हिंदी ब्लॉग जगत ने रमज़ान का इस्तक़बाल अपने ख़ास अंदाज़ में किया है। इस मौक़े पर बहुत से लेख लिखे गए और बहुत सी कविताएं लिखी गईं और इसके अलावा दूसरी गतिविधियां भी जारी रहीं। इन सबको एक साथ यशोदा अग्रवाल जी ने अपनी चर्चा में समेटने की ख़ूबसूरत कोशिश की है। देखिए उनकी यादगार चर्चा-
"मोजो मीडिया" (Mojo Media) मोबाइल जर्नलिज्म (Mobile Journalism)
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"मोजो मीडिया" (Mojo Media) मोबाइल जर्नलिज्म (Mobile Journalism) आज की जरूरत।
[image: Mojo Media]
पत्रकारिता के लिए सबसे बड़ी चुनौती हमेशा से यह रही है कि...
3 comments:
दुनिया में हो शांती, आपस का विश्वास ।
महिना यह रमजान का, बड़ा मुबारक मास ।
बड़ा मुबारक मास, बधाई सबको भाई ।
भाई चारा बढे, ख़त्म होवे अधमाई ।
रविकर धर्मम चरति, धर्म में कहाँ खराबी ?
करे धर्म कल्याण, सुधारे जीवन- भावी ।
बहुत उम्दा जज़्बा पिन्हां है इन अल्फ़ाज़ में.
शुक्रिया !
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
इस प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
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