ये टीम अन्ना तो हाथ धोकर भ्रष्टाचार के पीछे पड़ गयी है. लगता है कि इसका नामो-निशान ही मिटाकर दम लेगी. कोई उन्हें समझाए कि भ्रष्टाचार हर किसी के वश की बात नहीं है. यह भी एक कला है जिसे लंबी साधना के बाद हासिल किया जाता है. कुछ लोगों ने तो अपना पूरा जीवन ही इसकी साधना में होम कर दिया है. अब जीवन के इस मुकाम पर आकर वे इसे छोड़ दें...यह उचित है..?
शाइन इंडिया के सहयोग से संभाग में दो नेत्रदान संपन्न
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2. परिवार में परंपरा बनता जा रहा है नेत्रदान
शाइन इंडिया फाउंडेशन के नेत्रदान जागरुकता अभियान से ...
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