मौसम की बदहाली से.
पत्ते छूटे डाली से.
टप-टप आंखों से टपके
कुछ आंसू घडियाली से.
ग़ज़लगंगा.dg: कुछ आंसू घडियाली से:
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और अपनी (क़ौम की) बेशौहर औरतों और अपने नेक बख़्त गुलामों और लौंडियों का
निकाह कर दिया करो अगर ये लोग मोहताज होंगे तो खुदा अपने फज़ल व (करम) से
उन्हें मालदार बना देगा और ख़ुदा तो बड़ी गुनजाइश वाला वाकि़फ कार है
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और (ऐ रसूल) इमानदार औरतों से भी कह दो कि वह भी अपनी नज़रें नीची रखें और
अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें और अपने बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी
पर) ज़ा...
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