वो मंज़र भी बड़ा अजीब होता है,
जब कोई अपने देश के लिए शहीद होता है...
यूं तो हर किसी को नहीं मिलता ये मौका "माही" ,
देश पे मर मिटने वाला बहुत खुशनसीब होता है...
आप सभी को स्वतन्त्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें... :)
जय हिन्द...
कृपया मेरी नयी कविता पढ़ें -
चलो एक नया जहाँ बसाते हैं...
- महेश बारमाटे "माही"
6 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
स्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
bilkul sahi kaha aapne....
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारी बधाईयां
acchi prstuti... jai hind...
बिलकुल सही कहा माही जी,देश पर मर मिटने वाले खुश नसीब होते हैं हम भी जब देश के स्वतंत्रता से पूर्व के हालत और शहीदों की गाथाएं पढ़ते हैं तो बहुत अफ़सोस होता है की हम तब क्यों नहीं हुए और हमें देश पर जान लुटाने का अवसर भगवान ने क्यों नहीं दिया.
आप सभी को भी बहुत बहुत शुभकामनायें...
@ शिखा जी
आपकी बात बहुत ही सही है... काश उस वक्त हम भी हुये होते,,,
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