साहित्य का बलात्कार आखिर हो ही गया .
यह कहना है वंदना गुप्ता जी का .
देखिये उनकी कविता और बताइए कौन है यह बलात्कारी ?
तलाश कीजिये बलात्कार करने वाले को और उसकी वाह वाह करने वालों को .
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2 comments:
http://indianwomanhasarrived.blogspot.in/2012/05/ncw.html
शीर्षक अजीब है.
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