महमूद ग़ज़नवी ने सोमनाथ मंदिर को क्यों लूटा?-एक परिचर्चा
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महमूद ग़ज़नवी के हमले को इसलाम से जोड़ना देश-हित में नहीं है.
हक़ीक़त यह है कि महमूद ग़ज़नवी ने माल लूटने के लिये हमला किया और माल लूटकर मंदिर हिन्दुओं के लिये ही छोड़ दिया. अगर वह इस्लाम फैलाने के लिये मंदिर तोडता तो वह उसे मस्जिद ज़रूर बनाता और तब उसे रोकने वाला कोई न था.
अंत में हम विजय जी से और उन जैसे सभी लेखकों से निवेदन करेंगे कि इतिहास को न बिगाड़ें. वह जैसा है उसे उसी रूप में देखें. उसमें अपनी तरफ से राजनैतिक मसालों का छौंक लगाकर न परोसें. महमूद ग़ज़नवी के आने के समय जो यहाँ राज्य कर रहे थे. वे इस देश के हज़ारों छोटे छोटे टुकड़े किये बैठे थे. उन्हें आदर्श के रूप में देखना देश के हित में नहीं है. देश की अखंडता को बनाये रखने के लिये नफरत फैलाना छोड़कर प्रेम को बढ़ाने की बात करें.
4 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (10-10-2013) "दोस्ती" (चर्चा मंचःअंक-1394) में "मयंक का कोना" पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (10-10-2013) "दोस्ती" (चर्चा मंचःअंक-1394) में "मयंक का कोना" पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय शास्त्री जी ! आपकी चर्चा देखी, अछि लगी.
बहुत बढ़िया चर्चा.......
सभी लिंक्स शानदार.....
हमारी रचना शामिल करने का शुक्रिया !
नमस्कार जमाल जी
मैंने आपका कमेन्ट कही पढ़ा था जिसमे आपने मुहासे के लिए क्रैब एपल दवा का प्रयोग बताया था कृपया मुझे बताये कि ये दवा कहा मिलेगी और कैसे प्रयोग करना है .
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