आपके आदेशानुसार अपनी हाल की रचनाओं का नाम और लिंक आपको भेज रहा हूँ |
अलबत्ता सब के सब इकट्ठा हो कर हमारी बारगाह में हाजि़र किए जाएँगे
-
क्या उन लोगों ने इतना भी ग़ौर नहीं किया कि हमने उनसे पहले कितनी उम्मतों को
हलाक कर डाला और वह लोग उनके पास हरगिज़ पलट कर नहीं आ सकते (31)
(हाँ) अलबत्ता स...
1 comments:
लिंक हम चक पहुँचाने के लिए शुक्रिया!
Post a Comment