनी रहे}

Tuesday, March 29, 2011

हमारी वाणी को टिप्स देंगे मासूम भाई

मासूम भाई वेसे तो ब्लोगिंग की दुनिया के बुनियाद रखने वालों में से हें और यह शख्सियत किसी पहचान की मोहताज नहीं हे लेकिन हाल ही में जब लोगों को पता चला के मासूम भिया अब हमरीवानी से जुड़ गए हें तो लेखकों और ब्लोगर्स की ख़ुशी का ठिकाना न रहा कारण साफ़ हे के अब हमारिवानी के तेवर मीठे और सुरीले होंगे सजी संवरी हमारी वाणी सभी लोगों में प्यार और सद्भाव बातेंगी अभी भिया दिनेश जी शाहनवाज़ जे खुशदीप जी और सक्सेना जी ने यह कमान सम्भाली थी हमारीवानी को इन सभी भाइयों ने अपने खून से सींचा हे कड़ी महनत लगन और पसीने से उसे संवारा हे उसे हम लोगों की वाणी बनाया हे लेकिन अब एक से भले दो दो से भले तीन की तर्ज़ पर मासूम भाई के आने से समझो हमारी वाणी में चार चाँद लग गये . मासूम भाई के लियें कुछ भी लिखना सूरज को दिए की रौशनी दिखने के समान हे में स्वयम भी इन जनाब का निजी तोर पर हजारों बार शुक्रगुजार रहा हूँ आगे  भी में इन्हें तकलीफें देता रहूँगा .
ब्लोगिं की दुनिया में प्यार बाँटने वाले मासूम भाई पहले बेन्कर्स थे और वहां से रिटायर होकर ब्लोगिंग की दुनिया के साथ साथ पत्रकारिता की दुनिया में ब्यूरो चीफ बन कर जोर आज़माइश कर रहे हें , लोगन की मदद करना लोगों में प्यार बांटना इनका स्वभाव हे यह कहते हें के कलम एक ऐसी ताकत हे इसका जनहित में इस्तेमाल कर अमन का पैगाम पहुंचाया जाये और इसीलियें इन्होने अमन का पैगाम भी पहुंचाया सभी ब्लोगर भाइयों को भाईचारे और सद्भावना के लेख लिखें के लियें प्रेरित कर ब्लोगिंग को एक नई दिशा दी . शांति संदेश ,हक बातिल , बेजुबान इस्लाम मुस्लमान ,ब्लोग्संसार सहित कई ऐसे खुबसूरत ब्लॉग हें जिन्हें शीशे के आयने में मासूम भाई ने सजाया हे संवारा हे और ब्लोगिग्न की दुनिया के पत्थरों को तराशकर चमकदार हिरा बना आडिय हे इसलियें भाई मासूम आपको सलाम ह्मरिवानी को सलाम भाई दिनेश जी द्विवेदी , भाई शाहनवाज़ को सलाम , भाई के पी सक्सेना जी भाई खुशदीप जी और सभी टीम मेम्बरों को सलाम एकता में बल हे संगम में खूबसूरती हे उदारता में मिठास हे और अमन के पैगाम में प्यार  की खुशबु हे इसलियें ब्लोगर्स के खुशबूदार फूलों को एक हमारी वाणी के गुलदस्ते में सजाने वालों को इसकी खुसबू लेने वालों को इसकी खुशबु दूर दराज़ तक पहुँचाने वालों को तहे दिल से नमन . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

लीजिए साहिबान ! ताज़ा दम होकर हम एक बार फिर आपके मार्गदर्शन के लिए वापस आ चुके हैं Rest is rust , Work is worship.

फ़ानूस बनके जिसकी हिफ़ाज़त हवा करे / वो शम्मा क्या बुझे जिसे रौशन ख़ुदा करे Rest is rust , Work is worship.

शम्मा ए हक़ नूरे इलाही को बुझा सकता है कौन
जिसका हामी हो ख़ुदा
उसको मिटा सकता है कौन
फ़ानूस बनके जिसकी हिफ़ाज़त हवा करे
वो शम्मा क्या बुझे जिसे रौशन
ख़ुदा करे

लीजिए साहिबान ! ताज़ा दम होकर हम एक बार फिर आपके मार्गदर्शन के लिए वापस आ चुके हैं। 

Monday, March 28, 2011

एक अच्छी खबर : प्यारी माँ ब्लॉग पर संवेदनशील साहित्यकार साधना वैद जी और रज़िया मिर्ज़ा साहेबा भी आ चुकी हैं

यह वाकई एक अच्छी खबर है  कि प्यारी माँ ब्लॉग पर संवेदनशील साहित्यकार  साधना वैद जी और जानी मानी शायरा रज़िया मिर्ज़ा साहेबा भी आ चुकी हैं और आते ही दोनों ने प्यारी माँ की ख़िदमत में काव्य रचना की शक्ल में अपना नजराना ए अक़ीदत भी पेश किया है . दोनों कलाम अपने आप में खूब से खूबतर हैं. हम इस्तकबाल करते हैं.
1- रज़िया मिर्ज़ा साहेबा - तेरा "वजुद" मुझ में है "माँ"

२- साधना वैद जी    -      तुम्हारे बिना   

Sunday, March 27, 2011

PBA के अध्यक्ष आशुतोष नाथ तिवारी का पूर्वांचल को पैगाम


पूर्वांचल के सभी बंधुओ एवं बहनों को मेरा प्रणाम...
माननीय हरीश जी के मार्गदर्शन में इस ब्लॉग को आगे बढ़ाते हुए मुझे अत्यंत ख़ुशी हो रही है..मैं व्यक्तिगत रूप से पूर्वांचल की पहचान के लिए कुछ करना चाहता था..हरीश जी ने एक मंच दिखा दिया.
बंधुओं पूर्वांचल किसी परिचय का मोहताज नहीं है.दुर्भाग्यवश हम सभी ने कभी भी राष्ट्रीय व वैश्विक धरातल में पूर्वांचल के योगदान का सही विश्लेष्ण ही नहीं किया..विविध कारण है इसके राजनैतिक सामाजिक आर्थिक व अन्य कई ....
मेरा सभी पूर्वांचल के बंधुओ से अनुरोध है की ये किसी व्यक्ति विशेष का मंच नहीं है ये मंच है पूर्वांचल व पूर्वांचल का भला सोचने वाले सभी भाइयों एवं बहनों का..मैं इस मंच में उस आखिरी व्यक्ति का योगदान भी चाहता हूँ जिसने अब तक लिखना पढना नहीं सिखा है,जिसे ये नहीं मालूम की शाम को उसके बच्चों का पेट भरेगा या नहीं हाँ मैं उसका भी योगदान चाहता हूँ जो किसी अन्य प्रदेश में जा कर पूर्वांचल का भईया कहा जाता है और कुछ देशद्रोहियों द्वारा सताया जाता है...वो ब्लॉग ई मेल और पोस्ट नहीं लिख सकते..
बंधुओ लेख तो हम सब लिख सकतें है मगर जब तक हम उस आखिरी व्यक्ति की आवाज को इस मंच पर नहीं ले आते प्रयास सार्थक नहीं होगा..आप सभी से अनुरोध है पूर्वांचल के योगदान में मेरा मार्गदर्शन एवं सहयोग करें व अपने इस मंच पर बेधड़क जो कुछ भी लिखना चाहतें है पूर्वांचल के संदर्भ में लिखें.

आइये हम पूर्वांचल की मिटटी को उसकी खोयी हुई पहचान वापस देने का एक प्रयास करें...

आशुतोष नाथ तिवारी
अध्यक्ष-- पूर्वांचल ब्लोगर्स असोसिएसन 

'ब्लॉग की ख़बरें' पर अपनी पोस्ट्स का प्रचार करने वालों के लिए एक खुशखबरी . Good News

यह ब्लॉग अब आपको एक और एग्रीगेटर 'अपना ब्लॉग' पर भी दिखाई देगा.
इसी के साथ आज मैंने अपने कई और ब्लॉग्स भी इस एग्रीगेटर पर जोड़ दिया है.
रास्ते अभी और भी हैं ट्रैफिक बढाने के लिए. जैसे जैसे मेरा इल्म बढ़ता जायेगा और मुझे वक़्त मिलता जायेगा , मैं आपकी आवाज़ को ज्यादा से ज़्यादा फैलाता चला जाऊंगा.
आप लिखते रहें और हम पढ़ते रहें ऐसी हमारी इच्छा है.
शुक्रिया.
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/03/mother-urdu-poetry-part-2.html

महिला को छेड़ छाड़ के आरोपी को पकड़वाने के लियें टंकी पर चढना पढ़ा

दोस्तों यह मेरा भारत महान यह मेरा प्यारा हिन्दुस्तान जहाँ महिलाओं की पूजा होती हे जहाँ महिलाओं को राजनितिक आरक्षण और मान सम्मान की बात होती हे , जी हाँ दोस्तों मेरे इस देश में राजस्थान की  विपक्ष की नेता वसुंधरा सिंधिया हे ,राजस्थान की संसद गिरजा व्यास महिला आयोग की अध्यक्ष हें यहाँ देश के संचालन का रिमोट सोनिया गाँधी के पास हे तो लोकसभा की अध्यक्षता श्रीमती मीरा कुमार सम्भाल रही हें इसी देश में राजस्थान के एक छोटे जिले बूंदी के गाँव झालाजी का बराना में उसके साथ छेड़ छाड़ करने वालों की गिरफ्तारी  की मांग को लेकर मजबूरी में पानी की टंकी पर चढना पढ़ा हे अब छेड़ छाड़ वाले तो गिरफ्तार नहीं हुए लेकिन महिला जरुर गिरफ्तार हे . 
दोस्तों यह नंगा सच पुलिस की ढिलाई कठोर विचारधारा वाले कुर्सी के गुलाम नेताओं और चरित्रहीन कार्यकर्ताओं को चाहे मामूली सी बात लगे . जो धर्म गुरु बेईमानी के धन से अपने आश्रम मदरसे चलाते हों उनके लियें यह घटना छोटी हे जो कलमकार चंद नोटों के खातिर अपनी कलम को वेश्या के दरबार की तरह से अधिकारीयों और नेताओं के तबले की थाप पर चलाते हों उनके लिए यह घटना एक मजाक हो लेकिन जहां एक महिला द्रोपदी का अपमान करने पर महाभारत रची जाती हो वहां एक महिला के साथ छेड़खानी करने वाले अगर रिपोर्ट करने पर भी पुलिस द्वारा काफी दिनों तक पकड़े नहीं जाएँ और पुलिस व् आरोपी महिला को धमकाएं तो महिला के पास आत्म हत्या के सिवा और दुसरा कोनसा चारा बच जाता हे .
बस इसीलियें राजस्थान में बूंदी जिले के झालानी का बराना गाँव की एक विवाहिता श्रीमती संतोष कहार पत्नी रामभरोस आयु २५ वर्ष  अपने छ साल के बच्चे को रोता बिलखता छोड़ कर ४० फिट ऊँची टंकी पर चढ़ गयी और तेल छिड़क कर आग लगाने का प्रयास करने लगी उसकी माग थी के उसके पड़ोसी हनुमान और रामप्रसाद उसके साथ छेड़ खानी करते हें और पुलिस में शिकायत करने पर पुलिस उनके खिलाफ कार्यवाही नही करती और इस कारण इनके होसले और बुलंद हो गये हें वोह चीखती रही चिल्लाती रही लेकिन अपराधियों को पकड़ा ना गया केवल उनके खिलाफ निष्पक्ष कार्यवाही का एक कोरा आश्वासन इस महिला को मिला महिला को बच्चे का वास्ता देकर नीचे उतारा गया और महिला की मांग के मुताबिक छेड़खानी करने वाले तो पकड़े नहीं गये लेकिन बेचारी इन्साफ की तलाश में निकली यह महिला आत्महत्या के प्रयास में पकड़ी गयी दोस्तों क्या यही कानून हे क्या यही इन्साफ हे , 
मेरा येह राजस्थान यहाँ पटरियों पर महीनों डकेतों की तरह गुर्जरों का कब्जा होता हे ,यहाँ जाट पटरियों पर कब्जा करते हें महिलाओं ,बच्चो सरपंचों पर लाठियां भांजी जाती हे विधायक एक पुत्र की सुपारी लेकर हत्या होती हे चोकी में बलात्कार के बाद महिला सिपाही की हत्या फिर चोकी में सिपाही की हत्या और फिर यहाँ एक महिला की निर्मम हत्या के बाद उसके आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता एक रिश्तेदार आत्मदाह करता हे पुलिस के सामने एक इन्स्पेक्टर फुल मोहम्मद के हाथ पाँव काट कर जिंदा जला दिया जाता हे कोई गिरफ्तार नहीं होता किसी का इस्तीफा नहीं होता विधायक आरोप लगाते हें सी बी आई जाँच नहीं होती तो फिर जनाब बताओ कानून कहाँ हे . दोस्तों बूंदी जिले की इस महिला के अस्मत के सोदाग्रों की कहानी को आरोपियों के बचाने वालों द्वारा छुपायी जा रही हे अख़बार छाप नहीं रहे थे बाथरूम तक की खबर देने वाले टी वी चेनल उसकी सुनवाई नहीं कर रहे थे पुलिस का तो कहना ही क्या था तब इस महिला ने अगर मजबूरी में यह रास्ता अपने तो क्या पुलिस और मीडिया के लियें शर्मनाक नहीं हे दोस्तों यह एक संवेदन शील पोस्ट हे एक भावना एक महिला के दर्द की दास्ताँ हे अगर आपके मन को इस पोस्ट ने छुआ हे तो कोई टिप्पणी ना करे लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत को यह सच एक पत्र के माध्यम से एक पोस्ट माध्यम से जरुर पहुँचाने की कोशिश करे ताकि पुलिस फिर किसी अबला की छेड़ छाड़ की शिकायत को कचरे के डिब्बे में ना डाले . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Saturday, March 26, 2011

एक चिडिया जो करती है पढाई



उसका नाम है रमली। वह कक्षा चार में पढती है। रोज सुबह स्‍कूल जाती है। पहले प्रार्थना के दौरान कतार में खडी होती है और फिर कक्षा में गिनती, पहाडा, अक्षर ज्ञान। इसके बाद मध्‍यान्‍ह भोजन बकायदा थाली में करती है। फिर और बच्‍चों के साथ मध्‍यांतर की मस्‍ती और फिर कक्षा में। स्‍कूल में वह किसी दिन नागा नहीं करती। रविवार या छुटटी के दिन स्‍कूल नहीं जाती, पता नहीं कैसे उसे स्‍कूल की छुटटी की जानकारी हो जाती है। रमली का मन पढाई में पूरी तरह लग गया है और अब उसने काफी कुछ सीख लिया है।

आप सोच रहे होंगे और बच्‍चे स्‍कूल जाते हैं, तो रमली भी जाती है। इसमें ऐसा क्‍या खास है कि यह पोस्‍ट रमली के स्‍कूल जाने, पढने पर लिखना पडा। दरअसल में रमली है ही खास। जानकर आश्‍चर्य होगा कि रमली कोई छात्रा नहीं एक चिडिया है। देखने में तो रमली पहाडी मैना जैसी है लेकिन वह वास्‍तव में किस प्रजाति की है इसे लेकर कौतूहल बना हुआ है। नक्‍सल उत्‍पात के नाम से प्रदेश और देश भर में चर्चित राजनांदगांव जिले के वनांचल मानपुर क्षेत्र के औंधी इलाके के घोडाझरी गांव में यह अदभुद नजारा रोज देखने में आता है।

इस गांव की प्राथमिक शाला में एक चिडिया की मौजूदगी, न सिर्फ मौजूदगी बल्कि शाला की हर गतिविधि में उसके शामिल होने ने इस गांव को चर्चा में ला दिया है। इस गांव के स्‍कूल में एक चिडिया न सिर्फ प्रार्थना में शामिल होती है बल्कि वह चौथी की कक्षा में जाकर बैठती है। अक्षर ज्ञान, अंक ज्ञान हासिल करती है और फिर जब मध्‍यान्‍ह भोजन का समय होता है तो बकायदा उसके लिए भी एक थाली लगाई जाती है। इसके बाद  बच्‍चों के साथ खेलना और फिर पढाई। यह चिडिया खुद तो पढाई करती ही है, कक्षा में शरारत करने वाले बच्‍चों को भी सजा देती है। मसलन, बच्‍चों को चोंच मारकर पढाई में ध्‍यान देने की हिदायद देती है। अब इस चिडिया की मौजूदगी ही मानें कि इस स्‍कूल के कक्षा चौथी में बच्‍चे अब पढाई में पूरी रूचि लेने लगे हैं और बच्‍चे स्‍कूल से गैर हाजिर नहीं रहते।
इस चिडिया का नाम स्‍कूल के हाजिरी रजिस्‍टर में  तो दर्ज नहीं है लेकिन इसे स्‍कूल के बच्‍चों ने नाम  दिया है, रमली। रमली हर दिन स्‍कूल पहुंचती है और पूरे समय कक्षा के भीतर और कक्षा के आसपास ही रहती है। स्‍कूल की छुटटी होने के बाद  रमली कहां जाती है किसी को नहीं पता लेकिन दूसरे दिन सुबह वह फिर स्‍कूल पहुंच जाती है। हां, रविवार या स्‍कूल की छुटटी के दिन वह स्‍कूल के आसपास भी नहीं नजर आती, मानो उसे मालूम हो कि आज छुटटी है।

इस स्‍कूल की कक्षा चौथी की  छात्रा सुखरी से रमली का सबसे ज्‍यादा लगाव है। सुखरी बताती है कि रमली प्रार्थना के दौरान उसके आसपास ही खडी होती है और कक्षा के भीतर भी उसी के कंधे में सवार होकर पहुंचती है। उसका कहना है कि उन्‍हें यह अहसास ही नहीं होता कि रमली कोई चिडिया है, ऐसा लगता है मानों रमली भी उनकी सहपाठी है। शिक्षक जितेन्‍द्र मंडावी का कहना है कि एक चिडिया का  कक्षा में आकर पढाई में दिलचस्‍पी लेना आश्‍चर्य का विषय तो है पर यह हकीकत है और अब उन्‍हें भी आदत हो गई है, अन्‍य बच्‍चों के साथ रमली को पढाने की। वे बताते हैं कि यदि  कभी रमली की ओर देखकर डांट दिया जाए तो रमली रोने लगती है। घोडाझरी के प्राथमिक स्‍कूल में  कुल दर्ज  संख्‍या 29 है जिसमें 13 बालक और 16 बालिकाएं हैं, लेकिन रमली के आने से कक्षा में पढने वालों की संख्‍या 30 हो गई है।

बहरहाल, रमली इन दिनों आश्‍चर्य का विषय बनी हुई है। जिला मुख्‍यालय तक उसके चर्चे हैं और इन चर्चाओं को सुनने के बाद जब हमने जिला मुख्‍यालय से करीब पौने दो सौ किलोमीटर दूर के इस स्‍कूल का दौरा किया तो हमें भी अचरज हुआ। पहाडी मैना जिसके बारे में कहा  जाता है कि वह इंसानों  की तरह बोल सकती है,  उसी की  तर्ज में रमली भी बोलने की कोशिश करती है, हालांकि उसके बोल स्‍पष्‍ट नहीं होते लेकिन ध्‍यान देकर सुना जाए तो  यह जरूर समझ आ जाता है कि रमली क्‍या बोलना चाह रही है। रमली के बारे में स्‍कूल में पढने वाली उसकी 'सहेलियां' बताती हैं कि पिछले करीब डेढ दो माह से रमली बराबर स्‍कूल पहुंच रही है और अब तक उसने गिनती, अक्षर ज्ञान और पहाडा सीख लिया है। वे बताती हैं  कि रमली जब 'मूड' में होती है तो वह गिनती भी बोलती है और पहाडा भी सुनाती है। उसकी सहेलियां दावा करती हैं कि रमली की बोली स्‍पष्‍ट होती है और वह वैसे ही बोलती है जैसे हम और आप बोलते हैं। हालांकि हमसे रमली ने खुलकर बात नहीं की, शायद अनजान चेहरा देखकर। फिर भी रमली है बडी कमाल  आप भी तस्‍वीरों में रमली को देखिए।  

छत्‍तीसगढ में पहाडी मैना बस्‍तर के कुछ इलाकों में ही मिलती है और अब उसकी संख्‍या भी कम होती जा रही है। राज्‍य के राजकीय पक्षी घोषित किए गए पहाडी मैना को संरक्षित करने के लिए राज्‍य सरकार की ओर से काफी प्रयास किए जा रहे हैं, ऐसे में राजनांदगांव जिले के वनांचल में  पहाडी मैना जैसी दिखाई देने वाली और उसी की तरह बोलने की कोशिश करने वाली इस चिडिया की प्रजाति को लेकर शोध की आवश्‍यकता है।  खैर यह हो प्रशासनिक काम हो गया लेकिन फिलहाल इस चिडिया ने वनांचल में पढने वाले बच्‍चों में शिक्षा को लेकर एक माहौल बनाने का काम कर दिया है।  http://atulshrivastavaa.blogspot.com

पाकिस्तान सरकार अल्पसंख्यकों के खि़लाफ़ भेदभाव नहीं रखती

पाकिस्तान सरकार अल्पसंख्यकों के खि़लाफ़ भेदभाव नहीं रखती लेकिन आतंकवादी गतिविधियों ने ख़ौफ़ और दहशत फैला दी है। एक और श्रृद्धालु प्रकाश बत्रा का कहना था कि ऐसा मालूम होता है कि पाकिस्तान सरकार अल्पसंख्यकों और साथ ही मुसलमानों को सुरक्षा देने में बेसहारा हो गई है।
http://hbfint.blogspot.com/2011/03/blog-post_6252.html

पत्रकारिता से ब्लोगिंग की सफलता तक का ग्वालानी जी का सफ़र

राजकुमार ग्वालानी जी एक सहज ह्रदय के म्रदु भाषी संस्कारिक लेखक हें ग्वालानी जी पिछले १५ वर्षों से देशबन्धु समाचार पत्र में पत्रकार रहे हें और वर्तमान में भी रायपुर जो छत्तीसगढ़ की राजधानी हे वहां के एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के खोजी पत्रकार सम्पादक हे , पत्रकार होने के नाते निरंतर लेखन से जुड़े रहने के अकारण ग्वालानी जी के पास मुद्दों की कमी नहीं हे पत्रकारिता में कई लोग दुश्मन भी होते हें लेकिन ग्वालानी जी की पत्रकारिता एक ऐसी आदर्श पत्रकारिता हे के  उन्हें लोगों का प्यार ही प्यार मिला हे रायपुर में पत्रकारिता के अखाड़े में सभी को चित करने के बाद ग्वालानी जी ने फरवरी २००९ में ब्लोगिंग की राह पकड़ी और फिर उन्होंने पीछे मूढ़ कर नहीं देखा . ग्वालानी जी ने पत्रकारिता के कमाल और हुनरमंदी के खेल ब्लोगिंग में दिखाए ब्लोगिंग की दुनिया को एक करने का प्रयास किया अपने सुझावों अपनी पोस्टों से ग्वालानी जी ने ब्लोगर्स को एक नया सन्देश दिया अपनापन दिया .ग्वालानी जी ने फरवरी २००९ में ब्लोगिंग शुरू कर सबसे तेज़ बढ़ते अखबार की तरह केवल ११ माह में दिसम्बर २००९ तक ९०५ पोस्टें पूरी कर ली थी . राजतन्त्र के नाम से ब्लोगिंग की दुनिया में झंडे गाढ़ने वाले पहले ऐसे ब्लोगर हे जो भाईचारा और सद्भावना की ब्लोगिंग करते हें अपने ब्लॉग पर खुद के अलावा अपने साथियों के लिंक ब्लॉग भी शामिल हे चर्चा के नाम पर ग्वालानी जी की शख्सियत ब्लोगिंग की दुनिया में किसी के परिचय की मोहताज नहीं रही हे और इसीलियें इंडिया ब्लोगिंग रेंक  में भी यह आगे हें जबकि इनके २१ लिंक और खेल्गढ़,स्वप्निल,ललित.कॉम.अमीर धरती गरीब लोग , शरद कोकास , चर्चा पान की दुकान पर जेसे ब्लॉग भी उन्होंने राजतन्त्र का हिस्सा बना रखे हे इस वर्ष इनकी ७३१ प्रविष्टियों पर अब तक ५२११ टिप्पणियाँ इन्हें मिल चुकी हे लाखों लोग इनके ब्लॉग के पाठक हे और इतना सब होने पर भी ग्वालानी जी हे के बस ब्लोगिंग के झगड़ों तकरारों से अलग थलग अपने लेखन के माध्यम से ज्ञान और प्यार बाँट रहे हें ऐसे ब्लोगर को मेरी तरफ से सलाम ................. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान  

एक संगठन ने दी पूर्वांचल के ब्लोगरो को चुनौती

पूर्वांचल न्यूज़ ब्यूरो {हरीश सिंह}// ब्लॉग की खबरे पढने वालो के लिए पाठको के लिए एक ऐसे खबर जो ब्लॉग की दुनिया में धमाके करने जा रही है. एक ऐसी सनसनाती स्टोरी जो पूर्वांचल के ब्लोगरो के छक्के छुड़ाने वाली है. 
गौर तलब है की अभी तक जो भी संगठन बने है. वे सिर्फ संयोजको के भरोशे रहे है. पद लेकर लोग जेब में रख लेते  थे. संगठन बड़ा बने तो वे भी बड़े ब्लोगर नहीं तो संयोजक को बेकार साबित कर खुद भी किनारे हो जाते और इलज़ाम संयोजको पर थोप दिया जाता. पर हमेशा चुनौतियों की सामना करने वाली पूर्वांचल की धरती ने पूर्वांचल के ब्लोगरो को ही चुनौती दे डाली है. 
न महिलाओ का अपमान/सम्मान और न ही किसी मर्दानगी को चुनौती. बस दम होना चाहिए आपकी क़ाबलियत और लेखनी में. आपकी कार्यकुशलता की - हिम्मत है तो आईये और इस कुर्शी पर बैठ जाईये. 
और आपको यह भी बता दे की यह चुनौती "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच " के संथापक/संयोजक हरीश सिंह ने दी है. जिन्होंने बहुत ही कम समय में प्रेम रुपी हथियार से इस मंच को नई पहचान दी है. 
विस्तृत जानकारी के कौन बनेगा अध्यक्ष..? पर चटका लगाईये ..

Friday, March 25, 2011

mere guru blogars meri laaj rkh lenaa

ब्लोगिंग में टीका टिप्पणी की दुनिया भी अजीब हे

दोस्तों यह ब्लोगिंग की दुनिया भी अजीब हे ब्लोगिंग की इस दुनिया में कभी ख़ुशी कभी गम तो कभी दोस्ती कभी दुश्मनी का माहोल गरम हे ब्लॉग की दुनिया में कई अच्छे अच्छे ऐसे लेखक हे जो स्थापित नहीं हो सके हें बहतरीन से बहतरीन लेखन बिना टिप्पणी का अनटच पढ़ा रहता हे जबकि एक सामान्य से भी  कम घर गृहस्ती का न समझ में आने वाला लेखन दर्जनों टिप्पणिया ले जाता हे . 
ब्लोगिंग की दुनिया यह पक्षपात या रोग हे जिसे अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग भी कहा जा सकता हे मेरे एक दोस्त जो हाल ही के नये ब्लोगर हें उन्होंने बहतर से बहतर लेखन पर भी टिप्पणिया नहीं आने का राज़ जब मुझसे पूंछा तो में निरुत्तर था इन ब्लोगर जनाब की खुद की कम्पुटर की दूकान हे साइबर केफे हे सो इन्होने सभी ब्लोगर्स जो रोज़ अपने लेखन पर दर्जनों टिप्पणियाँ प्राप्त करते हें प्रिंट आउट निकलवाकर कई साहित्यकारों पत्रकारों से जंचवाया  सभी ने जो लेखन दर्जनों टिप्पणी प्राप्त कर चुके थे उन्हें स्तरहीन ,व्यक्तिगत और मनमाना लेखन माना लेकिन जो लेखन एक भी टिप्पणी प्राप्त नहीं कर सका था उसको बहतरीन लेखन बताया यह ब्लोगर जनाब मेरे पास सभी की राय और सेकड़ों प्रिंट आउट लेकर आये में खुद सकते में था में समझ नहीं पा रहा था के इन नये जनाब ब्लोगर भाई को बेहतरीन लेखन के बाद भी टिप्पणियाँ क्यों नहीं मिल पा रही हे में सोचता रहा ब्लोगिंग की दुनिया में फेले जिस रोग से में भी पीड़ित हूँ में भी गिव एंड टेक के एडजस्टमेंट का बीमार हूँ और मेरी जिन पोस्टों को अख़बार की दुनिया ने सराहा हे पाठकों ने सराहा हे उन्हें भी प्रारम्भ में ब्लोगिंग की दुनिया में किसी ने देखना भी मुनासिब नहीं समझा खेर में तो लिखने के जूनून में व्यस्त हूँ में पीछे मुड़कर देखना नहीं चाहता लेकिन मुझे इन नये काबिल पत्रकार ब्लोगर को तो जवाब देना था उनका  सवाल में एक बार फिर दोहरा दूँ आखिर बहतर लिखने वाला अगर पूल में शामिल नहीं हे तो उसे वाह और टिप्पणिया क्यूँ नहीं मिलती और जो स्तरहीन निजी लेखन हे उन पर भी पूल होने के बाद दर्जनों टिप्पणियाँ केसे मिल जाती हे तो जनाब इस सवाल का जवाब देने के लियें मेने एक तकनीक अपनाई और वोह नीचे अंकित हे. 
जनाब  हमारे कोटा में एक गुमानपुरा इलाका हे यहाँ एक मिठाई की और इसी नाम से नमकीन की मशहूर दूकान हे इस दूकान पर ब्रांड नेम बिकता हे दूकान के नाम से ही मिटाई बेशकीमती होती हे और लोग लाइन में लग कर इस दूकान से महंगी मिठाई खरीद कर ले जाते हें में इन ब्लोगर भाई को पहले इस दूकान पर मिठाई खिलाने ले गया वहन की दो तीन मिठाइयाँ टेस्ट की और भाव ताव किया एक कागज़ पर हर मिठाई का नाम और कीमत लिखी , फिर में इन जनाब को इंदिरा मार्केट ब्रिज्राज्पुरा एक दूकान नुमा कारखाने पर ले गया उनकी मिठाई की भी दूकान हे और मकबरा थाने के सामने एक ठेला भी लगता हे लेकिन सारी मिठाई इसी कारखाने में कारीगर बनाते हें मेने और इन जनाब ब्लोगर भाई ने इस दूकान पर वही महंगी दुकान वाली मिठाइयों के भाव पूंछे टेस्ट किया मिठाई वही थी लेकिन कीमत आधी थी जो मिठाई यहाँ दो सो से तीन सो रूपये किलो की थी वोह मिठाई इस गुमानपुरा की दूकान पर ६०० से एक हजार रूपये किलो थी मेने इन जनाब को बताया देखो मिठाई वही हे ब्रांड का फर्क हे जो मिठाई कम कीमत में भी कोई नहीं पूंछ रहा वही मिठाई महगी दुकान पर लोग लाइन लग कर ले रहे हें हम बाते कर ही रहे थे के इतनी देर में एक जनाब आये और वोह इस कारखाने का बना सारा माल एक टेम्पो में भर कर यहाँ से इसी सस्ते दामों में अपनी महंगी दूकान पर ले गये यानी इस कारखाने में जो मिठाई बन रही थी वही मिठाई कम कीमत देकर अपने ब्रांड से अपने डिब्बे में महंगे दामों में बेचीं जा रही थी मेरी इस तरकीब से नये ब्लोगर भाई को तुरंत बात समझ में आ गयी के ब्लोगर की दुनिया में भी अच्छा और बेहतर लेखन नहीं केवल और केवल ब्रांड ही चलता हे पूल बनता हे ग्रुप बनता हे और एक दुसरे को उठाने एक दुसरे को गिराने का सिलसिला चलता हे लेकिन मेने उनसे कहा के में आपकी बात से सहमत नहीं हूँ यहाँ कुछ बुरे हें तो बहुत सरे लोग इतने अच्छे हें जिनकी मदद से आप जर्रे से आफताब बन सकते हो और मेने उन्हें कुछ मेरे अनुभव मेरे अपने गुरु ब्लोगर भाईयों के किस्से मदद के कारनामे सुनाये तो यह जनाब थोड़े संतुष्ट हुए अब हो सकता हे के यह जनाब भी मेरे गुरु ब्लोगरों से सम्पर्क करे अगर ऐसा हुआ तो मुझे यकीन हे के मेरे गुरु ब्लोगर इन जनाब की मदद कर मेरे भरोसे को और मजबूत बनायेंगे और एक ऐसा वातावरण तय्यार करेंगे जिससे कोई अच्छा लिखें वाला छोटा ब्लोगर खुद को उपेक्षित और अकेला न समझे तभी इस ब्लोगिंग के कुछ दाग हट सकेंगे ............................. . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Thursday, March 24, 2011

गिले शिकवे मिटा देना ........

दोस्तों इन दिनों ब्लोगिंग की दुनिया का घमासान देख कर 
कुछ पंक्तिया मुझे याद आ रही हें जो आपकी खिदमत में 
पेश हें .....
गिले शिकवे 
ना दिल से 
लगा लेना 
कभी मान जाना 
तो कभी 
मना लेना 
कल का क्या पता 
हम हों ना हों 
इसलियें जब भी 
मोका मिले 
कभी नसीहत देना 
कभी पोस्ट अच्छी लगे 
तो टिप्पणी का 
मीठा शहद पिला देना . 
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान .

Tuesday, March 22, 2011

वक़्त रहते समझना होगा कि वास्तव में पानी ही अमृत है.

विश्व जल दिवस 22 मार्च 2011 पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून का संदेश

 HBFI पर देखें पूरी पोस्ट .

वक़्त रहते समझना होगा कि वास्तव में पानी ही अमृत है. 

 

चार बच्चों की मां ने प्रेमी संग मिलकर पति को जिंदा जलाया

Monday, March 21, 2011

meri 2400 posten puri

दो दर्जन सेकड़ा पोस्टें पूरी

दोस्तों आपके आशीर्वाद ,आपके सहयोग आपके दिए गये होसले से कल मेरी दो दर्जन सेकड़ा यानी २४०० पोस्टें पूरी हो गयी हें और होली   के रंगा रंग माहोल में जब मेरी यह पोस्टें पूरी हुईं तो मेरे एक मित्र ने मुझे फोन  पर बधाई दी तब मुझे पता चला के मेरी पोस्टे २४०० हो गयी हें .
दोस्तों पोस्टें लिखना पोस्टों की संख्या तक पहुंचना कोई बढ़ी बात नहीं हे लेकिन इन दिनों मुझे ब्लोगिंग  की दुनिया में बहुत  कुछ देखने बहुत कुछ सीखने को मिला यहाँ मामूली से अपवादों को अगर छोड़ दिया जाये तो चारों तरफ प्यार की खुशबु प्यार की महक अपनापन और मदद का माहोल हे इस प्यार के माहोल को देख कर बस यहाँ से जाने को दिल ही नहीं करता हे . मेरी पहली पोस्ट ७ मार्च २०१० को जब लिखने की कोशिश की गयी तब मुझे नहीं लगा था के इस ब्लोगिंग की दुनिया में मुझे मेरे भाइयों का इतना प्यार इतना सम्मान मिलेगा लेकिन जहां  अच्छे लोग होते हें वहां अपनापन होता हे टोका टाकी होती हे गलतियाँ और भूलें होती हें जिन्हें हमारे अपने ही इशारा करके सुधरवाने का प्रयास करते हें कई तो ऐसे होते हें के वोह बिना कहे भूल और गलतियों को सुधार देते हें और शायद ब्लोगिंग की इस दुनिया का में पहला ऐसा खुशनसीब ब्लोगर हूँ जिसे सभी साथियों का बढों का छोटों का बहनों का प्यार मिला हे अपनापन मिला हे टिप्पणियाँ चाहे गिनती की मिली हों लेकिन जो भी मिली हे दिल से मिली हे केवल संख्या बढाने के लियें टिप्पणी अगर ले भी लो तो वोह बेकार हें लेकिन मेरे पास जो टिप्पणियाँ आई हें वोह अनमोल हें , मुझे हर कदम पर मेरे अपनों का मार्गदर्शन प्यार और अपनापन मिला हे और इसी लियें इस काँटों भरी राह को मेने सबसे तेज़ स्पीड ब्लोगर की गाडी चला कर बिना किसी दुर्घटना के पार की हे मेरे साथी ,मेरे भाई ,मेरी बहने सभी तो हें जो चाहते हें के में एक अच्छा ब्लोगर बनू और इसीलियें वक्त बा वक्त मुझे सभी के सुझाव सभी की तकनीक सीखने को मिली हालांकि कुछ ऐसे भी हें जिन्होंने मेरे ब्लॉग को पलट कर भी नहीं देखा ऐसा साबित करने का प्रयास किया हे लेकिन शुक्र हे खुदा का उन्होंने भी मुझे कमसेकम अपनेपन से  तो दूर नहीं किया वोह मेरे ब्लॉग के प्रशंसक नहीं टिप्पणीकार नहीं लेकिन रीडर तो रहे हें और मुझे इसीलियें गर्व हे के में इस ब्लोगिंग की दुनिया का २४०० पोस्ट लिखने के मुकाम पर पहुंचने वाला ब्लोगर हूँ और इस ब्लोगिंग की दुनिया का सदस्य हूँ जहां प्यार और अपनेपन की छटा बिखरी पढ़ी हे में ब्लोगिंग की इस दुनिया का कर्जदार था कर्जदार हूँ और कर्जदार रहूंगा शुक्रिया महरबानी ..........................में तो अकेला ही चला था  जानिबे मंजिल , लोग बढ़ते गये और कारवां बनता गया बस  यह कारवां बना रहे यह प्यार यह आशीर्वाद बना रहे इसी दुआ इसी उम्मीद के साथ आपका नोसिखियाँ सबसे ज़्यादा गलतियाँ करने वाला ब्लोगर ................. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आइये मिल-बैंठें एक साथ

आइये मिल-बैंठें एक साथ हाँ यही तमन्ना लेकर आरम्भ हुआ है ये ब्लॉग.आप जुड़ें और बताएं  कि आज आपने कौनसा ब्लॉग देखा और उसमे क्या है कुछ खास बात.नीचे दिए गए लिंक पर जाकर अपना  ई.मेल.आई डी. देकर हमसे जुड़ें..

Sunday, March 20, 2011

होली की हार्दिक शुभकामनायें


आप सब को होली  की  हार्दिक  शुभकामनायें
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर

डॉक्टर अनवर की धमाकेदार की वापसी शायद जल्दी होगी

डॉक्टर अनवर जमाल भाई ब्लॉग की दुनिया से मध्यान्तर कर एक दम ला पता हो गये लेकिन उनके यूँ अचानक गायब हो जाने से ब्लोगिंग की दुनिया ही खामोश हो गयी हे और ब्लोगिंग की दुनिया को उनकी कमी अखरने लगी हे इसलियें सभी कहते हे ऐ भाई तुम खान भी हो जिस काम में भी लगे हो जल्दी फिर से इस दुनिया में चले आओ आ रहे हो ना . दोस्तों अनवर भाई जो ब्लोगिंग का कुछ तो हुनर रखते हें इसलियें  ब्लोगिंग की दुनिया में वोह ऐ इ आई ओ यु याने अंग्रेजी के वोविल्स हें जिनके बगेर विश्व में कोई भी जानदार या बेजान चीज़ का नाम  नहीं बनता हे इसलियें ब्लॉग से यूँ व्लोगिंग की दुनिया के वोविल्स का अचानक चला जाना ब्लोगिंग को बेजान कर गया हे अब तो शायद जो भी काम थे जो भी रुके हुए मामले थे वोह सब डॉक्टर साहब ने कर डाले होंगे पढना लिखना वायरस मारना दिखाना छुपाना मरम्मत करना आराम करना या जो भी कुछ हे वोह सब कल चुके होंगे . इसीलियें भाई अनवर अब तो वापस से चले आओ हम जानते हें भाई अनवर की वापसी यूँ सादगी से नहीं होगी कुछ ना कुछ धमाके से होगी इसलियें भाई दिल थाम के बेठे हें और इन्तिज़ार में हें अनवर भाई की वापसी के , आ रहे हो न अनवर भाई . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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ब्लॉग प्रहरी : अब तैयार है भारत का फेसबुक ( इस सूचना को अपने ब्लॉग /वेब साईट पर लगाएं )

आज एक  ईमेल   मिली उसे हमने पढ़ा अब आप भी पढ़िए बड़े काम की खबर है  

आइये साथ हो , तैयार है भारत का फेसबुक ( इस सूचना को अपने ब्लॉग /वेब साईट पर लगाएं )

 


kanishka kashyap

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मान्यवर !!
एक रिलीज पेपर संलग्न है. कृपया इसे अपने ब्लॉग / वेबसाईट पर लगाएं. आप किसी भी प्रकार के सार्थक बदलाव के लिए स्वतन्त्र हैं. 

धन्यवाद !! 

ब्लॉग प्रहरी : हिंदी वेब के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ.

आपके सभी सवाल यहीं खत्म होते हैं. ब्लॉगप्रहरी वह व्यापक परिकल्पना है , जिसने अब तक के सभी अनुत्तरित सवालों को सुलझा दिया है. यह कोई अवतार नहीं है , यह कोई थोपा गया और प्रचारित-प्रसारित व् सुनियोजित पहल नहीं है. यह प्राकृतिक तरीके से विकास को अपनाते हुए आज रणक्षेत्र में खड़े उस योद्धा जैसा है , जिसके माथे पर कोई शिकन का भाव नहीं. क्योंकि इस विकास की पराकाष्ठा को इसके उत्पति के समय ही भांप लिया गया था.
आज ब्लॉगजगत उस लंबे इंतजार से बाहर आकार खड़ा है , जब उसे आवश्यकता थी एक साझा मंच की. जब एग्रीगेटर के भूमिका पर ही सवाल उठने लगे और तमाम बड़े एग्रीगेटरों  ने अपनी सेवाए समाप्त कर दी.
शायद एग्रीगेटर अपनी सुविधाओं और दृष्टि को वह विस्तार नहीं दे पाए , जिसकी आवश्यकता समय ने पैदा कर दी थी. ऐसे में ब्लॉगप्रहरी पुनः सक्रिय हुआ और आज उसे देखा तो पाया कि उसने वह कर दिखाया , जिसके लिए वह चर्चा में आया था.
एक एग्रीगेटर के तौर पर ब्लॉगप्रहरी क्या सुविधा दे  रहा है|
आपके ब्लॉग पोस्ट के लिंक का तुरंत प्रकाशन :
 ब्लॉग प्रहरी आपके ब्लॉग पोस्ट को ४ से ६० सेकंड के भीतर उठा ले जाता है. यह सामान्य तौर पर अत्यंत विश्वसनीय और सही समय है. अब तक के सभी एग्रीगेटर इससे कहीं ज्यादा समय लेते थे.
आपके ब्लॉग पोस्ट की टाइटल, लिंक तथा लघु रूप दिखाना:
सामान्य तौर पर यह सर्वाधिक वांक्षित सुविधा है , जिसकी  अपेक्षा प्रत्येक एग्रीगेटर से की जाती है. ब्लॉगप्रहरी पर यह सेवा भी उसी प्रारूप में उपलब्ध है, जिसके आप आदि है. 
पसंद-नापसन्द करने का विकल्प :
ब्लोग्प्रहरी पर यह सेवा भी उपलब्ध है. परन्तु इस सेवा के साथ एक विस्तार किया गया है. हमने देखा कि पसंद - नापसंद का दुरूपयोग किया गया था. इससे  प्रतिस्पर्धा को विकृत किया गया था.
सुधार : ब्लॉगप्रहरी पर किसने पसंद किया और किसने नापसंद किया , इसे भी देखा जा सकता है. अतः कोई भी बेवजह आपकी पोस्ट को नापसंद कर निचे नहीं धकेल सकता है
कितने पसंद और कितने नापसन्द है  :
आप इसे ब्लॉगप्रहरी के दाहिनी  तरफ  देख सकते हैं. वर्तमान में " सर्वाधिक नापसंद " नहीं दिखया जा रहा, वर्ना सबसे ज्यादा नापसंद पोस्ट को भी बिना वजह प्रसिद्धि मिलेगी.
एक दिन में सबसे ज्यादा पढ़े गए ब्लॉग पोस्ट  :
जैसा कि एग्रीगेटर्स से अपेक्षा की जाती है. यह सुविधा भी ब्लॉगप्रहरी पर उपलब्ध है.
सुधार : हमने देखा कि लोग अपने ही पोस्ट को कई दफा किल्क कर उसे सर्वाधिक पढ़े गए पोस्ट वाले हिस्से में पहुंचा देते थे. ब्लॉगप्रहरी आपके द्वारा क्लिक को रजिस्टर कर लेता है. आप किसी भी पोस्ट को अपने पहले क्लिक से ही , पढ़ी गयी संख्या में इजाफा कर सकते है. दूसरी बार क्लिक करने पर आप पोस्ट तो पढ़ पाएंगे परन्तु , पढ़े गए संख्या में इजाफा नहीं होगा.
एक दिन में सबसे ज्यादा पसंद प्राप्त ब्लॉग पोस्ट :
यह सुविधा भी ब्लोग्प्रहरी पर उपलब्ध है .
सुधार : आप यह भी देख सकते हैं कि अमुक पोस्ट को किसने पसंद का चटखा लगाया है . इससे कोई भी छद्म खेल को बढ़ावा नहीं मिलेगा . क्योंकि आपकी राय सार्वजनिक है.
आपके अभी ब्लॉग पोस्ट्स के लिंक का प्रोफाइल में संकलन
ब्लॉगप्रहरी पर आपके ब्लॉग से आयातित ब्लॉगपोस्ट्स की लिंक्स को उनके पठान और पसंद संख्या के साथ सुन्दर तरीके से सहेजा जाता है.
ब्लॉग पोस्ट्स का विषय -वार संकलन
हिंदी ब्लॉगजगत में लेखों का विषयवार संकलन तकनीक द्वारा संभव नहीं. एक ही  ब्लॉग पर कई विषय पर लेखन किया जाता है. अतः कोई भी वर्गीकरण कारगर और सही नहीं हो सकता, जब तक इसे मानव द्वारा नहीं किया जाए.
उपाय : ब्लॉगप्रहरी में कई  ग्रुप्स बनाये गए हैं. यह ग्रुप फेसबुक के ग्रुप निर्माण जैसा है. हर उपयोगकर्ता अपना ग्रुप बना सकता है. कुछ विशेष ग्रुप ब्लॉगप्रहरी द्वारा बनाये गए हैं. यह ग्रुप द्वार ही आप पोस्ट्स को विभिन्न विषय में दाखिल कर सकते हैं. हर सदस्य एक साथ कई ग्रुप में शामिल हो सकता है.
किसी भी एग्रीगेटर द्वारा यह मूलभूत सुविधाएं अपेक्षित हैं . ब्लॉगप्रहरी इससे कहीं ज्यादा है|
१. ट्वीट करने की सुविधा.
: ट्वीटर/ बज्ज  के बढते प्रभाव और प्रसिद्धि को देखते हुए यह आवश्यक समझा गया कि आज बहुत कुछ लिखने का समय सबसे पास नहीं और न ही गैर-ब्लॉगलेखक आपकी लंबी पोस्ट्स को पढ़ने का समय रखता. शायद इसी वजह से दो- टूक विचार वाले ट्विटर ने धूम मचा दी है. ब्लॉगप्रहरी ने इस आवश्यकता को समझते हुए ट्वीटर द्वारा प्रदत सभी प्रमुख सुविधाओं को आत्मसात किया.
ट्वीटर से अपने ट्वीट आयातित करने की सुविधा
आज  सभी ट्वीटर पर सक्रिय है. ऐसे में यह आवश्यक है कि एक ही जगह आपको ट्वीट पढ़ने और प्रत्युतर देने का साधन भी हो. ब्लॉगप्रहरी पर आप अपना ट्वीटर अकाउंट जोड़ कर ऐसा कर सकते हैं.
आप अपने ब्लॉग जोड़ने और हटाने में सक्षम होंगे
बार बार यह शिकायत रही कि अमुक एग्रीगेटर मेरा ब्लॉग नहीं दिखाता. अथवा बार बार आवेदन के बाद भी वह आपके ब्लॉग को शामिल नहीं कर रहा. कई बार आपको अपने ब्लॉग हटाने के लिए भी अनुरोध करना पड़ता है. यह सब झमेले से अलग ब्लोग्प्रहरी पर अपने खाते में आप अपना ब्लॉग स्वयम जोड़ या हटा सकते हैं.
इसके आलावा आप ब्लोगप्रहरी पर पाते हैं, निम्न सुविधाएं
१.      अपने प्रशंसक बनाना और दूसरे के प्रशंसक  बनना (इस सुविधा से आप अवांक्षित पोस्ट्स से मुक्ति पा सकेंगे )
२.      एक सार्वजनिक चर्चा का मंच ( फोरम , जिसमे आप ब्लॉग लेखन और तमाम तकनिकी जानकारियों को पा सकते हैं , और अपने सवाल भी पूछ सकते हैं. ब्लॉगप्रहरी टीम आपके द्वारा पूछे गए सवाल को २४ घंटे के भीतर उतर देगी )
३.      एक सार्वजनिक व् प्राइवेट चैट रूम ( आम बात-चित के लिए और विशेष प्रयोजन हेतु चर्चा के लिए एक चैट-रूम, जो टेक्स्ट और वीडियो दोनों मोड में संभव है )
४.      इवेंट मैनेजमेंट यानि विशेष आयोजनों की सूचना का मंच ( ब्लॉगप्रहरी पर आप किसी विशेष आयोजन जैसे ब्लॉग सम्मलेन और गोष्ठिओं कि सुचना को बेहतर ढंग से साझा कर पाते हैं. साथ ही आप स्थान , दिन और समय का उल्लेख करते हैं . पाठकों के समक्ष यह विकल्प होता है कि वह उस आयोजन में अपना नाम रजिस्टर करा सके. इससे आपके आयोजन बल मिलेगा तथा आप उसे सही तरीके से निभा पाएंगे .
५.      ग्रुप एल्बम और वीडियो लाइब्रेरी ( हम विभिन्न आयोजनों में शामिल होते हैं और कई बड़े ब्लॉग सम्मलेन अभी तक हो चुके हैं. कितना अच्छा होता अगर इनका संकलन एक जगह मौजूद होता. ब्लॉगप्रहरी ने इस आवश्यकता को भांप लिया और या सुविधा हमने प्रदान की है )
६.      सार्वजनिक ब्लॉग मंच ( कई पाठक ऐसे हैं, जो ब्लॉग बनाने की प्रक्रिया से परिचित नहीं हैं . ऐसे नए हिंदी नेटीजन के लिए एक ब्लॉग मंच का होना आवश्यक है. जहाँ वह अपने विचार व्यक्त कर सकें.
७.      ब्लॉगप्रहरी का सर्च सेवा : एक ही पन्ने पर बिना किसी परेशानी के टेक्स्ट, न्यूज, वीडियो और पी डी एफ फाइल को सर्च किया जा सकता है.

इसके अलावा अन्य ब्लॉगप्रहरी पर अनगिनत सुविधाएं मौजूद है. यह संपूर्ण परिकल्पना ३ महीने के गहन शोध के बाद लिखी गयी और उसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया गया.
ब्लॉगप्रहरी के इन तमाम शोध और स्वरूप निर्माण के पीछे कई लोगों ने योगदान दिया.
सबसे पहले ६० से भी ज्यादा छात्रों ने अपना बहुमूल्य समय देकर इसके निर्माण में मदद की. अविनाश वाचस्पति, पद्म सिंह और गिरीश बिल्लोरे जी ने हर संभव मदद किया और अपना बहुमूल्य समय भी दिया.
हालांकि इसके निर्माण और पूर्ण होने की आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं कि गयी है. परन्तु टीम द्वारा यह लगातार दोहराया जा रहा है कि हम उसे बेहतर बनाने के लिए अपना सुझाव सामने रखें. आप सभी से भी यहीं अपेक्षा है कि इस प्रहरी की और चलें और ब्लॉग जगत को पुनः सजीव और एकत्रित करने का प्रयास करें



kanishka kashyap  Kanishka Kashyap |Founder: Blogprahari Network
   ✍Cyber Journalism Expert
   Editor: http://www.vicharmimansa.com/ | http://www.blogprahari.com/
 

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lalit sharma ke yhaan inkm teks chhapa

ब्लोगर ललित शर्मा के यहाँ आयकर विभाग का छापा

दोस्तों घर की बात हे घर में ही रहना चाहिए किसी को पता नहीं चलना चाहिए थोड़ा कान इधर लाओ एक ख़ास खबर ब्ताताता हूँ वोह अपने घुमक्कड़ हर दिल अज़ीज़ ब्लोगर हें ना अरे वाही भाई ललित शर्मा जो बंदूक ताने कभी रंग बिरंगे कभीर मुछों से डराते हुए इस्मार्ट पर्सनाल्टी लिएँ ब्लॉग की दुनिया मने धूम मचा रहे हें हां व्ही ललित जी कल रात उनके घर को आयकर विभाग के अधिकारीयों ने सील कर लिया और कला धन उनके पास होने सुचना पर तलाशी शुरू कर दी . 
भाई डॉक्टर अनवर जमाल को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने ब्लोगर भाईचारे के नाते उन्हें बचाने के लियें अदालत चला रहे तीसरे खम्भे के अनवरत दिनेश जी द्विवेदी को सुचना दी जाने का कोई साधन नहीं था क्या किया जाए उन्होंने योग गुरु बाबा रामदेव को कहा और हाल ही में जो हेलिकोप्टर उन्हें भेंट किया हे उसे भेजा गया में और शालिनी कोशिक जी रश्मि प्रभा से इजाजत लेकर जब वहा पहुंच तो पावला जी और खुशदीप जी सहगल सहित सेकड़ों ब्लोगर वहां पहले से ही मोजूद थे कुछ लोग भाई ललित जी की तरफ थे तो कुछ उनके खिलाफ खेमे बंदी कर रहे थे खेर जाते ही दिनेश राय जी द्विवेदी ने आयकर विभाग वालों को अड़े हाथों लिया और कहा के तलाशी रोक दो तुम ललित जी शर्मा के घर की तलाशी विना वारंट के नहीं ले सकते हो इस दोरान मुबई से एस एम मासूम साहब भी अआग्ये एक छत्तीस गढ़ के लाल बत्ती बाले बत्ती हे जो ललित जी दोस्त हे वोह भी वहीँ मोजूद थे लेकिन आयकर विबाग के अधिकारी किसी की सुनवाई नहीं कर रहे थे द्विवेदी जी और मेने फिर आयकर विभाग वालों से कानूनी बात तलाशी वारंट के बारे में पूंछा तो उन्होंने कहा के घोडा व्यापारी हसन अली पकड़ा गया हे और हमें किसी ब्लोगर ने सुचना दी हे के भाई ललित जी ठाठ से रहते हें घूमते फिरते हें मज़े करते हैं इनकी तिजोरियां माल से भरी हे इसलियें इनके पास काला धन हे , हमारा फिर वाही सवाल पहले तलाशी वारंट बताओ फिर तलाशी लो खेर आयकर विभाग के अधिकारी वारंट ढूंढने लगे वारंट ओत वोह दिल्ली ही भूल आये थे हमने बिना वारंट के तलाशी रुकवा दी एक अधिकारी हमारे ही हेलिकोप्टर से भाई अनवर जमाल को लेकर दिल्ली जाने लगे लेकिन जमला भिया ने कहा के में तो छुट्टी पर हूँ और ऐसी हालत में में भाई ललित शर्मा को अकेला छोड़ कर नहीं जाऊँगा खेर हरीश जी ब्लोगर शिखा कोशिक जी को लेकर दिल्ली पहुंचे वारंट आया फिर तलाशी शुरू , भाई ललित जी की सिफारिश करने वालों के फोन घन घना रहे थे प्रधानमंत्री से लेकर संतरी तक चाहता था ललित जी शर्मा छुट जाए उनका कहना था के जब हम लोग भी चोर हे तो फिर ललित जी का क्या दोष हे एक ललित जी शर्मा थे जिनके चेहरे पर जरा भी तनाव नहीं था खेर हमने सोचा बहादुर पंडित हें किसी भी समस्या से डरते नहीं भगवान पर भरोसा करते हें इसलियें ऐसा हो रहा हे , ललित जी का पह अलोकर खुला उसमें दो किलो प्यास , एक किलो लहसुन निकला साथ में दिनेश जी और पावला जी की कुछ तस्वीरें थी गीता थी कुरान और बाइबिल थे , दुसरा लोकर खोला गया उसमें हाल ही में जो चवन्निया पाबन्द की गयी हे सो से भी अधिक वोह चवन्नियां पढ़ी थी इस लोकर में भी कुछ नहीं मिला लेकिन एक नक्शा मिला जिसके आधार पर सभी आयकर विभाग वालों ने जगह तलाशी चलते गये चलते गए तो यह तो खुश दीप जी का बेडरूम निकला वहां के पी सक्सेना और शाहनवाज़ के कुछ सीक्रेट एक बसते में बंद थे खेर फिर ललित जी शर्मा के घर का रुख किया तो सब होली की मस्ती में मशगुल थे भंग की पकोडिया  खाई जा रही थीं तारकेश्वर गिरी इधर उधर छुप रहे थे क्योंकि दो प्याजें उन्होंने अपनी जेब में छुपा ली थीं .
अब सभी लोग थक चुके थे आयकर विभाग वाले तलाशी में जो माल मिला था वोह सुचना देने वाले को दस प्रतिशत देने के लियें ढूंढ़ रहे थे उन्होंने जेसे ही खुश दीप जी को देखा उनको पुकारा और तिन प्याज़े पञ्च लस्सन उन्हें थमा दिए बोला यह आपका दस प्रतिशत सुचना देने का हिस्सा हे चुप चाप रख लो घर का भेदी लंका ढाए वाली कहावत देख कर हमने कहा यह किया घर को ही लगी हे आग घर के चिराग से तो ललित जी ने हमारा मुंह बंद कर दिया थोड़ी देर में सभी आयकर अधिकारी जा चुके थे रात ललित जी के यहाँ ही सभी ब्लोगर ठहरे सुबह सारे अख़बारों और टी वी चेनलों पर खबर थी  लोग ललित शर्मा जी को बधाईयाँ दे रहे थे कई बेंक मेनेजर लोन दें के लियें लाइन लगा कर खड़े थे कई रिश्तेदार जो भिया ललित जी को नाकारा समझते थे हाथ में माला लिए खड़े थे हर कोई उनका दोस्त रिश्तेदार बनना चाहता था बच्चों के रिश्ते धडा धड़ी से आने लगे थे यह सब तमाशा देख खुश दीप जी ने कहा के भाई ललित पावला जी की सलाह पर मेने यह आयकर विभाग का छपा डलवाया हे और देखों इससे तुम्हारा मान सम्मान कितना बढ़ गया हे बस फिर किया था सभी ब्लोगर खुशदीप जी के पीछे पढ़ गये के प्लीज़ मेरे यहाँ भी आयकर विभाग का छापा पढवा दो ना और इस भीढ़ को देख कर खुश दीप जी को कहना पढ़ा के जाओ पहले लाइन में जाकर लगो तुम्हारा नम्बर आएगा जब बात करेंगे ........... बुरा न मनो होली हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Saturday, March 19, 2011

'आख़िर ये रचना का लफ़ड़ा है क्या ?' अलबेला जी आप ही बता दें होली के हुल्लड़ में शुभकामनाएं लेने के बाद

ब्लॉग जगत में हर तरफ आज होली के रंग बिखरे हुए हैं । 

ऐसे में आज जो पहला ईमेल मुझे मिला वह भी होली की शुभकामनाएँ लिए था :

आज सोचा कि क्या किया जाए दिन का पहला काम
तब दिलो दिमाग की सतह पर उभरा आपका नाम

आपको होली की शुभकामनाएँ
प्रहलाद की भावना अपनाएँ
एक मालिक के गुण गाएँ
उसी को अपना शीश नवाएँ


यह ईमेल मुझे डा. अनवर जमाल साहब की तरफ़ से मौसूल हुआ।

कुछ ब्लॉगों पर जापान में फटते एटमी रिएक्टर्स पर भी चिंता व्यक्त की गई और
मोहतरम सलीम ख़ान साहब बता रहे हैं कि जापान ने इसलाम को प्रतिबंधित कर दिया था । यह एक नई जानकारी है ।
जापान ने लगाया इसलाम पर प्रतिबंध

रश्मि प्रभा जी द्वारा रचित
           'माँ'
पर आप एक सुंदर सी कविता देख सकते हैं उनके ब्लॉग वटवृक्ष पर जाकर।
ZEAL दिव्या जी के ब्लॉग
http://zealzen.blogspot.comhttp://zealzen.blogspot.com
पर भी आप कई अछूती पोस्टें देखेंगे और उनके
Paradise
ब्लॉग को हमने देखा है जो कि अच्छा है ।
होली के हुल्लड़ में
शेख़चिल्ली के बाप भी अपना गधा दौड़ाते हुए अलबेला जी से ईनाम माँग रहे हैं -
shekhchillykabaap.blogspot.com
पर वे कह क्या रहे हैं ?
अपनी समझ से तो बाहर है। जो समझदार हैं वे समझ जाएं तो हमें भी समझा दें कि आख़िर ये रचना का लफ़ड़ा है क्या ?
मौसम बदलने पर होली की ख़शियों की मुबारकबाद
सभी को .

Friday, March 18, 2011

bloging ki duniya ki apni holi he

होली के खुशनुमा रंगों में डूबेगी ब्लोगिंग की दुनिया

होली के रंगा रंग कार्यक्रम की शुरुआत कल यहाँ हुई एक छोटे से कुए में बुरा ना मानो होली हे के नारे के साथ यह कार्यक्रम शुरू हुआ इस कार्यक्रम के पूर्व अंधे कुए को जब देखा तो किसी ने जले हटाने की बात कही कुए में थोड़ा बहुत कीचड़ था इसलियें साफ करना मुनासिब नहीं समझा उसी में गुलाल मिला दिया और खाने का इन्तिज़ाम भी वहीं कर दिया . 
खाने की शुरुआत में सबसे पहले भाई उड़नतश्तरी ब्लोगर का इन्तिज़ार था खेर वोह आये उन्होंने अपनी उड़ने वाली तश्तरी ली और ब्लॉग ४ वार्ता के लियें भाई ललित जी शर्मा के पास चले गये लाली जी शर्मा तो ठहरे घुमक्कड़ भाई वोह इधर उधर घूम रहे थे के कुंवर जी ने उन्हें घेर लिया बस भाई ललित जी साइड में हो गये और वकील दिनेश राय जी द्विवेदी की अदालत की बात करने लगे ब्लोगरों का होली कुआ था इसलियें इस कुए को तीसरे खम्बे की खड़े रहने की जरूरत थी सो इस तीसरे खम्बे पर यह कुआ खड़ा रहा . हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट की बात चली तो सब इधर उधर बगलें झाँक रहे थे के बहन शालिनी कोशिक एडवोकेट दोध कर आयीं और ब्लोगिंग के महिला अत्याचारों को खत्म करवा कर उनकी हुकूमत कायम करने के लियें श्रीमती वन्दना गुप्ता और रश्मि प्रभा से गुपचुप बातें करने लगीं इस बीच ब्लोगर होली मिलन का खाना कम पढ़ गया था बस में अख्तर खान अकेला बावर्ची बन कर खाना बनाने लगा इसी बीच पी एस पावला जी ने एक सुझाव दिया के बाई जहां इतना कर रहे हो वहां कुछ साल गिराहें और शादी की साल गिरहें हें उन्हें भी निपटा डालो पावला जी हाकम हे स्टील के आदमी हे सो उनकी बात टाल कर हम मुसीबत में नहीं पढना चाहते थे इसीलियें चुपचाप बर्थ डे केक बनाने में लग गये . 
अतुल श्रीवास्तव जी खाना खत्म हो जाने के कारण मुकेश जी सिन्हा के साथ प्रेषण घूम रहे थे कुए के लियें सीडिया मंगा रहे थे लेकिन ब्लोगिंग की होली का कुआ था यहाँ आदमी आता तो अपनी मर्जी से हें लेकिन जाता भाई ब्लोगरों की मर्जी से हे सो वोह नाकाम नज़र आ रहे थे इसी बीच के पी सक्सेना साहब ने तीसरी आँख दिखाई तो एक कोने में एक प्लेट में समोसा दिखा वोह आगे बढ़ते के मदन गोपाल गर्ग ने प्लेट झपट ली इस घटना  को देख कर भाई हरीश भट्ट आशुतोष और अनामिका को देख कर दायें बिखेर रहे थे ,मुकेश सिन्हा हकीम युनुस खान से ब्लोगर्स की टिप्पणियों से पेट में दर्द ना हो इसकी दवा लिखवाना चाह रहे थे के अचानक अंधे कुए में रौशनी जगमगा गयी हमने देखा के आखिर यह किसका जमाल हे तो देखा तो भाई हाकिम साहब के सामने एक डोक्टर की रौशनी का जमाल थे किसी ने कहा के यह चमक अनवर जमाल की हे सब बा अदब बा मुलायेज़ा हो गये और सलीम भाई और अनवर भाई साथ बेठ कर ब्लोगिंग पर चर्चा करने लगे ब्लोगिं का भविष्य देखने के लियें पामिस्ट भी वहां मोजूद थे और डॉक्टर अशोक जी पामिस्ट डोक्टर राजेंदर तेला जी का हाथ निरंतर देख रहे थे यह नजारा देख कर में सोच रहा था के यह हिंदी ब्लॉग फोरम इंटर नेशनल बन गया हे . 
      होली की इस हुडदंग में एक बार फिर गरम पूरी बन कर आई भगदड़ मची और फिर पूरी खत्म अली सोहराब ने सोहराब जी ने सुचना के अधिकार के तहत हसन साहब के साथ ब्लोगिंग खाने पीने का हिसाब किताब मांग लिया , बस खुशदीप जी ने कहा केसा हिसाब जो भी था हमारा अपना था इसलियें इसका हिसाब महक ,पूजा और फिरदोस से पूंछो ,अतुल कनक जी थे वोह जब अपनी कविता कह रहे थे तो डोक्टर रुप्चंदर शाश्त्री जी इस मामले को गम्भीरता से देख रहे थे सुनने का तो सवाल इसलियें नहीं था के खाने में जो मिर्चियाँ तरहीं उसका धुंआ कानों और ना जाने कहाँ कहाँ से निकल रहा था . 
इसी बीच अस्त व्यस्त ब्लोगिंग की इस पार्टी को सजाने संवारने का काम भाई शाह नवाज़ करने लगे और लोग इनसे डरने लगे इनके हाथ में केंची थी दुसरे हाथ में खुद का दामन था सब इनके इस हाल को देख कर अंधे कुए में बनाये गये दुसरे हाल में घुस गये वहां तारेक्श्वर गिरी बादाम की गिरी अकेले खा रहे थे और दूसरी तरफ संजय सेन सागर में नहा रहे थे जाकिर अली रजनीश के ध्यान में मगन थे तो उपदेश सक्सेना जी ब्लोगिंग के हालत पर उद्प्देश सुना रहे थे .हरीश जी इन सब को देख कर भूख से कुलबुला रहे थे इसलियें वोह तुरंत अपना लेब्तोब खोल कर खाना बाचने लगे .उनकी इस हालत पर आज समाज ने कहा यही हे आज का समाज झना लोग एकत्रित हें और ब्लोगिंग हो रही हे . 
डोक्टर निरुपमा वर्मा ने दिलबाग विर्क से कहा के हम तो आपको देख कर ब्लोगरों की बरता न मानो इस होली में बाग़ बाग़ हो गये इस बात चीत को सलीम खान सुन रहे थे और लखनऊ ब्लोगर एसोसिएशन को गुपचुप खाना खिला रहे थे एक जीशान जेडी थे जिन्हें अफसाना तनवीर ब्लोगिंग के होली के इन हालातों पर अफसाना सुना रही थीं .मीनाक्षी पन्त ,सुरेश भट्ट मिल कर अपने अपने पांतों के बारे इमं सोच कर सुरेश भट जी के साथ तंदूर की भट्टी जला रहे थे जिसे फूंक से भाई ललित जी शर्मा बुझा रहे थे ,मार्कंड दावे , नील प्रदीप आपस में कोई बात कर रहे थे के बीच में साधना वेध ने वेध बन कर एक ब्लोगिंग दवा लिख डाली जिसे लेने दी पी मिश्रा और मनोज और अनुरण लेने जाने की कोशिशों का ताना बाना बुन रहे थे के जसवंत धरु ने उन्हें रास्ते में ही धर लिया निरुपमा वर्मा जी ने जब वोह देखा तो उन्होंने भूखे पेट अन्ताक्षरी शुरू की और प्रतिभा ने इस प्रतिभा पर उन्हें इरफ़ान से एक रोटी छीन कर देने की कोशिश की तो के एस कन्हय्या नाराज़ हो गये एक दुसरे की शिकायत हुई सब झूंठ बोल रहे थे तो इंजिनियर ने सत्यम शिवम का संदेश दिया मिथलेश दुबे ने कवि सुधीर गुप्ता पन्त से कविता कहने को कहा तो उन्होंने लिखी लिखाई कविता ब्लॉग पर दे डाली . गजेंदर सिंह जी अपने गज को लेकर ब्लोगर होली मिलन समारोह स्थल के कुए में थे लेकिन अरविन्द शुक्ल ने स्वराज करुण की बात की तो बहन शिखा कोशिक ने हस्तक्षेप किया और डॉक्टर अजमल खान ने भूखे पेट भजन करने के लिए सभी ब्लोगरों को गोलियां खिलायीं ,गगन शर्मा ने गगन की तरफ रंग बिरंगे इंद्र धनुष की तरफ देखा तो एक महर दिख रही थी ,जनोक्ति ने लोक्संघर्ष की बात की तो एल के गांधी जी हंसने लगे बस फिर क्या थी सभी के चेहरों पर से हंसी गायब गुस्सा दिखने लगा सब अपने अपने गुट बनाने लगे एक दुसरे को टिप्पणियों का दुःख दर्द सुनाने लगे पहले तो भाई डंडा लखनवी ने डंडा दिखाया लेकिन मास्टर जी का डंडा छोटा था इसलियें पाठ काम नहीं आया और इसी बीच एक मासूम सा आदमी एस एम मासूम सभी के बीच एक देवता बन कर अमन का पैगाम लाया इस पैगाम को देख कर दुसरे भाई जिन्होंने हिन्दुस्तान का दर्द देखा था सहा था वोह प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ के साथ हो लिए और सभी को साथ जोड़ने के लियें आल इण्डिया ब्लोगर एसोसिएशन का खुशनुमा पैगाम दिया सभी ने महिला वर्ष होने से महिलाओं को आदरणीय होने का पैगाम दिया बस फिर किया था सबकी खबर ले सबकी खबर दे के नारे के साथ एक खुबसुरत ब्लॉग ब्लॉग की खबरें सबके सामने था सभी ब्लोगर इतिहास देख रहे थे और सोच रहे थे हमारी नादानी ही थी जो ब्लोग्वानी बंद हुई हमारी कमजोरी थी जो चिट्ठाजगत पाबन्द हुआ अब हमारी वाणी हे जो सिर्फ और सिर्फ हमारी वाणी हे यह ना तेरी हे ना मेरी हे यह तो बस ब्लोगर्स की अपनी हमारी हे , एक दम ब्लोगिंग के इस अंधे कुए में एक नई रौशनी दिखी और खाना बन कर आ गया डोक्टर अनवर जमाल थे के हाथ में खाना लिए भाई दिनेश द्विवेदी जी को परोसे  जा रहे थे और भाई दिनेश द्विवेदी जी थे के उनसे एक एक लड्डू लिए बढ़े आराम से मुस्कुराते हुए खाए जा रहे थे थोड़ी देर में खाने का दोर खत्म हुआ मिलने मिलाने और गुलाल रंग लगाने का दोर शुरू हुआ तो सभी ने पानी बर्बाद ना हो इसलियें केवल तिलक लगाकर तिलक होली मनाई और जब सभी भाइयों ने पीछे मूढ़ कर देखा तो एक सपना जो सुबह देखा था सच होते हुए देखा भाई शाहनवाज़ और दिनेश द्विवेदी जी अनवर जमाल से गले मिल मिल कर आपसी गिले शिकवे अपने आंसुओं में बहा रहे थे ब्लोगिंग की इस दुनिया का इस काल्पनिक होली मिलन समारोह का यह हाल देख कर मेरा मन करा यह हाल तो सभी ब्लोगर भाइयों को सुनाया जाए सभी को पढाया जाए वेसे तो बुरा ना मानो होली हे और फिर अगर कोई बुरा मानता हे तो माने क्योंकि फिर भी तो बुरा ना मानों तो होली हे बस ऐसी खुशनुमा होली का सपना पूरा हो एकता अखंडता धर्मनिरपेक्षता वक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रा सुरक्षा मान सम्मान लिंग जाती धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं हमारे देश के संविधान की भावना के नारे के साथ मेरी ब्लोगिंग की दुनिया बने यही होलिका से मेरी दुआ हे मेरी दुआ हे ,.......... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
होली के खुशनुमा रंगों में डूबेगी ब्लोगिंग की दुनिया

ब्लॉग की दुनिया को होली का राम राम

मित्रों होली मुबारक हो यूँ आसानी से एक दुसरे से इतनी दूर रहकर भी कह आना सम्भव हो सकेगा येह हमें आज से ३० साल पहले कल्पना भी नहीं की थी लेकिन आज होली के इन रंगों को हम और आप इस तरह से मिलजुलकर बाँट रहे हें और इसके लियें सभी को मुबारकबाद .
इक्कीसवीं सदी के इंटरनेट भारत का सपना देखने  वाले जब एक हवाई जहाज़ के पायलेट राजिव गाँधी ने इसकी घोषणा की इसकी प्रस्तावित योजनायें तय्यार की तो विपक्षी लोगों सहित कोंग्रेस के कुछ पुराने ख्यालात के नेताओं ने उनका खूब जम कर मजाक उढ़ाया, राजीव गांधी हवाई जहाज़ के सेट अप को समझते थे वोह इलेक्ट्रोनिक तकनीक को जानते थे इसलियें उन्होंने विरोधियों की प्रवाह नहीं की और सेम पित्रोसा को अपना सलाहकार बनाया उस वक्त सेम पित्रोसा को भी सभी विपक्षी लोगों ने कोसा और विरोध किया खेर पहले सेटेलाईट, फिर टी वी, फिर डी डी टू , फिर फोन फिर मोबाइल और फिर इंटरनेट की दुनिया चलती गयी चलती गये इंटरनेट की इस दुनिया में आज हमारा देश भी आगे बढ़ रहा हे लेकिन गूगल को धन्यवाद दें जो उसने साहित्य्य्कारों पत्रकारों को अपनी सूचनाएं रचनाएँ और जानकारियाँ आदान प्रदान करने के लियें ब्लॉग के रूप में मुफ्त में जगह दी. कहते हें मुफ्त में अगर कुछ मिल जाए तो उसकी कद्र नहीं होती खेर इस जगह की वजह से इंटरनेट की दुनिया बनी साइबर कानून बना केफे खुले और अब घर घर में लेब्तोप या कम्प्यूटर जरूरत बन गया हे , फेसबुक की दोस्ती के आज चर्चे हें ऑरकुट के चर्चे आम हे और इंटरनेट मित्रता पर कई प्रेम कई शादियाँ रोज़ होना आम बात हें . 
लेकिन दोस्तों कोई भी आविष्कार अच्छों के लियें अच्छा और बुरों के लियें बुरा होता हे अच्छे किसी भी आविष्कार का जनहित में इस्तेमाल करते हें तो बुरे इस अविष्कार से तबाही और नफरत फेलाना चाहते हें आज हमारे देश में ब्लोगिंग की दुनिया में भी कुछ गिनती के लोग हे जो बेबाकी से बुरे काम को अंजाम दे रहे हें वोह नफरत और गालियाँ बाँट रहे हें लेकिन यह सभी लोग अपनी हर कोशिश के बाद भी सदमे में इसलियें हें के ब्लोगर्स ने इनकी कोशिश को नकार दिया हे आज नफरत फेलाने वालों की कोशिशें डस्टबीन पढ़ी हें और इसके लियें सभी भाई और बहने बधाई की पात्र हें ब्लोगिंग की दुनिया में नयी दोस्ती नई जानकारी नया प्यार नया दुलार भाईचारा और सद्भावना बढ़ा रहा हे आज ब्लोगर्स जाती धर्म उंच नीच भेदभाव भुला कर एक दुसरे की मदद कर रहे हें बहनों और माताओं का सम्मान कर रहे हें कुल मिलाकर ब्लोगिंग की इस दुनिया ने भी विज्ञानं के एक चमत्कार को साक्षात् किया हे . ब्लोगिंग को संचारित करने के लियें एक जुट करने के लियें ब्लॉग वाणी एग्रीगेटर चला लेकिन उसकी गंदगी सब जानते हें ब्लोग्वानी को कई लोगों ने सुधारने की कोशिश की लेकिन गुट बाज़ी जातिवादी धर्मान्धता कट्टरता और नफरत के भाव फेलाने वाले कुछ लोगों ने इस ब्लोग्वानी को ब्लोक कर दी और अब यह एक इतिहास बन गयी हे इसके बाद चिट्ठा जगत वहां भी अपना प्राय भेदभाव चला और वोह भी बंद कर दिया गया अब हमारी वाणी यानि हमारी वाणी पर भी कुछ गिनती के लोग भारी पढना चाह रहे हें कुछ लोग हे जो हमारी वाणी की बुनियाद से जुड़े लोगों को दरकिनार कर रहे हें लेकिन क्या इससे हमारी वाणी सांस ले सकेगी कोई भी लेखन जिसके खिलाफ हम और आप बात चीत करके समाधान कर सकते हें उस लेखन को उस हमारिवानी को आप हमारी की जगह मेरी या तेरी बना दें तो फिर काहे की हमारी वाणी अब दोस्तों अगर इस वाणी को जो सिर्फ और सिर्फ हमारी हे हम लोगों ने प्यार और सद्भाव अपनेपन की खाद से नहीं सींचा तो वोह दिन दूर नहीं के हम ब्लोगिंग एग्रीगेटर्स को  ढूंढते रह जायेंगे नये एग्रीगेटर होंगे कई आयेंगे कई जायेंगे लेकिन वहां भी आप होंगे हम होंगे फिर जब वहां भी हम होंगे तो यहाँ जो आज हे यहाँ भी हम क्यूँ नहीं रहे और इस दुनिया को सजायें सवारें इसलियें दोस्तों ब्लोगिंग की इस पहली होली को खुबसूरत रंगों से भर दो रंग बिरंगी कर इसे इन्द्रधनुष जेसी खुबसूरत बना दो और ब्लोगिंग की इस नफरत को गुरुर को तकब्बुर को होली के साथ दहन कर दो और फिर कह दो ब्लोगर्स भाइयों ब्लोगर्स बहनों होली मुबारक हो होली मुबारक हो हे न सही बात तो फिर कर लो अप भी प्यार की बात ........... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

‘ब्लॉग की ख़बरें‘

1- क्या है ब्लॉगर्स मीट वीकली ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_3391.html

2- किसने की हैं कौन करेगा उनसे मोहब्बत हम से ज़्यादा ?
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

3- क्या है प्यार का आवश्यक उपकरण ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

4- एक दूसरे के अपराध क्षमा करो
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

5- इंसान का परिचय Introduction
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/introduction.html

6- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

8- बेवफा छोड़ के जाता है चला जा
http://kunwarkusumesh.blogspot.com/2011/07/blog-post_11.html#comments

9- इस्लाम और पर्यावरण: एक झलक
http://www.hamarianjuman.com/2011/07/blog-post.html

10- दुआ की ताक़त The spiritual power
http://ruhani-amaliyat.blogspot.com/2011/01/spiritual-power.html

11- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

12- शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड-4
http://shakuntalapress.blogspot.com/

13- वाह री, भारत सरकार, क्या खूब कहा
http://bhadas.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

14- वैश्विक हुआ फिरंगी संस्कृति का रोग ! (HIV Test ...)
http://sb.samwaad.com/2011/07/blog-post_16.html

15- अमीर मंदिर गरीब देश
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

16- मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/mobile.html

17- आपकी तस्वीर कहीं पॉर्न वेबसाइट पे तो नहीं है?
http://bezaban.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

18- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

19- दुनिया में सबसे ज्यादा शादियाँ करने वाला कौन है?
इसका श्रेय भारत के ज़ियोना चाना को जाता है। मिजोरम के निवासी 64 वर्षीय जियोना चाना का परिवार 180 सदस्यों का है। उन्होंने 39 शादियाँ की हैं। इनके 94 बच्चे हैं, 14 पुत्रवधुएं और 33 नाती हैं। जियोना के पिता ने 50 शादियाँ की थीं। उसके घर में 100 से ज्यादा कमरे है और हर रोज भोजन में 30 मुर्गियाँ खर्च होती हैं।
http://gyaankosh.blogspot.com/2011/07/blog-post_14.html

20 - ब्लॉगर्स मीट अब ब्लॉग पर आयोजित हुआ करेगी और वह भी वीकली Bloggers' Meet Weekly
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/bloggers-meet-weekly.html

21- इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
http://www.sahityapremisangh.com/2011/07/blog-post_3678.html

22- इसलाम में आर्थिक व्यवस्था के मार्गदर्शक सिद्धांत
http://islamdharma.blogspot.com/2012/07/islamic-economics.html

23- मेरी बिटिया सदफ स्कूल क्लास प्रतिनिधि का चुनाव जीती
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_2208.html

24- कुरआन का चमत्कार

25- ब्रह्मा अब्राहम इब्राहीम एक हैं?

26- कमबख़्तो ! सीता माता को इल्ज़ाम न दो Greatness of Sita Mata

27- राम को इल्ज़ाम न दो Part 1

28- लक्ष्मण को इल्ज़ाम न दो

29- हरेक समस्या का अंत, तुरंत

30-
अपने पड़ोसी को तकलीफ़ न दो
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साहित्य की ताज़ा जानकारी

1- युद्ध -लुईगी पिरांदेलो (मां-बेटे और बाप के ज़बर्दस्त तूफ़ानी जज़्बात का अनोखा बयान)
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

2- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

3- आतंकवादी कौन और इल्ज़ाम किस पर ? Taliban
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/taliban.html

4- तनाव दूर करने की बजाय बढ़ाती है शराब
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

5- जानिए श्री कृष्ण जी के धर्म को अपने बुद्धि-विवेक से Krishna consciousness
http://vedquran.blogspot.com/2011/07/krishna-consciousness.html

6- समलैंगिकता और बलात्कार की घटनाएं क्यों अंजाम देते हैं जवान ? Rape
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/rape.html

7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

8- ख़ून बहाना जायज़ ही नहीं है किसी मुसलमान के लिए No Voilence
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/no-voilence.html

9- धर्म को उसके लक्षणों से पहचान कर अपनाइये कल्याण के लिए
http://charchashalimanch.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

10- बाइबिल के रहस्य- क्षमा कीजिए शांति पाइए
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/03/blog-post.html

11- विश्व शांति और मानव एकता के लिए हज़रत अली की ज़िंदगी सचमुच एक आदर्श है
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12- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
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13- ‘इस्लामी आतंकवाद‘ एक ग़लत शब्द है Terrorism or Peace, What is Islam
http://commentsgarden.blogspot.com/2011/07/terrorism-or-peace-what-is-islam.html

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15- अल्लाह के विशेष गुण जो किसी सृष्टि में नहीं है.
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16- लघु नज्में ... ड़ा श्याम गुप्त...
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17- आपको कौन लिंक कर रहा है ?, जानने के तरीके यह हैं
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18- आदम-मनु हैं एक, बाप अपना भी कह ले -रविकर फैजाबादी

19-मां बाप हैं अल्लाह की बख्शी हुई नेमत

20- मौत कहते हैं जिसे वो ज़िन्दगी का होश है Death is life

21- कल रात उसने सारे ख़तों को जला दिया -ग़ज़ल Gazal

22- मोम का सा मिज़ाज है मेरा / मुझ पे इल्ज़ाम है कि पत्थर हूँ -'Anwer'

23- दिल तो है लँगूर का

24- लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी - Allama Iqbal

25- विवाद -एक लघुकथा डा. अनवर जमाल की क़लम से Dispute (Short story)

26- शीशा हमें तो आपको पत्थर कहा गया (ग़ज़ल)

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