(सरकार कुछ देना चाहे और नागरिक आपसी मतभेद के कारण उसे ले नहीं पायें तो दोष किसका..?...कुछ ऐसी ही कहानी है झारखंड के चर्चित कोयलांचल धनबाद के बाघमारा प्रखंड के अनुमंडल निर्माण की. लम्बे आंदोलन के बाद सरकार राजी हुई तो दो उपनगरों के बीच मुख्यालय के स्थल चयन को लेकर ठन गयी....इस प्रकरण पर शंकर साव की रिपोर्ट...
और बाज़ बन्दे ऐसे हैं कि जो दुआ करते हैं कि ऐ मेरे पालने वाले मुझे दुनिया
में नेअमत दे और आखि़रत में सवाब दे और दोज़ख़ की आग से बचा (201) यही वह लोग
हैं जिनके लिए अपनी कमाई का हिस्सा चैन है
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और बाज़ बन्दे ऐसे हैं कि जो दुआ करते हैं कि ऐ मेरे पालने वाले मुझे दुनिया
में नेअमत दे और आखि़रत में सवाब दे और दोज़ख़ की आग से बचा (201)
यही वह लोग हैं ...
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