डा. अयाज़ अहमद साहब अपने ब्लॉग ‘सोने पे सुहागा‘ पर बता रहे हैं
(1) अपनी हैसियत बढ़ाने की ख्वाहिश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की आदत
भारत भ्रष्टाचार में जकड़ा हुआ है और भ्रष्टाचार से लड़ने वाली टीम अन्ना को
देश की जनता तन्हा छोड़ चुकी है। लोकपाल तो जैसे तैसे अब बन कर ही रहेगा मगर
क्या मुल्क की अवाम को अपने आप को बदलने का अहसास हो पाएगा ?
अहम मुददे भी यहां अपने अहं की भेंट चढ़ा दिए जाते हैं।
ब्लॉग जगत में भी मुददे को नहीं नाम और हैसियत को समर्थन दिया जाता है।
अहम मुददे भी यहां अपने अहं की भेंट चढ़ा दिए जाते हैं।
ब्लॉग जगत में भी मुददे को नहीं नाम और हैसियत को समर्थन दिया जाता है।
1 comments:
इंसान जो कुछ करे, यह पहले सोच ले कि इसका अंजाम क्या होगा ?
क्योंकि एक दिन उसके सामने अंजाम आकर रहेगा, तब क्या क़ियामत गुज़रेगी ?
कितनी ज़िल्लत और रूसवाई होगी ?
सारी उम्र की कमाई हुई इज़्ज़त को बट्टा भी लगेगा और दुश्मनों को ठठ्ठा करने का मौक़ा भी मिलेगा।
नेक नसीहत देती हुई इस पोस्ट को ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ पर सजा दिया गया है।
‘ब्लॉग की ख़बरें‘ हिंदी ब्लॉग जगत का पहला समाचार पत्र है जो कि ब्लॉग की ख़बरें देता है और नैतिकता के प्रतिमान अपने पाठकों के सामने रखता है ताकि वे धोखे और ज़िल्लत के रास्ते बच सकें।
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