ग़र्ज़ यह कि यह मात्र ऐसी चर्चा नहीं है जिसमें कि केवल लिंक का ही चर्चा हो बल्कि इसका कान्सेप्ट गोष्ठी, बैठक और चैपाल का है। एक ऐसे पारिवारिक समारोह का ख़याल है यह जिसमें हम एक दूसरे की भावनाओं को भी महसूस कर सकें। ब्लॉगर्स मीट अगर ब्लॉग पर ही आयोजित हो तो शामिल होना सबके लिए मुमकिन है।
‘ब्लॉगर्स मीट वीकली‘ के इस सिलसिले की पहली पेशकश सोमवार को मन्ज़रे आम पर आ रही है।
कौन करेगा इस समारोह का संचालन ?
यह एक सस्पेंस है।
‘ब्लॉगर्स मीट वीकली‘ के इस सिलसिले की पहली पेशकश सोमवार को मन्ज़रे आम पर आ रही है।
कौन करेगा इस समारोह का संचालन ?
यह एक सस्पेंस है।
आपको यह ख़याल कैसा लगा ?
क्या इसे एक सकारात्मक और रचनात्मक काम का नाम दिया जा सकता है ?
क्या इसे एक सकारात्मक और रचनात्मक काम का नाम दिया जा सकता है ?
क्या है ब्लॉगर्स मीट वीकली ?
पूरी तफ़्सील जानने के लिए देखें
पूरी तफ़्सील जानने के लिए देखें
9 comments:
nice thought keep it up,best wishes
बिलकुल नया कॉन्सेप्ट, एक अच्छी स्वागतयोग्य पहल.
ना हर्जा और ना खर्चा!
यह प्रयोग बहुत बढ़िया रहेगा!
@ आदरणीय शास्त्री जी ! आपकी गहरी नज़रें भी हक़ीक़त खू़ब भांप लेती हैं।
आप सही कह रहे हैं। शुक्रिया आपका भी।
चर्चा मंच पर आपने ब्लॉग की ख़बरें को परिचित कराया और उसकी पोस्ट्स को आप सम्मानित भी करते रहते हैं, इसके लिए आपके बहुत आभारी हैं। अब ब्लॉगर्स मीट वीकली में हम आप जैसे सहयोगियों की रचनाएं और उनके सुख दुख को भी जानने और बांटने की कोशिश करेंगे। वहां भी आपकी मौजूदगी हमारे दरम्यान रहेगी ही, ऐसी उम्मीद भी है।
@आदरणीय राजेंद्र तेला जी और आदरणीय देवेन्द्र गौतम जी !
सराहने के लिए शुक्रिया , हमें आपसे सक्रिय सहयोग भी चाहिएगा।
Hum bhi hai yahan per :)
अनवर भाई ...आप कैसे सभी ब्लोगेर्स को एक साथ लायेगे....?
अनु जी ! आपके सवाल का जवाब इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर मौजूद है। हमने सभी को इन्वाइट कर दिया है। आना और न आना हिंदी ब्लॉगर्स के अपने हाथ में है। हमारे हाथ में तो केवल आने वालों का स्वागत और उनकी सेवा करना है।
बहुत बदिया ख्याल है, तकनिक का ज़हनी और रूहानी इस्तमाल
किया जाएगा . dr.shama khan
स्वागतेय कदम !
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