Sunday, July 10, 2011

‘अमन का पैग़ाम‘ आज एक कसौटी की शक्ल अख्तियार कर चुका है S. M. Masoom

अमन का पैग़ामआज एक कसौटी की शक्ल अख्तियार कर चुका है।
कोई भी नफ़रत फैलाने वाला इस ब्लॉग पर नहीं आता है और अगर भी जाए तोअमन का पैग़ामके साथ दो क़दम भी नहीं चल पाता। बहुत बड़े समझे जाने वाले बहुत से नाम ऐसे हैं जो कि यहां कभी नज़र ही नहीं आए।
सय्यद मुहम्मद मासूम साहब को ब्लॉग जगत में एस. एम. मासूम के नाम से जाना जाता है। वह ख़ुद तो मुंबई में रहते हैं लेकिन उनका दिल जौनपुर में रहता है। जौनपुर से अपना ताल्लुक़ क़ायम रखने के लिए उन्होंने ब्लॉग भी बनाया है और एक वेबसाइट भी बनाई हुई है, जिन पर जौनपुर के मंदिर-मस्जिद से लेकर जौनपुर की मूली और मिठाई तक के बारे में जानकारी मिल जाती है।
इसके बावजूद ब्लॉग जगत में उनकी पहचान अमन के पैग़ाम की वजह से है।
हालांकि ब्लॉग तो उनके कई हैं
1.      हक़ और बातिल
2.      बेज़बान
3.      ब्लॉग संसार
और इसके अलावा कई वेबसाइट्स भी हैं  और यू ट्यूब पर अमन का पैग़ाम टी. वी. भी है।
देखें निम्न लिंक :
http://www.hamarivani.com/user_profile.php?userid=692&blog_id=1001

इसके बावजूद जब भी जनाब मासूम साहब का नाम लिया जाता है तो उनके नाम के साथअमन का पैग़ामब्लॉग ही याद आता है।
आखि़र इसकी वजह क्या है ?
उनका तरीक़ा  है कि हमेशा बेहतर सलाह देंगे और आपसे भी बेहतर सलाह चाहेंगे। वह सिर्फ़ दूसरों को सिखाते ही नहीं हैं बल्कि ख़ुद भी सीखते हैं।
अपने व्यक्तित्व और अपनी ब्लॉगिंग को इस तरीक़े से वही शख्स बेहतर बनाया करता है जो कि अपने जीवन के सच्चे मक़सद के प्रति गंभीर हुआ करता है। यही गंभीरता ब्लॉगर्स में उनके प्रति विश्वास जगाती है और उन्हें हिंदी ब्लॉग जगत की एक हरदिल अज़ीज़ हस्ती बनाती है।
उनका मिशन ‘अमन का पैग़ाम‘ है और वह अपने मिशन में सफल हैं। जनाब एस. एम. मासूम साहब हिंदी ब्लॉगर्स को लगातार  ‘अमन का पैग़ाम‘ दे रहे हैं।
जनाब मासूम साहब हमसे बड़े भी हैं और उनकी समझ भी गहरी है और बात भी सही है क्योंकि हम तो ख़ुद भी जानते हैं कि हां हमारा क़लम यहां उग्र हो गया है। कमेंट में, चैट में, ईमेल में या फिर फ़ोन पर जब भी उन्हें कोई कमी नज़र आई तो उन्होंने मुझे टोका और उन्होंने कमी ही नहीं बताई बल्कि जो बात उन्हें पसंद आई, उसकी तारीफ़ भी की ताकि लोग जान लें कि हालात कितने भी बुरे क्यों न हों लेकिन अभी ईमान ज़िंदा है और ऐसे इंसान भी सलामत हैं जो ’शांति संदेश‘ दे रहे हैं और वह रंग भी ला रहा है।
ईश्वर साक्षी है, ख़ुदा गवाह है और अपने बंदों को वह अकेला काफ़ी है। उसकी रज़ा हासिल हो जाए तो यही बंदगी की मैराज और बुलंदी है। जो आज इससे किनारा कर रहा है, वह कल अपने ईश्वर-अल्लाह को क्या जवाब देगा ?
मुहब्बत और नर्मी के साथ लोगों की भलाई के लिए अच्छाई का संदेश वह पूरी लगन से देते रहे और किसी भी फ़सादी के हमले से वह विचलित न हुए तो इसका कारण केवल यह है कि जो भी आदमी करबला के वाक़ये से अपनी रूहानी ग़िज़ा और आत्मिक शक्ति लेता है, वह कभी विचलित हो ही नहीं सकता। करबला के मैदान में सच्चाई और नेकी को क़ायम रखने की कोशिश में शहीद होने वाले हज़रत इमाम हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु और उनके साथी उनके पूर्वज और उनके बुज़ुर्ग हैं। वे बुज़ुर्ग ऐसे बुज़ुर्ग हैं जिन्हें दुनिया अपना पेशवा और अपना मार्गदर्शक मानती है। दुनिया का कोई देश और कोई नस्ल ऐसी नहीं है जो कि उन्हें आदर न देती हो। हरेक धर्म-मत के लोग उनका ज़िक्र करते हैं। हिन्दुस्तान में भी सिर्फ़ मुसलमान ही नहीं बल्कि हिन्दू भाई भी उन्हें पूरा सम्मान देते हैं, उनके बारे में जब वे लिखते हैं तो पूरी श्रृद्धा के साथ लिखते हैं।
श्री ज्ञान कुमार जी की लिखी किताब क्रमवार रूप से सामने आ ही रही है और वे भी जौनपुर के ही हैं। श्री ज्ञानचंद जी ने जिस तरह यह किताब जनाब मासूम साहब को सौंपी है उससे मासूम साहब के प्रति उनके विश्वास का पता चलता है। इससे यह भी पता चलता है कि उनके वतन के लोग उनके प्रति किस तरह के जज़्बात रखते हैं।इसी क्रम में श्री अरविन्द विद्रोही जी का लेख हिंदी ब्लॉग जगत के लिए एक मील का पत्थर बन कर रह गया है। इस एक अकेले लेख ने यह हक़ीक़त हिंदी दुनिया के सामने वह हक़ीक़त खोलकर रख दी है जिसे जानने के बाद नफ़रत की बुनियाद पर बनाई गई भ्रम की दीवारें ख़ुद ब ख़ुद ही ढह गई हैं।
इसका श्रेय भी जनाब मासूम साहब को ही जाता है। आज उनके वतन के लोग भी उनके साथ हैं और दुनिया भर में फैले हुए हिंदी ब्लॉगर्स में से भी हरेक अमनपसंद उनके साथ है। ये लोग हरेक धर्म-मत से संबंधित हैं।
जो लोग आज उनके साथ नहीं हैं उनमें एक तादाद तो ऐसी है जो कि केवल अपनी ख़ुशी के लिए ब्लॉगिंग करते हैं, सामाजिक मुददों और आम लोगों के दुख-दर्द से उन्हें कोई मतलब ही नहीं है और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि मासूम साहब से नाराज़ हैं क्योंकि पिछले 5-7 बरसों में उन्होंने नफ़रत की जो फ़ज़ा बनाई थी, वह ‘अमन का पैग़ाम‘ आ जाने से मिट कर रह गई है।
यही वे लोग हैं जो नकारात्मक विचारों को फैलाते हैं क्योंकि ये ‘वर्चुअल कम्युनलिज़्म‘ के शिकार हैं।

See More : http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_10.html

2 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

डॉ. अनवर ज़माल साहिब!
आपने ‘अमन के पैग़ाम‘ देने वाले एस.एम. मासूम के बारे में बहुत अच्छी जानकारी प्रदान की है!
इस शनिवार से ये चर्चा मंच के चर्चाकार के रूप में नजर आयेंगे!

S.M.Masoom said...

इज्ज़त अफजाई का शुक्रया

‘ब्लॉग की ख़बरें‘

1- क्या है ब्लॉगर्स मीट वीकली ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_3391.html

2- किसने की हैं कौन करेगा उनसे मोहब्बत हम से ज़्यादा ?
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

3- क्या है प्यार का आवश्यक उपकरण ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

4- एक दूसरे के अपराध क्षमा करो
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

5- इंसान का परिचय Introduction
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/introduction.html

6- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

8- बेवफा छोड़ के जाता है चला जा
http://kunwarkusumesh.blogspot.com/2011/07/blog-post_11.html#comments

9- इस्लाम और पर्यावरण: एक झलक
http://www.hamarianjuman.com/2011/07/blog-post.html

10- दुआ की ताक़त The spiritual power
http://ruhani-amaliyat.blogspot.com/2011/01/spiritual-power.html

11- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

12- शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड-4
http://shakuntalapress.blogspot.com/

13- वाह री, भारत सरकार, क्या खूब कहा
http://bhadas.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

14- वैश्विक हुआ फिरंगी संस्कृति का रोग ! (HIV Test ...)
http://sb.samwaad.com/2011/07/blog-post_16.html

15- अमीर मंदिर गरीब देश
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

16- मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/mobile.html

17- आपकी तस्वीर कहीं पॉर्न वेबसाइट पे तो नहीं है?
http://bezaban.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

18- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

19- दुनिया में सबसे ज्यादा शादियाँ करने वाला कौन है?
इसका श्रेय भारत के ज़ियोना चाना को जाता है। मिजोरम के निवासी 64 वर्षीय जियोना चाना का परिवार 180 सदस्यों का है। उन्होंने 39 शादियाँ की हैं। इनके 94 बच्चे हैं, 14 पुत्रवधुएं और 33 नाती हैं। जियोना के पिता ने 50 शादियाँ की थीं। उसके घर में 100 से ज्यादा कमरे है और हर रोज भोजन में 30 मुर्गियाँ खर्च होती हैं।
http://gyaankosh.blogspot.com/2011/07/blog-post_14.html

20 - ब्लॉगर्स मीट अब ब्लॉग पर आयोजित हुआ करेगी और वह भी वीकली Bloggers' Meet Weekly
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21- इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
http://www.sahityapremisangh.com/2011/07/blog-post_3678.html

22- इसलाम में आर्थिक व्यवस्था के मार्गदर्शक सिद्धांत
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