ये टीम अन्ना तो हाथ धोकर भ्रष्टाचार के पीछे पड़ गयी है. लगता है कि इसका नामो-निशान ही मिटाकर दम लेगी. कोई उन्हें समझाए कि भ्रष्टाचार हर किसी के वश की बात नहीं है. यह भी एक कला है जिसे लंबी साधना के बाद हासिल किया जाता है. कुछ लोगों ने तो अपना पूरा जीवन ही इसकी साधना में होम कर दिया है. अब जीवन के इस मुकाम पर आकर वे इसे छोड़ दें...यह उचित है..?
नेत्रदान संकल्पित पिता का, पुत्र ने संपन्न कराया नेत्रदान
-
नेत्रदान संकल्पित पिता का, पुत्र ने संपन्न कराया नेत्रदान
मुखर्जी नगर भवानी मंडी निवासी रामेश्वर प्रसाद खंडेलवाल का बुधवार रात 9 बजे
हृदयघात से आकस्मिक ...
0 comments:
Post a Comment