ब्लॉग सजावट की प्रतिभा हे शाहनवाज़
जो अहम छोड़ कर मधुरता के सुवचन बोलता हे वाही विश्व विजेता होता हे और यही विचारधारा लिए भाई शाहनवाज़ सिद्दीकी अपना जीवन जी रहे हे इसी अपने पण की विचारधारा लियें वोह इस ब्लोगिंग की दुनिया मने आये और आज सभी के खास बन गये .
शाहनवाज़ सिद्दीकी देहली में पाले बढ़े हरिद्वार की हवा खाई और फिर दिल्ली में पत्रकारिता की दुनिया में तहलका मचाने के बाद सजावट की कला ने इन्हें आज विज्ञापन की दुनिया में बहतरीन सजावटी विज्ञापन तय्यार कर जनता के सामने परोसने वाला प्रमुख कलाकार बना दिया , शाहनवाज़ सिद्दीकी के मन में पत्रकार जिंदा हे वोह एक कलाकार के साथ साथ जिंदगी और जिंदगी की घटनाओं को अपने हिसाब से देखते हे सोचते हें समझते हें और इन अनुभवों को कलम के माद्यम से अपनों के साथ बांटना चाहते हें और इसीलियें वर्ष २०१० में वोह ब्लोगिंग की दुनिया में आये उन्होंने अपने नाना से यह प्रेरणा ली और वोह आज दिल्ली की विज्ञापन दनिया में डिजायनर के रूप में अपने झंडे गाड़े हुए हें शाहनवाज़ के अप तक ६९ प्रशंसक बन गये हें और इनकी कला और लगन के कारण ही शाहनवाज़ आज हमारिवानी के पेनल में हें वोह बात और हे के कुछ मामलों में वोह अपने परायों का दर्द नहीं समझ पाए हे और इससे कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुई हे लेकिन उनका मकसद शायद ब्लोग्वानी की गाइड लाइन के बन्धनों में बंध कर काम करना रहा हो .
शाहनवाज़ सिद्दीकी कहते हें के अहम छोड़े और मधुरता के सुवचन बोलेन खुद बा खुद दुशम भी दोस्त हो जायेंगे और वोह काफी हद तक कामयाब ही हुए हे उनकी सोच हे के इंसान जो कोशिश करे तो जिंदगी में बहार हे , जीत में भी हार हे सही कहा अगर इंसानियत से हट कर जीत भी जाओ तो ऐसी जीत किसी काम की नही रहती हे और हार से भी बदतर हो जाती हे शाहनवाज़ भाई ने अपनी इसी विचारधारा को जन जन तक पहुँचने के लियें अपना ब्लॉग छोटी बात,प्रेमरस,मधुर सन्देश , प्रेमरस शुरू किये और एक ब्लॉग शाह की कलम भी बनाया लेकिन वोह बिना पोस्ट के अभी सहज कर रखा हे इसलियें उसमें फोलोवार्स में सिर्फ मेने अपना नाम इस उम्मीद में पहले नम्बर पर दर्ज कराया हे के उसकी पहली पोस्ट मुझे ही पढने को मिले तो ऐसे हें हमारे शाहनवाज़ भाई जो प्यार बाटना चाहते हें प्यार से रहना चाहते हें उनका मानना हे इंसान जो कोशिश करे तो जिंदगी में बहार हे और इसी आशावाद के साथ ब्लोगिंग की इस दुनिया को शाहनवाज़ भाई से सभी को उम्मीदें हें और वोह कुच्छ कड़े फ़सलों पर पुनर्विचार करें ऐसी उम्मीद भी उनसे हे . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान सहयोग और मार्ग दर्शन जनाब एस एस मासूम साहब
2 comments:
शाहनवाज़ भाई में बहुत सी ख़ूबियां हैं । उनकी तमाम ख़ूबियों के जिक्र के लिए कुछ और पोस्ट्स की जरूरत है।
शुक्रिया !
anvr bhai mana gye jnaab bhut bdhe dil or khule khyaal ke malik he aap shukriya . akhtar khan akela kota rajsthan
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