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अस्सलामु अलैकुम !
स्वच्छ
ws
Sent at 8:12 AM on Friday
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जनाब सलीम ख़ान साहब ! हिंदी ब्लॉगर्स को परिकल्पना समूह की तरफ़ वर्ष 2010 में ईनाम दिये जाने की जो घोषणा हुई थी, क्या उसमें आपका नाम मौजूद था ?
Sent at 8:14 AM on Friday
स्वच्छ
नहीं, मैंने देखा था लेकिन मेरा उसमें कहीं भी नाम नहीं है जबकि मैं पिछली मर्तबा आयोजकों में से था
Sent at 8:15 AM on Friday
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आपको किस शीर्षक के अंतर्गत ईनाम दिया जा रहा था ?
स्वच्छ
मुझे वर्ष के सर्वाधिक चर्चित ब्लॉगर अंतर्गत ईनाम दिया गया था.
Sent at 8:18 AM on Friday
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अब जो नई सूची हिंदी ब्लॉगर्स के सामने पेश की जा रही है, क्या उसमें आपका नाम मौजूद है ?
स्वच्छ
nahin
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तो क्या आप यह कहना चाहते हैं कि इस सम्मान समारोह के आयोजकों ने ईनाम की मूल सूची ही बदल डाली है ?
स्वच्छ
पिछली मर्तबा जब घोषणा हुई थी उसमें मेरा नाम सर्वाधीक चर्चित ब्लॉगर में नाम था और मैं संयोजकों में से था मगर अबकी लिस्ट में मेरा नाम ही ग़ायब है
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आप क्या समझते हैं कि आपके साथ ऐसा क्यों किया गया ?
Sent at 8:22 AM on Friday
स्वच्छ
मुझे नहीं मालूम, मगर कहीं न कहीं गहरी साज़िश हुई है. रविन्द्र मेरे सहयोगियों में से हैं, मेरे ही शहर के ही हैं, लखनऊ ब्लॉगर्स एसोशियेशन और परिकल्पना व लोक संघर्ष के बैनर तहत उक्त इनमता दिया जा रहा था जिसके सर्वेसर्वा रविन्द्र थे और मुझे सम्मान भी मिला. बा जब इनाम की बात हो रही है तो उसमें मेरा नाम ही नहीं है.
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सुना है कि परिकल्पना समूह वाले श्री रवीन्द्र प्रभात जी लखनऊ के नहीं हैं लेकिन उन्हें लखनऊ के लोगों ने हर तरह से सम्मान दिया है, तब उन्होंने लखनऊ के ही एक आदमी का नाम सम्मान सूची से क्यों निकाल दिया ?
Sent at 8:24 AM on Friday
स्वच्छ
हाँ, मूल रूप से वह लखनऊ के नहीं है. और मेरे द्वारा लखनऊ ब्लॉगर्स एसोशियेशन के अध्यक्ष बनाये जाने के पूर्व उन्हें कम ही लोग जानते थे.
हाँ, मूल रूप से वह लखनऊ के नहीं है. और मेरे द्वारा लखनऊ ब्लॉगर्स एसोशियेशन के अध्यक्ष बनाये जाने के पूर्व उन्हें कम ही लोग जानते थे.
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क्या आपको हिंदी ब्लॉगर्स को दिए जा रहे सम्मान समारोह में आने के लिए निमंत्रित किया गया है ?, किसी तरह का कोई निमंत्रण पत्र आपको दस्ती या फिर ईमेल से भेजा गया हो, जैसा कि सभी हिंदी ब्लॉगर्स को भेजा गया है ?
स्वच्छ
नहीं मुझे कोई निमंत्रण नहीं मिला
Sent at 8:29 AM on Friday
स्वच्छ
आखिर किस मुहँ से वो मुझे निमंत्रित करते. उनके इस निंदनीय कृत्य के पीछे उनके सीने में तो पूर्वाग्रह बसा है
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बड़े ताज्जुब की बात है ख़ान साहब। क्या कभी श्री रवीन्द्र प्रभात जी ने आपको फ़ोन भी नहीं किया बुलाने के लिए ?
स्वच्छ
नहीं
Sent at 8:31 AM on Friday
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क्या आपने उनके साथ कभी अशिष्ट व्यवहार किया ? या उनका कोई हक़ आपने मारा हो ? क्या कभी उन्होंने आपसे आपके किसी व्यवहार की कोई शिकायत की ? जिससे आपके प्रति उनकी नाराज़गी का पता चलता हो।
Sent at 8:33 AM on Friday
स्वच्छ
नहीं ऐसा सलीम कर ही नहीं सकता. मैं सदैव सत्य के साथ रहा, व्यक्ति विशेष के प्रति लगाव मेरा तभी रहा जब वह सत्य पर हो. मैंने रविन्द्र जी का कभी कोई हक नहीं मारा बल्कि वे तो स्वयं ही लखनऊ ब्लॉगर्स एसोशियेशन का दामन छोड़ कर भाग गए.
और आज तक न फ़ोन किया और न ही कोई मेल. इसे आप क्या कहेंगे भगौड़ा और क्या?,
लेकिन मैं उन्हीने भगौड़ा नहीं कहूँगा
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चलिए श्री रवीन्द्र जी ने आपको निमंत्रित नहीं किया न सही लेकिन श्री अविनाश वाचस्पति जी तो आपको नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते, क्या उन्होंने भी आपको नहीं बुलाया
स्वच्छ
श्री अविनाश वाचस्पति जी ने कोई निमंत्रण नहीं दिया और न ही फोन किया. श्री अविनाश वाचस्पति जी का मैं सम्मान करता हूँ, chat पर कई मर्तबा बात हुई जिसमें उन्होंने जीवन में कभी भी किसी भी ब्लॉग पर या अपने ब्लॉग पर टिपण्णी न करने की कसमें खाईं थीं और मैंने उन्हीने समझाया था.
me
अगर दोनों ने ही आपको इतने चर्चित सम्मेलन में नहीं बुलाया है तो क्या यह हिंदी ब्लागर्स के दरम्यान गुटबाज़ी को रेखांकित नहीं करता ?
Sent at 8:39 AM on Friday
स्वच्छ
यकीनन ऐसा ही है क्यूंकि अगर ऐसा नहीं होता तो वे मुझे अवश्य बुलाते अथवा सम्मान देते. हालंकि मैं सम्मान का भूखा नहीं. क्यूंकि न जाने कितने ब्लॉगर्स इस लिस्ट में शामिल नहीं. लेकिन मेरी शिकायत यह है की मैन्न्स्वयम आयोजकों में से था. और मेरा ही नाम ग़ायब है ये तो ऐसे ही हुआ की अपने शादी के कार्ड में अपने बाप का नाम ही नहीं लिखा.
मैन्न्स्वयम= मैं स्वयं
Sent at 8:43 AM on Friday
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क्या आपने किसी पोस्ट के माध्यम से यह सब ब्लॉग जगत को कभी बताया है ?
क्या आम हिंदी ब्लॉगर यह सब जानता है कि आपके साथ यह सब अन्याय किया गया
?
Sent at 8:45 AM on Friday
स्वच्छ
नहीं मेरी ऐसी आदत नहीं है लेकिन जब अपने मुझसे पूछा तो बता दिया. अब आम ब्लॉगर्स को तो पता चलना ही चाहिए की ब्लॉग जगत में भी गुटबाजी चल रही है
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कोई संदेश जो आप ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ के माध्यम से हिंदी ब्लॉग जगत को देना चाहें ?
Sent at 8:47 AM on Friday
स्वच्छ
जी हाँ, ब्लॉग जगत को सीधी राह पर और सार्थक सन्देश देने के नाम पर जो इनाम की बंदरबांट हुई है वह वाकई चिंतनीय है हिंदी ब्लॉग जगत के हित में नहीं है. यहाँ सब नेताओं की तरह मौक़ापरस्त हो गए हैं. जब सलीम नाम की सीढ़ी की ज़रूरत थी तो आयोजक बना कर चर्चा में आ गए. जब सलीम की ज़रुरत थी तो साइंस ब्लॉग में उसे शामिल किया फिर लिखने की पॉवर ही छीन ली. यह सब क्या है???? लेकिन मैं इन्तिज़ार करूँगा और प्रयासरत भी रहूँगा हिंदी की सेवा के लिए. आपने मुझे तीसरी बार जगाया है हिंदी सम्मान कीई घालमेल से अवगत कराया. वैसे मैं अवगत कराऊंगा. लगता है इसीलिए मुझे हमारिवानी से निकलवा दिया और मेरे ही चेले शाहनवाज़ को मेरे खिलाफ कर दिया.
Sent at 8:51 AM on Friday
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ख़ान साहब ! आपका शुक्रिया कि आपने अपना क़ीमती समय हमारे ‘वर्चुअल न्यूज़पेपर‘ को दिया।
स्वच्छ
शुक्रिया
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ख़ान साहब ! जो सच आज तक हिंदी ब्लॉग जगत से छिपा रहा है, उसे ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ हिंदी ब्लॉगर्स के सामने रखकर यह ज़रूर पूछेगा कि आप सभी विचारशील लोग हैं, सारे हालात को सामने रखकर सोचिए कि ब्लॉगिंग के नाम पर गुट बनाना और अपनी रंजिंशें निकालना ब्लॉग जगत को किस ओर ले जा रहा है ?
ऐसे लोगों को मार्गदर्शक और सिरमौर बनाना ‘हिंदी ब्लॉगिंग के भविष्य‘ के लिए फ़ायदेमंद कहा जाएगा या फिर घातक ?
ऐसे लोगों को मार्गदर्शक और सिरमौर बनाना ‘हिंदी ब्लॉगिंग के भविष्य‘ के लिए फ़ायदेमंद कहा जाएगा या फिर घातक ?
bye
Khuda Hafiz
स्वच्छ
यकीन एक डॉक्टर के ओपरेशन की माफिक फायदेमंद होगा'
Sent at 8:54 AM on Friday
स्वच्छ
चलते चलते मैं आपको यह भी बता दूं कि http://utsav.pa rikalpnaa.com/ पर अभी भी मेरा नाम आयोजन समिति में चमक रहा है
Sent at 8:56 AM on Friday
me
आपने यह भी एक हैरतअंगेज़ तथ्य उजागर किया है। आपके इंटरव्यू के लिए हम आपके शुक्रगुज़ार हैं।
Sent at 8:57 AM on Friday
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तो साहिबान ! जो सच अब तक था पर्दे के पीछे, अब वह आ चुका है मंज़रे आम पर, आप सबके सामने। एक ऐसा सच जिसे कहने से टालते रहे जनाब सलीम ख़ान साहब आज तक और जो लोग उनके साथ अन्याय करते रहे उन्होंने भी यह सच आपके सामने आने नहीं दिया आज तक।
यह है आज हिंदी ब्लॉगिंग का नंगा सच, जिसे आप देख पा रहे हैं ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ पर। पहला वर्चुअल समाचार पत्र, जो आपको बाख़बर रखता है हिंदी ब्लॉगिंग के सच से, सच जो कड़वा होता है, सच जो असहनीय होता है, लेकिन सच ही अमृत होता है। हिंदी ब्लॉगिंग की आत्मा का हनन हो नहीं सकता जब तक कि सच बोलने के लिए ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ मौजूद है और इसके ज़रिये सच जानने के ख्वाहिशमंद ब्लॉगर्स मौजूद हैं।
जनाब सलीम ख़ान साहब को सर्वाधिक चर्चित ब्लॉगर के शीर्षक के तहत पुरस्कृत किया जा रहा था और अब उनका चर्चा कहीं भी नहीं है ?
जबकि उनका नाम आयोजन समिति में अब भी चमक रहा है। जिसका फ़ोटो भी आप देख सकते हैं और दिए गए लिंक पर जाकर प्रमाणित भी कर सकते हैं।
जिन ब्लॉगर्स को सम्मानित किया जा रहा है, उनमें से अधिकतर ने हिंदी ब्लॉगिंग को अपना यादगार योगदान दिया है। उनका हम भी सम्मान करते हैं। उनका काम ही उनका सम्मान है, उनके काम को सम्मान मिलना ही चाहिए लेकिन सम्मान की आड़ में व्यक्तिगत रंजिंशें निकालना कहां तक उचित है ?
आज यही सवाल हम सबके सामने है।
विचारशील ब्लॉगर्स विचार करें कि अपने व्यापार के लिए, अपनी लिखी किताब की पब्लिसिटी के लिए सम्मानित ब्लॉगर्स को अपनी तुच्छ रंजिश और अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल करना कहां तक उचित है ?
अपना जवाब आप टिप्पणियों के माध्यम से खुलकर दें ताकि आइंदा आयोजित होने वाले कार्यक्रम गंदी गुटबाज़ी के मनहूस साये से दूर रहें।
ऐसी ही रोचक और खोजपूर्ण रिपोर्ट लाता रहेगा ‘ब्लॉग की ख़बरें‘।
हिंदी ब्लॉग जगत का सबसे पहला और सबसे विश्वसनीय अख़बार
जो लिखता सदा सच ।
जय हिंद !
(यह इंटरव्यू Chat पर लिया गया ताकि संदेह की कोई गुंजाइश ही न रहे.)
(यह इंटरव्यू Chat पर लिया गया ताकि संदेह की कोई गुंजाइश ही न रहे.)
7 comments:
बाँधने मुझे तो आया है, जंजीर बड़ी क्या लाया है?
यदि मुझे बाँधना चाहे मन, पहले तो बाँध अनन्त गगन।
सूने को साध न सकता है,
वह मुझे बाँध कब सकता है?
'हित-वचन नहीं तूने माना, मैत्री का मूल्य न पहचाना,
तो ले, मैं भी अब जाता हूँ, अन्तिम संकल्प सुनाता हूँ।
याचना नहीं, अब रण होगा,
जीवन-जय या कि मरण होगा।
'टकरायेंगे नक्षत्र-निकर, बरसेगी भू पर वह्नि प्रखर,
फण शेषनाग का डोलेगा, विकराल काल मुँह खोलेगा।
दुर्योधन! रण ऐसा होगा।
फिर कभी नहीं जैसा होगा।
'भाई पर भाई टूटेंगे, विष-बाण बूँद-से छूटेंगे,
वायस-श्रृगाल सुख लूटेंगे, सौभाग्य मनुज के फूटेंगे।
आखिर तू भूशायी होगा,
हिंसा का पर, दायी होगा।'
थी सभा सन्न, सब लोग डरे, चुप थे या थे बेहोश पड़े।
केवल दो नर ना अघाते थे, धृतराष्ट्र-विदुर सुख पाते थे।
कर जोड़ खड़े प्रमुदित, निर्भय,
दोनों पुकारते थे 'जय-जय'!
यह इंटरव्यू एक तरफ़ा है, मैं अविनाश जी तथा रविन्द्र जी का इंटरव्यू भी पढ़ना चाहूँगा|
उम्मीद है जल्द ही उनका इंटरव्यू भी पढ़ने को मिलेगा जिससे किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके|
जब तक पारदर्शिता(transparency)नहीं होगी तब तक ईमानदारी नहीं हो सकती है.आयोजको से पूछा जाना चाहिए कि पुरस्कार विजेता कि सूची किस आधार पर final की गई है इसकी आंकड़ापरक जानकारी सभी ब्लोगर्स को उपलब्ध कराई जाये ताकि निष्पक्षतता प्रमाणित की जा सके.
कुँवर कुसुमेश
जब तक पारदर्शिता(transparency)नहीं होगी तब तक ईमानदारी नहीं हो सकती है.आयोजको से पूछा जाना चाहिए कि पुरस्कार विजेता कि सूची किस आधार पर final की गई है इसकी आंकड़ापरक जानकारी सभी ब्लोगर्स को उपलब्ध कराई जाये ताकि निष्पक्षता प्रमाणित की जा सके.
कुँवर कुसुमेश
बहुत अच्छा interview है, हम शुक्रगुजार हैं
मैं कुंवर कुश्मेश व योगेन्द्र पाल कि बातों से सहमत हूँ...
जैसा कि योगेन्द्र जी कहते हैं कि वे अविनाश जी तथा रविन्द्र जी का इंटरव्यू भी पढना चाहते हैं
तो मैं उनके साथ हूँ ताकि पूरी बात ब्लॉग जगत को पता चले...
और कुश्मेश जी का कहना भी सही है कि अगर कोई final list आई है तो उसे किस आधार पे final किया गया ये जानकारी सारे ब्लॉग जगत को देना अनिवार्य है..
पर आपका बहुत बहुत धन्यवाद अनवर जी जो आपने इस Internet को सबके सामने लाया
सत्यमेव जयते
श्री रवीन्द्र प्रभात जी और
श्री अविनाश वाचस्पति जी
कल 30 अप्रैल 2011 को दिल्ली में एक ब्लॉगर सम्मेलन होने जा रहा है, जो कि आप द्वारा आयोजित किया जा रहा है। हम आपके इस आयोजन के कुशलतापूर्वक संपन्न होने की कामना करते हैं। ब्लॉगिंग की नामचीन हस्तियों के दरम्यान आपका समय अच्छा गुज़रेगा, ऐसी हम उम्मीद रखते हैं।
इन शुभकामनाओं के बावजूद एक पत्रकार को उसका कर्तव्य भी निभाना पड़ता है जिसके कारण कभी कभी कुछ असुविधा भी होती है। आप दोनों ही बुद्धिजीवी व्यक्ति हैं। इसलिए आप इस मजबूरी को ज़रूर समझेंगे।
आपके इस आयोजन को लेकर पिछले कुछ समय से ब्लॉग जगत में सवाल खड़े होते आ रहे हैं, उसी कड़ी में आज ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ ने जनाब सलीम ख़ान साहब इंटरव्यू पेश किया है। ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ एक निष्पक्ष ब्लॉग समाचार पत्र है, उसका उद्देश्य केवल सच को उसके तमाम पहलुओं के साथ हिंदी ब्लॉगर्स के सामने लाना मात्र है। इस इंटरव्यू को लेकर यदि आप किसी भी तरह का कोई बयान@स्पष्टीकरण देना चाहें तो निम्न लिंक पर टिप्पणी के माध्यम से दे सकते हैं :
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/04/blog-fixing_28.html
यदि आप ईमेल करना चाहें तो ईमेल आईडी यह है - eshvani@gmail.com
और यदि आप लोग अलग से पूरा इंटरव्यू चैट पर देना चाहें तो भी यह समाचार पत्र आपक व्यू लेना चाहेगा।
यदि आप फ़ोन के माध्यम से अपना स्टेटमैंट देना चाहें तो आप हमसे फ़ोन पर भी संपर्क कर सकते हैं। नम्बर श्री अविनाश जी के पास सुरक्षित है।
‘ब्लॉग की ख़बरें‘ आपके नज़रिये को भी हिंदी ब्लॉगर्स के सामने लाना चाहता है।
आशा है कि आप सहयोग करेंगे जैसे कि जनाब सलीम ख़ान साहब ने अपना क़ीमती समय देकर हमें कृतार्थ किया।
हिंदी ब्लॉगिंग के इतिहास के साथ साथ इसके भविष्य को भी बेहतर बनाने की ज़रूरत है।
पुनः आपके आयोजन के सफल होने की कामना हम दिल से करते हैं।
यदि आप अपने ब्लॉग का कोई भी विज्ञापन या इस आयोजन की कोई रिपोर्टिंग ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ में प्रकाशित कराना चाहें तो आपके लिए भी यह सेवा निःशुल्क उपलब्ध है। संपादक के असहमत होने के बावजूद इस समाचार पत्र पर दूसरे हिंदी ब्लॉगर्स के साथ साथ आप लोगों का भी पूर्ण अधिकार है। नज़रिये की भिन्नता और असहमति हमारे लिए संवाद में कभी बाधक नहीं बनती क्योंकि हम सब एक हैं।
जय हिंद !
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दोनों साहिबान को इस इंटरव्यू का लिंक सुबह ही भेज दिया गया था लेकिन आज शाम तक भी उनका कोई ओपिनियन नहीं मिला तो फिर से उपरोक्त आशय का एक पत्र द्वारा ईमेल भेजा गया।
पाठकों की सूचनार्थ उस मसव्विदे को मंज़रे आम पर लाया जा रहा है ताकि ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ की नीतियां सबके सामने स्पष्ट रहें।
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