Monday, September 19, 2011

प्रस्थान या पलायन ? Escape

डा. दिव्या श्रीवास्तव जी अपने ब्लॉग ‘ज़ील‘ पर शायद अब और न लिखेंगी,
कारण उन्होंने यह बताया है कि किन्हीं अनुराग शर्मा जी ने एक पोस्ट लिखकर उनका अपमान कर दिया है और मर्धन्य से ब्लॉगर्स ने उनकी हां में हां मिलाई है।
यहां तक कि पाबला जी ने भी लिख डाला
‘छील कर रख दिया‘
बस यही बातें उन्हें खा गईं और वे हौसला हार बैठीं।
औरत ख़ुद को कितना ही ‘आयरन लेडी‘ लिख ले , लेकिन वास्तव में उसका दिल होता है मोम जैसा ही, जो एक आंच से ही पिघल जाता है और औरत का ही क्या ख़ुद मर्द का दिल भी ऐसा ही होता है चाहे वह कितना कह ले कि मर्द को दर्द नहीं होता।
दर्द भी होता है और टीस भी उठती है।
जो आदमी अपने रब की रज़ा की ख़ातिर उसका पैग़ाम आम करता है, सिर्फ़ वही इस दुख दर्द को ख़ातिर में नहीं लाता, वर्ना तो हरेक आदमी इसके सामने आखि़रकार घुटने टेक ही देता है।
समाज सुधारक बनना कोई हंसी खेल नहीं है।
जो इस राह पर चले वह चलने से पहले ही सोच ले कि
‘इक आग का दरिया है और डूब कर जाना है‘

9 comments:

Bharat Bhushan said...

ब्लॉगरों को मर्यादा तोड़ते देखा है और संयम खोते भी देखा है. मेरा विचार है कि दिव्या मज़बूत हैं और वे ब्लॉगिंग जारी रखेंगी.

आनन्द विश्वास said...

कलम, कभी भी आलोचकों और आलोचनाओं
के सामने झुकी नहीं है.सफल नाविक तो वही
होता है , जो प्रवाह के विपरीत दिशा में नाव
चलाये. ऐसे झंझावात, मुश्किलें और विरोध
तो जीवन में आयेंगे ही. और कलम को उसका
सामना करना ही होगा.
' जब अति होगी तो इति भी होगी '
आनन्द विश्वास
अहमदाबाद

आकुल said...

हि‍म्‍मत हारने से काम नहीं चलता। ऐसे अवरोध तो आयेंगे ही, इससे तो इस बात को बल मि‍लता है, कि‍ नारी आज भी कमज़ोर है, मुझे पूरा वि‍श्‍वास है, एक तूफ़ान आया है, जज्‍़बात की रौ में बह कर उन्‍होंने कह दि‍या होगा, जि‍सने भी ऐसा लि‍खा है, कि‍ उनको चोट पहुँची, तो यह उसकी क्रूरता है, नारी को समझने की उसमें फि‍तरत ही नहीं,उफ़ कैसे रहता होगा वह इस बोझ को सहता हुआ उनके बीच वह, खै़र मैं तो बस इतना कहूँगा-

वक्‍़त के घावों पे वक्‍़त ही मरहम लगायेगा।
वक्‍़त ही अपने परायों की पहचान करायेगा।
वक्‍़त की हर शै का चश्‍मदीद है आईना 'आकुल'
पीछे मुड़ के देखा तो वक्‍़त नि‍कल जायेगा।।

Kunwar Kusumesh said...

दिव्या जी संभवतः ठन्डे दिमाग से पुनर्विचार करेंगी और करना भी चाहिए.जीवन में तमाम तरह के उतार-चढाव तो आते-जाते रहते ही हैं.सभी के दोस्त और दुश्मन दोनों ही हैं इस दुनियां में.इनसे हार क्या मानना.

vedvyathit said...

smaj sudhark hona ek bat hai pr bina tthyon ko jane kuchh bhi kh dena shdyntr kari hona hai n ki smaj sudhark lkir ke fkir bn kr doosro ke dosh dekhna apni khat bhitr rkhna khan ka sudhar vd hai is blog pr kb aatnkiyon ki ninda ki gai hai kb afjl ko fansi ke liye kha gya hai kb kasmir ke pnditon ke punrvas pr jor diya hai kya ye jroori mudde nhi hain

Vineet Mishra said...

baat to apki ekdum theek hai ji


kripaya hamare blog par padarpan karne ki kripa kare-

tanhaayaadein.blogspot.com

DR. ANWER JAMAL said...

@ वेद व्यथित जी ! आपको ब्लॉग जगत में विचरण करते हुए इतना अर्सा हो गया लेकिन कमेंट करने की तमीज़ आज तक न आ सकी।
यह ब्लॉग जगत के समाचार देने वाला एक ब्लॉग है।
दिव्या जी के जाने के संबंध में है यह पोस्ट।
सभी आदरणीय महानुभावों ने इसी विषय में अपने विचार प्रकट किए हैं।
आप को भी इसी विषय पर विचार देने थे लेकिन आप बात कर रहे हैं अफजल गुरू और कश्मीरी पंडितों की।
थोड़ा सलीका सीख लीजिए पोस्ट पर कमेंट करने का।
फिलहाल आपके लिए यही धिक्कार बहुत है।

दिनेशराय द्विवेदी said...

मै तो डाक्टर दिव्या की ताजा पोस्ट की प्रतीक्षा में हूँ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

लगता है व्यथित जी ने कमेंट व्यथित होकर लिखा है!

‘ब्लॉग की ख़बरें‘

1- क्या है ब्लॉगर्स मीट वीकली ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_3391.html

2- किसने की हैं कौन करेगा उनसे मोहब्बत हम से ज़्यादा ?
http://mushayera.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

3- क्या है प्यार का आवश्यक उपकरण ?
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

4- एक दूसरे के अपराध क्षमा करो
http://biblesmysteries.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

5- इंसान का परिचय Introduction
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/07/introduction.html

6- दर्शनों की रचना से पूर्व मूल धर्म
http://kuranved.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

7- क्या भारतीय नारी भी नहीं भटक गई है ?
http://lucknowbloggersassociation.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

8- बेवफा छोड़ के जाता है चला जा
http://kunwarkusumesh.blogspot.com/2011/07/blog-post_11.html#comments

9- इस्लाम और पर्यावरण: एक झलक
http://www.hamarianjuman.com/2011/07/blog-post.html

10- दुआ की ताक़त The spiritual power
http://ruhani-amaliyat.blogspot.com/2011/01/spiritual-power.html

11- रमेश कुमार जैन ने ‘सिरफिरा‘ दिया
http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/07/blog-post_17.html

12- शकुन्तला प्रेस कार्यालय के बाहर लगा एक फ्लेक्स बोर्ड-4
http://shakuntalapress.blogspot.com/

13- वाह री, भारत सरकार, क्या खूब कहा
http://bhadas.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

14- वैश्विक हुआ फिरंगी संस्कृति का रोग ! (HIV Test ...)
http://sb.samwaad.com/2011/07/blog-post_16.html

15- अमीर मंदिर गरीब देश
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

16- मोबाइल : प्यार का आवश्यक उपकरण Mobile
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/mobile.html

17- आपकी तस्वीर कहीं पॉर्न वेबसाइट पे तो नहीं है?
http://bezaban.blogspot.com/2011/07/blog-post_18.html

18- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अब तक लागू नहीं
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_19.html

19- दुनिया में सबसे ज्यादा शादियाँ करने वाला कौन है?
इसका श्रेय भारत के ज़ियोना चाना को जाता है। मिजोरम के निवासी 64 वर्षीय जियोना चाना का परिवार 180 सदस्यों का है। उन्होंने 39 शादियाँ की हैं। इनके 94 बच्चे हैं, 14 पुत्रवधुएं और 33 नाती हैं। जियोना के पिता ने 50 शादियाँ की थीं। उसके घर में 100 से ज्यादा कमरे है और हर रोज भोजन में 30 मुर्गियाँ खर्च होती हैं।
http://gyaankosh.blogspot.com/2011/07/blog-post_14.html

20 - ब्लॉगर्स मीट अब ब्लॉग पर आयोजित हुआ करेगी और वह भी वीकली Bloggers' Meet Weekly
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/bloggers-meet-weekly.html

21- इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
http://www.sahityapremisangh.com/2011/07/blog-post_3678.html

22- इसलाम में आर्थिक व्यवस्था के मार्गदर्शक सिद्धांत
http://islamdharma.blogspot.com/2012/07/islamic-economics.html

23- मेरी बिटिया सदफ स्कूल क्लास प्रतिनिधि का चुनाव जीती
http://hbfint.blogspot.com/2011/07/blog-post_2208.html

24- कुरआन का चमत्कार

25- ब्रह्मा अब्राहम इब्राहीम एक हैं?

26- कमबख़्तो ! सीता माता को इल्ज़ाम न दो Greatness of Sita Mata

27- राम को इल्ज़ाम न दो Part 1

28- लक्ष्मण को इल्ज़ाम न दो

29- हरेक समस्या का अंत, तुरंत

30-
अपने पड़ोसी को तकलीफ़ न दो
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