यह जानने के लिए देखिए निम्न पोस्ट
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/hindi-blogging-guide-4.html
साथ ही जानिए ब्लॉगिंग की आचार संहिता
जनाब रूपचंद शास्त्री जी की क़लम से।
साथ ही जानिए ब्लॉगिंग की आचार संहिता
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10 comments:
abhi jate hain is post par .jo aagya gurudev !
yahan to pahle hi ho aaye hain aap to aaj late ho gaye shayad train me honge aur vah bhi nauchandi express me.
hindi blogging ka mukhya prushth
bahut sundar bna hai...
badhai
mukhay prashth par hindi -shabdon ka prayog hona chahiye .jaise-''hindi chithhakari margdarshika ''.ye kuch uchit nahi ki hindi ki chithhakari aur english shabdon se saja mukhay prashthh.
आसान शब्द यूज़ करेंगे हम लोग
@ शालिनी जी और महेश जी ! आपने पोस्ट पर टाइटिल डिज़ायन करने वाले एजाज़ भाई के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा ?
@ शिखा जी ! हमें अपनी बात उन लोगों तक पहुंचानी है जो कि हिंदी का औसत ज्ञान रखते हैं। लिहाज़ा हमें शब्द भी वही इस्तेमाल करने होंगे जिन्हें आम लोग समझ सकें।
‘चिठ्ठाकारी‘ और ‘मार्गदर्शिका‘ को समझ लेना हरेक के बस की बात नहीं है जबकि ‘ब्लॉगिंग और गाइड शब्दों को समझने वाले लोग अपेक्षाकृत ज़्यादा हैं।
एड कंपनियां इस बात को बहुत बारीकी से वॉच करती हैं और वे अपने उत्पाद के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को बताने के लिए हल्के-फुल्के और आसानी से समझ आने वाले अल्फ़ाज़ ही इस्तेमाल करते हैं।
आपके लेख के बहुत से अल्फ़ाज़ भी मैंने एडिटिंग के दौरान इसी लिए चेंज कर दिए हैं।
आपके लेख में मैंने बिंदी तक का करेक्शन किया है।
एक बार आप अपने भेजे हुए लेख और प्रकाशित लेख की तुलना करके देखें और बताएं कि कौन से शब्द ज़्यादा लोग समझेंगे ?
आसान शब्द यूज़ करेंगे तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह हिंदी नहीं रह जाएगी।
रामायण के मुक़ाबले रामचरित मानस की अधिक लोकप्रियता के पीछे भी राज़ यही है कि मानस लोगों की समझ में आने वाली भाषा में है।
धन्यवाद !
mafi chahoongi ki ezaz sahab ke bare me kuchh nahi kaha achchha hai ki aap jaise chaitane vale hain .blogging guide ka jo swaroop ezaz ji ne nishchit kiya hai vah kabil-e-tareef hai.
main aapki is bat se bhi sahmat hoon ki jise jyada log samjhe vahi bhasha apnayi jaye.
shikha ji hindi me ph.d. kar rahi hain isliye hindi ke liye jyada sochti hain aap unki salah ko anyatha mat len.jo man me aaye vahi karen kyonki aapke man me sahi bat hi aati hai.
एजाज़ भाई !
वे जितने अच्छे मराठी के जानकार, व मराठी में लिखने वाले ब्लॉगर कवि हैं...
उतने ही अच्छे ग्राफिक्स डिजाईन में पारंगत भी...
आज मुझे दुःख होता है कि मैं एक मराठी परिवार से होकर भी मराठी में कुछ भी नहीं लिख सकता, खैर छोडो इस बात को...
एजाज़ भाई की मेहनत का कोई मोल नहीं... उन्होंने जो टाइटल पेज हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड के लिए बनाया है वह काबिल-ए-तारीफ के ऊपर भी कुछ होता होगा तो वह है...
बहुत बढ़िया टाइटल बनाने के लिए उनका सहृदय आभार...
पर उनसे एक गिला है मुझे कि उन्होंने सन २००८ के बाद कुछ भी नहीं लिखा ब्लॉग पे अपने...
चाहे वह कारण जो भी रहा हो पर उनको ब्लॉग्गिंग नहीं छोडनी चाहिए थी...
आशा है कि बहुत जल्द फिर हमारे बीच आयेंगे...
अपनी कुछ नयी रचनाओं के साथ...
@ प्रिय महेश जी ! आपने मालूम नहीं किन साहब का ब्लॉग देख लिया है ?
एजाज़ साहब के बारे में जानने के लिए आपको देखना होगा उनका प्रोफ़ाइल नीचे दिए गए लिंक पर जाकर
Ejaz Ul Haq-प्रेम संदेस
टाइटिल पर ‘हिंदी चिठ्ठाकारी मार्गदर्शिका‘
@ शालिनी जी ! हम सब लोग एक टीम हैं और मिलकर काम कर रहे हैं। हम सभी हिंदी की तरक्क़ी चाहते हैं। हम सभी ब्लॉगिंग को और समाज को कुछ बेहतर बनाना चाहते हैं। इसी के लिए हम सब चिंतन करते हैं।
शिखा जी के मन में अगर कुछ विचार आया है और उन्होंने उसे प्रकट कर दिया है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। जो नाम, ‘हिंदी चिठ्ठाकारी मार्गदर्शिका‘, वह सुझा रही हैं। हम उस नाम को भी टाइटिल पर लिखवा देंगे। इस तरह दोनों नाम टाइटिल पर आ जाएंगे।
वह एक स्कॉलर हैं और हम उनका दिल से सम्मान करते हैं। उनकी बात को रद्द करते हुए ख़ुद हमारे दिल पर भी ज़ोर पड़ता है। हमने आज तक अपनी किसी भी बहन की कोई बात रद्द नहीं की है लिहाज़ा आप में से किसी की बात भला कैसे रद्द की जा सकती है ?
हम ख़ुद बहुत क्लिष्ट हिंदी बोलने लगे थे, जब हम दसवीं कक्षा में थे। हमें हिंदी प्रिय है और क्लिष्ट हिंदी बोलकर अलग ही आनंद आता है लेकिन जन-संपर्क के समय हमें अपने मिज़ाज को संबोधित समूह की योग्यता के अनुरूप बदलना पड़ता है। उम्मीद है कि आप इस बात को समझेंगी।
रही बात अन्यथा लेने की तो नेक सलाह को अन्यथा कभी नहीं लेता अनवर जमाल बल्कि अगर कोई गुरू घंटाल भी कहता है तो भी हम कभी अन्यथा नहीं लेते। शब्दों के साथ कहने वाले का भाव और उसका इतिहास भी तो देखा जाता है।
सभी साथियों के अच्छे सुझावों का सदा स्वागत है।
धन्यवाद !!!
maafi chahunga Anwer ji aur Ezaz ji..
kyonki jara si spelling mistake se bahut kuchh galat ho gya...
ezaz ji kaa kaam bahut badhiya hai... or naya title bhi bahut achcha hai...
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