मौसम की बदहाली से.
पत्ते छूटे डाली से.
टप-टप आंखों से टपके
कुछ आंसू घडियाली से.
ग़ज़लगंगा.dg: कुछ आंसू घडियाली से:
'via Blog this'
परिवार में, परंपरा बना नेत्रदान
-
परिवार में, परंपरा बना नेत्रदान
2. नेत्रदानी-देहदानी परिवार में फिर संपन्न हुआ नेत्रदान
आज सुबह आदित्य मार्ग,गुलाब बाड़ी,निवासी पंकज लोढ़ा के पिताजी व
...
0 comments:
Post a Comment