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डायबिटीज़ का चमत्कारी आयुर्वेदिक नुस्ख़ा
आज डायबिटीज़ महामारी की तरह फैल रही है। हमारे प्राचीन आयुर्वेद मनीषियों ने इसका हल हमें पहले ही दे दिया है। समस्या का हल अपने हाथ में होने के बावुजूद डायबिटीज़ के रोगी परेशान हैं। इसका कारण सुश्रुत संहिता जैसे प्राचीन ग्रंथों को उचित ध्यान न देना है।
डायबिटीज़ नष्ट करने के लिए सुश्रुत संहिता में एक बहुत आसान नुस्ख़ा बताया गया है और वह यह है कि हड्डियों का चूरा शराब के साथ खाया जाए।
क्रौंचोष्ट्ररासभास्थीनि श्वदंष्ट्रा तालमूलिका,
अजमोदा कदम्बस्य मूलं नागरमेव च.
पीतानि शर्करां भिन्द्युः सुरयोष्णोदकेन वा.
सुश्रुत संहिता, चिकित्सा स्थानम् 7/18-19
क्रौंचोष्ट्ररासभास्थीनि श्वदंष्ट्रा तालमूलिका,
अजमोदा कदम्बस्य मूलं नागरमेव च.
पीतानि शर्करां भिन्द्युः सुरयोष्णोदकेन वा.
सुश्रुत संहिता, चिकित्सा स्थानम् 7/18-19
अर्थात क्रौंच पक्षी, ऊंट और गधे की अस्थियों की भस्म, गोखरू, मूसली, अजवायन, कदंब का मूल, सौंठ आदि को सुरा या गरम पानी के साथ पीने पर शर्करा नष्ट होती है।
लोग इस नुस्ख़े में हड्डी आदि देखकर घृणा कर सकते हैं और संभव है कि वे सुश्रुत की योग्यता पर ही संदेह करने लगें लेकिन ऐसा नहीं है।
पहली बात यही बड़े आश्चर्य की है कि उन्होंने उस काल में डायबिटीज़ रोग की पहचान कर ली। यही अपने आप में उनकी बड़ी उपलब्धि है। इसके बाद उन्होंने उस पर अनुसंधान भी किया। यह और ज़्यादा ताज्जुब की बात है।
लोग इस नुस्ख़े में हड्डी आदि देखकर घृणा कर सकते हैं और संभव है कि वे सुश्रुत की योग्यता पर ही संदेह करने लगें लेकिन ऐसा नहीं है।
पहली बात यही बड़े आश्चर्य की है कि उन्होंने उस काल में डायबिटीज़ रोग की पहचान कर ली। यही अपने आप में उनकी बड़ी उपलब्धि है। इसके बाद उन्होंने उस पर अनुसंधान भी किया। यह और ज़्यादा ताज्जुब की बात है।
...कुछ लोग हड्डियों का चूरा या अण्डों के छिलकों की भस्म खाना गवारा नहीं करेंगे। हमारे पेशे नज़र उनका कल्याण करना भी है। वे लोग इसके विकल्प के तौर पर पके हुए अंजीर का इस्तेमाल करें। बाक़ी दवाएं और बकरी का दूध वैसे ही रहेगा। फलों से मिलने वाली कैल्शियम का प्रभाव पशुओं से प्राप्त होने वाली कैल्शियम के मुक़ाबले कम होता है। इसलिए इसके असर में थोड़ा ज़्यादा टाईम लग सकता है।
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