आज सारे हिंदी ब्लॉग जगत में अगर कोई चर्चा है तो वह है लखनऊ के शिक्षा सम्मेलन की जिसमें सलीम ख़ान को और अनवर जमाल को ईनाम से नवाज़ा गया और उनकी सेवाओं को सराहा गया। दोनों को अलग अलग क्षेत्र में हिंदी ब्लॉगिंग को समृद्ध करने के लिए ‘बेस्ट ब्लॉगर‘ का खि़ताब दिया गया। इस पूरे कार्यक्रम की जानकारी क़िस्तवार पेश की जा रही है, अलग-अलग ब्लाग पर।
दो लिंक्स नीचे दिए जा रहे हैं।
इन्हें देखकर आप कैसा महसूस कर रहे हैं ?
इसका विश्लेषण करते ही आप जान लेंगे कि प्राणी मात्र से प्रेम करने के मार्ग पर आप कहां तक आगे बढ़े ?
डा. डंडा लखनवी, सलीम खान, अनवर जमाल, डा. अयाज़,डा. सुरेश उजाला एडिटर, पत्रकार अनिल जी |
उर्दू
नर्म शीरीं बयां नाज़िशे गुलसितां
मैं हूं उर्दू ज़बां मैं हूं उर्दू ज़बां
मुझसे नफ़रत करो चाहे मुंह मोड़ लो
जिस क़दर चाहो मुझ पर सितम तोड़ लो
तपते सहरा पर एक दिन घटा छाएगी
मेरी दुनिया में फ़सले-बहार आएगी
ख़ुदकुशी मैं करूं मेरा शेवा नहीं
मैं कहीं जाऊं मुझसे ये होगा नहीं
मुझसे छूटा न छूटेगा हिंदुस्तां
मैं हूं उर्दू ज़बां मैं हूं उर्दू ज़बां
इन्क़लाबी शायर जनाब अनवर फ़रीदी साहब के कलाम से एक अंश
शब्दार्थ
शीरीं बयां-मीठी भाषा, नाज़िशे गुलसितां-गुलशन पर नाज़ करने वाली
वालियाने दकन-दक्षिणी भारत के शासक , इन्क़लाबों की रूहे रूआं- क्रांति की प्रेरणास्रोत
तफ़रीक़-भेद करना , पुरकशिश-आकर्षक , मन्सूब- किसी से जोड़ा जाना
शेवा-रीति ,
जनाब अनवर फ़रीदी साहब ने यह नज़्म कल लखनऊ के सहकारिता भवन में पढ़ी। इस लंबी नज़्म के सिर्फ़ तीन बंद हम यहां पेश कर रहे हैं जबकि पूरी नज़्म की वीडियो रिकॉर्डिंग हो चुकी है। मौक़ा मिला तो आपको पूरी नज़्म सुनाने की कोशिश की जाएगी, इंशा अल्लाह !
इस मौक़े पर ‘मुशायरा‘ ब्लॉग की भी तारीफ़ की गई . इस प्रोग्राम की अध्यक्षता मौलाना मुहम्मद फुरकान क़ासमी साहब ने की. इस सम्मलेन का आयोजन 'आल इण्डिया उर्दू तालीम घर, लखनऊ' ने किया, जिसमें मुल्क के अलग अलग हिस्सों से बहुत से बुद्धिजीवियों और आलिमों ने भाग लिया. जिनमें अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, प्रोफ़ेसर अख्तरुल वासे (चेयरमैन उर्दू एकेडमी दिल्ली), डा. इस्लाम क़ासमी (सदर जमीअतुल उलेमा, उत्तराखंड), प्रोफ़ेसर अब्दुल वहाब ‘क़ैसर साहब (मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद), डा. असलम जमशेदपुरी, डा. साग़र बर्नी (अध्यक्ष उर्दू विभाग चै. चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ) प्रोफ़ेसर तनवीर चिश्ती (पी.जी. कॉलेज, सहारनपुर), डा. ज़फ़र गुलज़ार (चौ. चरण सिंह यूनि., मेरठ) और डा. असलम क़ासमी साहब (उत्तराखंड) के नाम प्रमुख हैं। इस सम्मलेन के कुछ फ़ोटो आप के लिए मौजूद हैं 'बड़ा ब्लॉगर कैसे बनें ?' पर.
अनवर जमाल एक भावपूर्ण मुद्रा में |
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली डा. अनवर जमाल को ईनाम से नवाजते हुए |
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली सलीम खान को बेस्ट ब्लॉगर के ईनाम से नवाज़ते हुए http://tobeabigblogger.blogspot.com/2011/05/best-blogger.html |