यह जानने के लिए देखें ‘अनवरत‘ पर वकील साहब द्विवेदी जी की मर्माहत कर देने वाली पोस्ट।
http://anvarat.blogspot.com/2011/06/blog-post_22.html
या ये कह बैठो कि (हम क्या करें) हमारे तो बाप दादाओं ही ने पहले शिर्क किया
था और हम तो उनकी औलाद थे (कि) उनके बाद दुनिया में आए तो क्या हमें उन लेागों
के ज़ुर्म की सज़ा में हलाक करेगा जो पहले ही बातिल कर चुके
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तो (ऐ रसूल यहूद को याद दिलाओ) जब हम ने उन (के सरों) पर पहाड़ को इस तरह लटका
दिया कि गोया साएबान (छप्पर) था और वह लोग समझ चुके थे कि उन पर अब गिरा और
ह...
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