ये टीम अन्ना तो हाथ धोकर भ्रष्टाचार के पीछे पड़ गयी है. लगता है कि इसका नामो-निशान ही मिटाकर दम लेगी. कोई उन्हें समझाए कि भ्रष्टाचार हर किसी के वश की बात नहीं है. यह भी एक कला है जिसे लंबी साधना के बाद हासिल किया जाता है. कुछ लोगों ने तो अपना पूरा जीवन ही इसकी साधना में होम कर दिया है. अब जीवन के इस मुकाम पर आकर वे इसे छोड़ दें...यह उचित है..?
(ऐ रसूल) अगर तुम उनसे पूछो कि (भला) किसने सारे आसमान व ज़मीन को पैदा किया
और चाँद और सूरज को काम में लगाया तो वह ज़रुर यही कहेंगे कि अल्लाह ने फिर वह
कहाँ बहके चले जाते हैं
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(ऐ रसूल) अगर तुम उनसे पूछो कि (भला) किसने सारे आसमान व ज़मीन को पैदा किया
और चाँद और सूरज को काम में लगाया तो वह ज़रुर यही कहेंगे कि अल्लाह ने फिर वह
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