धीरे-धीरे कट रहा है हर नफ़स का तार क्यों.
जिंदगी से हम सभी हैं इस कदर बेजार क्यों.
हम खरीदारों पे आखिर ये नवाजिश किसलिए
घर के दरवाज़े तलक आने लगा बाज़ार क्यों.
दूध के अंदर किसी ने ज़ह्र तो डाला ही था
यक-ब-यक बच्चे भला पड़ने लगे बीमार क्यों.
धूप में तपती नहीं धरती जहां एक रोज भी
रात दिन बारिश वहां होती है मुसलाधार क्यों.
बात कुछ तो है यकीनन आप चाहे जो कहें
आज कुछ बदला हुआ है आपका व्यवहार क्यों.
पांव रखने को ज़मी कम पड़ रही है, सोचिये
यूं खिसकता जा रहा है आपका आधार क्यों.
---देवेंद्र गौतम
ग़ज़लगंगा.dg: धीरे-धीरे कट रहा है हर नफ़स का तार क्यों:
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श्रीमती वसुंधरा, कृष्ण कुमार गोयल, भुवनेश जी , धारीवाल जी, ओम जी के
महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बावुजूद भी कोटा सम्भाग के वकीलों को महत्वपूर्ण
अधिवक्ता पद नहीं, हाईकोर्ट जज पैनल में नहीं, कोटा में हाईकोर्ट बेंच,
वर्चुअल बेंच मांग जस की तस, कोटा मिनी सचिवालय नहीं,
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श्रीमती वसुंधरा, कृष्ण कुमार गोयल, भुवनेश जी , धारीवाल जी, ओम जी के
महत्वपूर्ण पदों पर रहने के बावुजूद भी कोटा सम्भाग के वकीलों को महत्वपूर्ण
अधिवक्ता ...
1 comments:
उम्दा -
बहुत बढ़िया-
आभार आदरणीय ||
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