सचमुच यह ब्लॉग जगत की एक यादगार घटना है और ब्लॉगर पलाश के विश्लेषण ने तो इस घटना को अद्भुत ही बना डाला है।
http://aprnatripathi.blogspot.com
पर उन्होंने जनाब सलीम ख़ान साहब के उस लेख की सराहना की है जिसे उन्होंने 6 शीर्षक के साथ कल 6 ब्लॉगस पर अलग अलग प्रकाशित किया था और वे सभी शीर्षक उस लेख पर सटीक भी बैठते हैं ।
ब्लॉगर अपर्णा द्वारा भाई सलीम की तारीफ़ इसलिए अद्भुत है कि उनके खास प्रशंसक वहाँ बैठे हुए उन्हें डरा रहे हैं कि देखो अब आपकी आलोचना करने के लिए कौवे आएंगे । नफ़रत के ज़हर में गले तक डूबे हुए लोगों के संपर्क में रहने के बावजूद भी पलाश जी ने अपना विवेक नहीं गंवाया और अपनी प्रशंसक मंडली के बुरा मानने की परवाह किए बिना उन्होंने एक मुसलमान के ऐसे लेख की तारीफ की जो इसलाम और मुसलमानों की तारीफ से भरा हुआ है और कन्या भ्रूण हत्या के बारे में यह कहता है कि इसलामी शिक्षा के कारण भारत का मुस्लिम समाज इस भयावह जुर्म से पूरी तरह पाक है ।
उनके ईमानदार निष्कर्ष पर आप भी वही कहेंगे जो कि हमने कहा :
'आपने काफी मेहनत के बाद जो निष्कर्ष निकाला है वह एकदम सही है और हरेक दुराग्रह से मुक्त है ।
बधाई !
आपके इस सराहनीय ब्लॉग शोध की चर्चा 'ब्लॉग की खबरें' में की जाएगी जो कि ब्लॉग जगत का इकलौता समाचार पत्र है ।'
भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के आह्वान पर आगामी 14 दिसम्बर को दिल्ली में
आयोजित होने वाली वोट चोर , गद्दी छोड़ महारैली की कोटा जिला कांग्रेस में
तय्यारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई कांग्रेस के कई पदाधिकारी , अधिकतम
पदाधिकारी नदारद रहे
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भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के आह्वान पर आगामी 14 दिसम्बर को दिल्ली में
आयोजित होने वाली वोट चोर , गद्दी छोड़ महारैली की कोटा जिला कांग्रेस में
तय्यारियों...
2 comments:
हमने तो ब्लॉगर पलाश की तारीफ़ की और उनकी पोस्ट का मुफ़्त में प्रचार किया लेकिन वह कह रही हैं कि ऐसा करना कॉपीराइट एक्ट के अंतर्गत जुर्म है ।
भाई अख़्तर ख़ान साहब
और शालिनी कौशिक जी
से पूछा जाएगा कि पलाश जी की आपत्ति कितनी उचित है ?
फिलहाल तो हमने उनसे कह दिया है कि
'कॉपी राइट के अंतर्गत यह नहीं आता है । मैं ऐसा ही करूँगा क्योंकि यह वैधानिक है और एक पत्रकार को घटना की कवरेज से नहीं रोका जा सकता। ऐसा करना सूचना के मौलिक अधिकार का हनन करना है । अतः आपकी आपत्ति फ़िज़ूल है ।
आपने भी तो सलीम जी की पोस्ट की अच्छाई की तारीफ की है क्या आपने उनसे लिखित रूप से कोई अनुमति ली थी ?
हमने भी आपकी पोस्ट की तारीफ़ ही की है । आपकी पोस्ट के किसी अंश का उपयोग नहीं किया है। '
ये कैसा पत्रकार है जिसे इतनी भी समझ नही है कि आलोचना क्याहोती है और प्रशंसा क्या? हा हा हा
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